शहर एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि एसएसपी के निर्देशन में मामले की जांच की गई। 10 संदेहियों से पूछताछ में आरोपी कुंवरसिंह गौड़ भी शामिल था। आरोपी कुंवर सिहं मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले का रहने वाला है। वह एक साल से एनएच के किनारे बन रहे नवनिर्मित हॉस्पिटल बिल्डिंग में मजदूरी के साथ गार्ड का काम देखता था। एक नवम्बर से हॉस्पिटल प्रबंधन ने रिसाली निवासी मृतक सन्नी जॉन को चौकीदारी के लिए रख लिया। उसी बिल्डिंग में कुंवर रहता था। इस कारण चौकीदार सन्नी से दोस्ती हो गई।
एएसपी ने बताया कि 24 नवंबर की रात करीब 8 बजे के कुंवर सिंह और सन्नी बैठे थे। सन्नी ने कुंवर को हाइलोजन लाइट को आदेश देने के अंदाज में बंद करने के लिए कहा। कुंवर ने मना कर दिया। इस पर सन्नी ने उसे अपशब्द कहा। इसी बात पर दोनों का विवाद हो गया। सन्नी ने कुंवर को गाली देते हुए कॉलर पकड़कर जमीन से ऊपर उठा दिया। इसके बाद कुंवर अपने कमरे में गया। वहां से हैमर छुपाकर ले आया। सन्नी से कहा कि तुमने गाली देकर ठीक नहीं किया। तुम इसका खामियाजा भुगते के लिए तैयार रहना। इस पर सन्नी ने उसे दो थप्पड़ जड़ दिया।
दोनों में फिर विवाद हो गया और एक दूसरे के बीच धक्का मुक्की होना लगा। इस संघर्ष में कुंवर के शर्ट का बटन टूटकर घटना स्थल पर गिर गया। सन्नी अपने बिल्डिंग के नीचे जाने लगा। कुंवर तैश में आकर पीछे से सन्नी के सिर पर हैमर से वार कर दिया। जिससे सन्नी जमीन पर गिर गया। इसके बाद उसने पास में पड़े कांक्रीट पत्थर को उठाया और सन्नी के ऊपर दो बार पटक दिया। वह मरणासन्न हो गया। उसे छोड़कर कमरे में चला गया।
सीएसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि बिल्डिंग में काम चल रहा है। वहीं 9 मजदूर काम कर सोते है। इस पूरे घटना की किसी को कानोकान भनक नहीं लगी। कुंवर ने घटना को अंजाम देकर अपने कमरे में गया। जहां डेक (बाजा) चालू कर लिया। अंडा भुर्जी बनाकर खाया और शराब पिया। इसके बाद चौकीदार मरा की नहीं यह देखने घटना स्थल पर पहुंचा। सन्नी की सांसे चल रही थी। वह चाकू लेकर आया और गले को तीन जगह रेत कर मौत के घाट उतार दिया। फिर अपने कमरे में जाकर सो गया।
एएसपी ने बताया कि कुंवर सिंह गौड़ की पत्नी ने उसे छोड़ दिया है। जिसके कारण वह विचलित रहता था। लगातार उससे पूछताछ की गई। वह यही बोलता था कि कुछ भी हो जाए, लेकिन जुर्म स्वीकार नहीं करुंगा। जबकि पुलिस के पास खून के निशान, हैमर में खून के निशान, कपड़े फटे यहां तक उसके शर्ट के बटन घटना स्थल पर मिला था। बावजूद कुवंर जुर्म से इनकार कर रहा था।
इसके बाद पुलिस ने बिल्डिंग से थोड़ी दूरी पर दुकान चलाने वाली महिला का पता किया। जिससे कुंवर बातचीत करता था। महिला को थाना लाया गया। महिला ने कुंवर से बात की। तब जाकर उसने पूरी सच्चाई उगला। कुंवर ने पुलिस को कहा भी उन्होंने सच उगलवाने का अच्छा तरीका ढूंढा है। यदि ऐसा न करते तो जान चली जाती लेकिन वह सच कबूलने वाला नहीं था।
टीआई जितेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में एएसआई किरेन्द्र सिंह, आरक्षक क्रांति शर्मा, तिलेश्वर राठौर, मनीष अग्निहोत्री और सनत भारती ने घटना स्थल से बेहद अहम सुराग बटन को कलेक्ट किया। यही आरोपी तक पहुंचने का मुख्य साक्ष्य बना। मौके से खून के छीटे वाली हैमर और कांक्रीट पत्थर को घटना के दिन ही बरामद कर लिया था। इधर एसआई दिनेश कुमार, राजेन्द्र वानखेड़े, आरक्षक जावेद खान, प्रदीप ठाकुर, केशव साहू, मोहम्मद फारुख, चित्रसेन, धीरेन्द्र यादव, जगदीश सिंह जग्गा की विशेष भूमिका रही। पुलिस को फॉरेसिंक में जांच कराने पर कुंवर सिंह के शर्ट की बटन निकली और उसकी शर्ट में खून के छीटे मिले थे। जब उसकी जांच कराई गई तो पता चला कि खून मृतक सन्नी जॉन का ही है।