नार्मल डिलीवरी पर जोर
शास्त्री अस्पताल में नार्मल डिलीवरी पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि नार्मल डिलीवरी अधिक से अधिक हो रहे हैं। इससे मरीज को भी राहत है और खतरा भी कम है। कोरोनाकाल के बाद अगस्त 2021 से डिलीवरी के लिए मरीजों को पहले की तरह लिया जाने लगा। इसके बाद डिलीवरी की संख्या में इजाफा हुआ है। एक-एक माह में 80 और 90 डिलीवरी को अंजाम दिया गया है।
सीजेरियन डिलीवरी भी हुई है अस्पताल में
नार्मल के साथ-साथ सीजेरियन डिलीवरी भी शास्त्री अस्पताल में हुई है। यहां करीब 82 का सीजेरियन डिलीवरी हुआ है। मरीज पहले सीजेरियन के नाम से निजी अस्पतालों की ओर भागते थे। अब वे भरोसे के साथ सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
502 महिलाओं का किए नसबंदी
सिविल हॉस्पिटल, सुपेला में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 502 महिलाओं का नसबंदी किया गया है। कोरोनाकाल के दौरान नसबंदी ऑपरेशन बंद था, जिसकी वजह से बहुत से लोग इसके लिए इंतजार कर रहे थे। अब नियमित नसबंदी किया जा रहा है। इसमें भी मितानिनों की भूमिका अहम होती है। वे ही महिलाओं को प्रोत्साहित कर अस्पताल तक लेकर आती हैं। इस साल में मोतियाबिंद ऑपरेशन भी 164 से अधिक हो चुके हैं।
संस्थागत प्रसव मुनाफा का बना जरिया
राष्ट्रीय ग्रमीण स्वास्थ्य मिशन के आंकड़े के मुताबिक संस्थागत प्रसव में इजाफा हो रहा है। संस्था में प्रसव करने वाले मरीज को 1400 रुपए नकद, आने जाने के लिए महतारी एक्सप्रेस की मुफ्त सुविधा, 48 घंटे तक मुफ्त चिकित्सा व सालभर शिशु व माता को नि:शुल्क उपचार व फ्री दवाइयां दी जाती हैं। इसके अलावा प्रेरित करने वाली मितानिन को 600 रुपए दिए जाते हैं।
सिविल अस्पताल की टीम ने किया बेहतर प्रयास
डॉक्टर पीयम सिंह, प्रभारी चिकित्सक अधिकारी, सिविल हॉस्पिटल, सुपेला ने बताया कि टीम को प्रोत्साहित करने से ही सफलता मिलती है। चिकित्सक और कर्मचारी खुशी से काम करते हैं तो रिजल्ट बेहतर आता है। कलेक्टर, सीएमएचओ व सीएस के निर्देश पर काम किया जा रहा है।