आवाज उठाने वालों पर की गई कार्रवाई
बीएसपी में मजदूरों को 3 से 5 माह का वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ में श्रमिक नेताओं ने प्रदर्शन किया। तब उन श्रमिक नेताओं को खामोश करने प्रबंधन ने सख्ती बरता और पुराने प्रकरण निकालकर कार्रवाई की। सीटू के ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश कुमार सोनी को डेढ़ साल पुराने मामले में चार दिनों के लिए निलंबित किया। इसके बाद एक कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। अध्यक्ष जमील अहमद, सचिव मनीष सहगल को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए। लोकतांत्रिक इस्पात मजदूर यूनियन के महासचिव सुरेंद्र मोहंती को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
बीएसपी में मजदूरों को 3 से 5 माह का वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ में श्रमिक नेताओं ने प्रदर्शन किया। तब उन श्रमिक नेताओं को खामोश करने प्रबंधन ने सख्ती बरता और पुराने प्रकरण निकालकर कार्रवाई की। सीटू के ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश कुमार सोनी को डेढ़ साल पुराने मामले में चार दिनों के लिए निलंबित किया। इसके बाद एक कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। अध्यक्ष जमील अहमद, सचिव मनीष सहगल को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए। लोकतांत्रिक इस्पात मजदूर यूनियन के महासचिव सुरेंद्र मोहंती को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
समस्याओं को सामने रखना क्या गुनाह
इस मौके पर एक्टू के नेता श्याम लाल साहू ने कहा कि श्रमिकों की समस्याओं को सामने रखने पर प्रबंधन इसके समाधान के लिए सकारात्मक पहल नहीं कर रहा है। यह बेहद गंभीर विषय है। प्रबंधन के मजदूर विरोधी रुख को साफ करता है। श्रमिक नेताओं के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस मौके पर एक्टू के नेता श्याम लाल साहू ने कहा कि श्रमिकों की समस्याओं को सामने रखने पर प्रबंधन इसके समाधान के लिए सकारात्मक पहल नहीं कर रहा है। यह बेहद गंभीर विषय है। प्रबंधन के मजदूर विरोधी रुख को साफ करता है। श्रमिक नेताओं के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
न्यूनतम मजदूरी का भुगतान तय हो
बीएसपी व उसके संपूर्ण दायरे में कार्यरत ठेका श्रमिकों को लंबे समय से न तो न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, न वेतन पर्ची व हाजिरी कार्ड दिया जा रहा है और न ही पीएफ पर्ची दी जा रही है। 10 तारीख तक वेतन भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
बीएसपी व उसके संपूर्ण दायरे में कार्यरत ठेका श्रमिकों को लंबे समय से न तो न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, न वेतन पर्ची व हाजिरी कार्ड दिया जा रहा है और न ही पीएफ पर्ची दी जा रही है। 10 तारीख तक वेतन भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
जनवरी, 2017 से लंबित वेतन समझौते को जल्द करें
सरकार व प्रबंधन ने जनवरी, 2017 से लंबित वेतन समझौते को अफोर्डेबिलिटी क्लॉज का अड़ंगा लगाकर लटका देने, छुट्टी के नकदीकरण पर लंबे समय से रोक लगाने, हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) व पेंशन समस्या का समाधान न होने, वर्षों से मंथली इंसेंटिव के रिवाइज न होने, वार्षिक बोनस व ग्रेच्युटी पर सीलिंग एक्ट लगा देने और सम्मानजनक वार्षिक बोनस (एक्सग्रेसिया) न मिलने से कर्मियों में निरंतर आक्रोश बढ़ता जा रहा है तथा काम के प्रति उत्साह कम होता जा रहा है।
सरकार व प्रबंधन ने जनवरी, 2017 से लंबित वेतन समझौते को अफोर्डेबिलिटी क्लॉज का अड़ंगा लगाकर लटका देने, छुट्टी के नकदीकरण पर लंबे समय से रोक लगाने, हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) व पेंशन समस्या का समाधान न होने, वर्षों से मंथली इंसेंटिव के रिवाइज न होने, वार्षिक बोनस व ग्रेच्युटी पर सीलिंग एक्ट लगा देने और सम्मानजनक वार्षिक बोनस (एक्सग्रेसिया) न मिलने से कर्मियों में निरंतर आक्रोश बढ़ता जा रहा है तथा काम के प्रति उत्साह कम होता जा रहा है।
एक दिवसीय प्रदर्शन में जुटे तमाम यूनियन के नेता
सेक्टर- 1 चौक में ठेका श्रमिक यूनियन सीटू, सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू), लोकतांत्रिक इस्पात व इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन (लोइमु), छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा समन्वय समिति, नगरीय निकाय, जनवादी सफाई कामगार यूनियन, एक्टू, भिलाई लोक सृजन समिति ने संयुक्त यूनियन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया। इस मौके पर एक ज्ञापन बीएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नाम सौंपा गया। इस मौके पर सीटू के महासचिव डीवीएस रेड्डी ने पहुंचकर इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।
सेक्टर- 1 चौक में ठेका श्रमिक यूनियन सीटू, सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू), लोकतांत्रिक इस्पात व इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन (लोइमु), छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा समन्वय समिति, नगरीय निकाय, जनवादी सफाई कामगार यूनियन, एक्टू, भिलाई लोक सृजन समिति ने संयुक्त यूनियन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया। इस मौके पर एक ज्ञापन बीएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नाम सौंपा गया। इस मौके पर सीटू के महासचिव डीवीएस रेड्डी ने पहुंचकर इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।
प्रबंधन से की यह मांग :-
– ठेका प्रथा आधुनिक गुलामी है, इस पर रोक लगाएं,
– श्रम-कानूनों व सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराएं,
– अफोर्डेबिलिटी क्लॉज हटाया जाए, वेतन समझौता जल्द संपन्न कराएं,
– सेल पेंशन योजना बिना भेदभाव के जल्द लागू किया जाए,
– ठेका श्रमिकों को पहचान पत्र, हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची, पीएफ पर्ची, ईएसआई की सुविधा व समय पर वेतन तय किया जाए।
– सीवरेज व ड्रेनेज लाइन के सफाई के लिए मशीन की व्यवस्था हो,
– सफाई कामगारों को सुरक्षा के तहत मास्क, तौलिया, गमबूट, साबुन, तेल दिया जाए।
– ठेका प्रथा आधुनिक गुलामी है, इस पर रोक लगाएं,
– श्रम-कानूनों व सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराएं,
– अफोर्डेबिलिटी क्लॉज हटाया जाए, वेतन समझौता जल्द संपन्न कराएं,
– सेल पेंशन योजना बिना भेदभाव के जल्द लागू किया जाए,
– ठेका श्रमिकों को पहचान पत्र, हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची, पीएफ पर्ची, ईएसआई की सुविधा व समय पर वेतन तय किया जाए।
– सीवरेज व ड्रेनेज लाइन के सफाई के लिए मशीन की व्यवस्था हो,
– सफाई कामगारों को सुरक्षा के तहत मास्क, तौलिया, गमबूट, साबुन, तेल दिया जाए।