वैक्सीन ने किया रामबाण का काम
जिला में वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य विभाग ने फोकस किया, जिसके बाद धीरे-धीरे मौत के मामले कम होते चले गए। लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे थे, लेकिन घर पर रहकर भी ठीक होते जा रहे थे। अस्पताल तक भी जाने की नौबत नहीं आ रही थी। इस वजह से यह कहा जा सकता है कि असल में वैक्सीन ने रामबाण का काम किया।
4 गुना घटे नए मामले
दुर्ग जिला में अप्रैल 2022 के दौरान कोरोना के नए केस मार्च 2022 की अपेक्षा खासे कम मिले हैं। मार्च में जहां कोरोना के 86 नए मरीज मिले थे। वहीं अप्रैल में यह संख्या घटकर 22 रह गई है। इस तरह से 4 गुना नए मामले घटे हैं। यह कहा जा सकता है कि जिला में पिछले माह की अपेक्षा कोरोना का ग्राफ गिरा है। इस दौरान संक्रमितों की संख्या कई बार सिफर (शून्य) भी रही है, जो जिला के लिए राहत की बात रही है।
अप्रैल में सबसे अधिक हुई मौत
जिला में कोविड-19 वायरस दस्तक देने के बाद अप्रैल 2021 के दौरान सबसे अधिक संक्रमितों की मौत हुई है। इस माह में 647 मरीजों ने दम तोड़ा। हकीकत में मौत और अधिक हुई थी। यह वही समय था जब शिकायत मिल रही थी कि अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू में बेड की कमी पड़ गई थी। मुक्तिधाम में सुबह होते ही शव आने से पहले चिताओं को सजा दिया जाता था।
मार्च में सबसे अधिक लोग हुए संक्रमित
जिला में सबसे अधिक लोग कोरोना वायरस से मार्च 2021 के दौरान संक्रमित हुए। इस माह में 11,168 लोग संक्रमित हुए, जिससे हाहाकार मच गया। निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों को दाखिल करने अनुमति दी गई। तब निजी अस्पतालों के लिए दर तय किए गए। शहर के कई निजी अस्पतालों के खिलाफ मरीजों व उनके रिश्तेदारों ने अधिक राशि वसूलने का शिकायत किया। जिसमें से कुछ लोगों को पैसा वापस भी किया गया।
अब तक जिला में अब तक हुए 116200 लोग संक्रमित
जिला में अब तक 1,16,200 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। जिसमें से 1,14,297 मरीज ठीक हो चुके हैं। जिला में कोरोना से अब तक 1897 मौत हुई है। इस वक्त 6 एक्टिव केस मौजूद हैं।
मास्क का करें उपयोग, वैक्सीन का सभी डोज समय पर लगवाएं
डॉक्टर जेपी मेश्राम, चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि मास्क का उपयोग करें, सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें। इसके साथ-साथ वैक्सीन का तीनों डोज समय पर लगवा लें।