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आखिर बीएसपी के यह ठेका श्रमिक क्यों बैठे हैं धरने पर

locationभिलाईPublished: Apr 16, 2019 12:18:00 pm

Submitted by:

Abdul Salam

एक माह में कम से कम 42 हजार रुपए मजदूरों को कम दिया जा रहा है। वे पूरा वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के जल शोधन संयंत्र, मरोदा के सामने मंगलवार को कर्मचारी धरने पर बैठ गए। यह कर्मचारी लंबे समय से पूरा वेतन देने की मांग ठेकेदार से कर रहे हैं। मजूदरों की मांग को नहीं मानने पर वे यह प्रदर्शन कर रहे हैं।
ठेकेदार ने पहले साल दिया पूरा वेतन
बीएसपी में ठेकेदार मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं देते हैं। यह बात किसी से छुपी नहीं है। बीएसपी के मरोदा स्थित जल शोधन संयंत्र से प्रकाश में आया है। यहां के मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार ने दो साल के लिए काम लिया। पहले साल में पूरी मजदूरी दिया, दूसरे साल से मजदूरी काटना शुरू कर दिया। इसको लेकर उन्होंने शिकायत यूनियन नेताओं से की। यूनियन नेताओं ने बीएसपी के आईआर विभाग के अधिकारी को दस्तावेज के साथ शिकायत की। करीब एक माह हो गए, तब भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
विजलेंस से की शिकायत
यूनियन ने इस मामले में विजलेंस से पूरे दस्तावेज के साथ शिकायत की। मरोदा के जल शोधन संयंत्र में ठेका मजदूर काम करते हैं। इनकी संख्या 14 है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार को माह में वेतन 12 हजार देना होता है, तो उसके स्थान पर 9 हजार थमा देते हैं। इस तरह से तीन हजार रुपए कम दिया जा रहा है। एक माह में कम से कम 42 हजार रुपए मजदूरों को कम दिया जा रहा है। वे पूरा वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।
दो साल हो रहा पूरा
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार का दो साल पूरा हो रहा है। इसके बाद नया ठेका होना है। वे चाहते हैं कि ठेकेदार पूरा भुगतान दे। वेतन में किसी तरह की कटौती न किया जाए। अगर पूरा वेतन नहीं दिया जाता है, तो वे आंदोलन करेंगे।
कर दी है शिकायत
सीटू से ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश सोनी ने बताया कि बीएसपी के आईआर विभाग में अधिकारियों से मिलकर जिस तरह की धांधली चल रही है, उसकी जानकारी दे दी गई है। ठेकेदार प्रबंधन को जितना राशि देने की बात बता रहा है, उससे कम वेतन मजदूरों को दे रहा है। लिखित में प्रबंधन के पास पर्याप्त सबूत हैं, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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