… आखिर बीएसपी में फिजूल खर्च पर कौन लगा रहा मुहर
भिलाईPublished: Sep 16, 2019 11:20:23 am
भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मियों की सुविधाओं पर कैंची चलाई जा रही, तब कौन है जो इस तरह की स्कीम लाकर प्रबंधन को लगा रहा है चूना.
… आखिर बीएसपी में फिजूल खर्च पर कौन लगा रहा मुहर
भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर हजारों बिजली पोल लगे हुए हैं। जिसमें से बड़ी संख्या में एलईडी नहीं होने की वजह से अंधेरा पसरा रहता है। वहीं दूसरी ओर प्रबंधन ने बीएसपी के मेनगेट, बोरिया गेट और आरसीएल के रास्ते में लगे बिजली पोल को दीपावली में लगने वाली लडिय़ों से सजा रहा है। प्लांट के हर विभाग में जब कॉस्ट कटिंग को लेकर हिदायत दी जा रही है, तब इस तरह के प्रस्ताव कौन अधिकारी तैयार कर रहा है। इसके बाद इन प्रस्ताव पर मुहर उच्च प्रबंधन किस तरह लगा सकता है। यह सवाल कर्मियों के मन में उठ रहा है।
फिजूल खर्च कर रहा प्रबंधन
वेतन समझौता नहीं होने से नाराज कर्मचारी बीएसपी प्रबंधन के इस काम से नाखुश हैं। वे इस बात को दोहरा रहे हैं कि आखिर बिजली पोल पर लड़ी लगाने का मतलब क्या है। बीएसपी में दस्ताने, टेप, हर खंबो में लाइट की व्यवस्था नहीं है। जिसकी वजह से कर्मचारियों को दिक्कत होती है। प्रबंधन तब मंदी और मुनाफा कम होना और कॉस्ट कटौती जैसी बात को दोहरा देता है।
उच्च प्रबंधन ने कैसे दे दी मंजूरी
बिजली पोल पर लाइट की लड़ी लगाने की मंजूरी अधिकारी आखिर क्यों दे रहे हैं। इस तरह के प्रस्ताव का फाइल तैयार करने वाले जहां खुद सवालों के घेरे में हैं, वहीं जो-जो अधिकारी इसकी फाइल में मजूरी दिए हैं, उनकी कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
उठ रहे सवाल
बीएसपी के यूनियन नेता भी इस स्थिति से नाखुस हैं। वे तर्क दे रहे हैं कि बीएसपी संयंत्र के भीतर से जोरा तराई वाले रास्ते पर नजर डाले। वहां शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। इसी तरह से संयंत्र के भीतर एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने वाले कई रास्ते अंधेरे में गुम हो जाते हैं। वहां की प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर रहे हैं। महज सुंदर नजर आए, इसके लिए झालर लगा दिए जा रहे हैं। इस झालर से रास्ते पर प्रकाश भी नहीं आ रही है।
क्या कह रहा जनसंपर्क विभाग
इस मामले में बीएसपी के जनसंपर्क विभाग का कहना है कि सेंट्रल एवेन्यू में थाना के सामने बिजली पोल में सजाने प्रयोगिक तौर पर लड़ी लगाने को लेकर उत्साहित नगर सेवाएं विभाग ने और भी पोल्स में लगाने की योजना प्रस्तावित है।
फिजूलखर्ची है यह
सेल प्रबंधन बार-बार मंदी की बात कहकर कर्मियों की सुविधाओं में कटौती कर रहा है। दूसरी ओर बिजली पोल सुंदर दिखे इसके लिए लडिय़ां लगाई जा रही है। यह सही नहीं है। चंद दिनों में बेकार हो जाएगा और मोटी रकम इसमें खर्च बता दिया जाएगा। वहीं बीएसपी के बिजली पोल में संयंत्र के भीतर प्रकाश व्यवस्था ठप है। मोरिद व जोरा तराई जाने वाले रास्ते को ही देख लिया जा सकता है।
निर्मल मिश्रा, नेता बीएमएस, बीएसपी