scriptOMG छत्तीसगढ़ में एक साल बाद अब होगा मोबाइल कोरोना आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल | After one year, corona isolation coach will be used in Chhattisgarh | Patrika News

OMG छत्तीसगढ़ में एक साल बाद अब होगा मोबाइल कोरोना आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल

locationभिलाईPublished: Apr 20, 2021 10:28:04 pm

Submitted by:

Abdul Salam

स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे से मांगा कोच, सीएमएचओ ने डीआरएम को लिखा पत्र, पत्रिका की खबर का असर.
 

OMG छत्तीसगढ़ में एक साल बाद अब होगा मोबाइल कोरोना आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल

OMG छत्तीसगढ़ में एक साल बाद अब होगा मोबाइल कोरोना आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल

भिलाई. जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने डीआरएम रायपुर को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने रेलवे के आइसोलेशन कोच कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संचालित कराने कहा है ताकि रेलवे कर्मचारियों के लिए व उनके परिजनो व अन्य कोविड मरीजों के लिए इलाज के लिए सुविधा उपलब्ध हो सके। सीएमएचओ ने अपने पत्र में लिखा है कि आइसोलेशन कोच में ऑक्सीजन बेड के साथ ही मेडिकल स्टाफ की सुविधा भी उपलब्ध कराएं, ताकि कोरोना मरीजों को उचित इलाज मिल सके। गौरतलब है कि दुर्ग जिले में रेलवे का बड़ा स्टॉफ निवास करता है साथ ही इनके परिजन भी काफी संख्या में है। आइसोलेशन कोच शुरू हो जाने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। पत्रिका ने इस आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल राज्य सरकार को करने के विषय में समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डीआरएम, रायपुर रेल मंडल को पत्र लिखकर इस दिशा में पहल की है।

स्वास्थ्य विभाग की बेहतर पहल
कोरोना महामारी के बीच लोगों को अपने सगे संबंधियों के लिए बेड तक नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे के कोच का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। यह बेहतर पहल है। इससे वे परिवार जो निजी अस्पतालों में लाखों रुपए का बिल जमा नहीं कर सकते। उनको खासी राहत मिलेगी। इस वक्त निजी अस्पतालों में वैसे भी बेड खाली नहीं है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार के सामने कोरोना मरीजों के लिए बड़ा विकल्प मोबाइल कोरोना आइसोलेशन ट्रेन मौजूद है। जिसका अब उपयोग करने पहला कदम बढ़ाया गया है।

हमारे 50 कर्मियों ने किया है तैयार
दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में खड़ी आइसोलेशन कोच खड़ी है। मार्च 2020 के आखिरी सप्ताह में इस आइसोलेशन बोगी को तैयार करने का काम शुरू किया गया था। दुर्ग में इसे 15 दिनों के भीतर 50 कर्मियों ने मिलकर युद्ध स्तर पर इसे तैयार कर दिया। हर बोगी में ऑक्सीजन सिलेंडर, हेंड वाश, लेट, बाथ, शावर, बाल्टी, मग, बिस्तर, आइना, पंखों, खिड़की में मच्छर प्रवेश न करे, इसके लिए जाली, सुरक्षा के लिए मोटी झिल्ली के पर्दे लगाए गए हैं। जिससे इसमें मौजूद डॉक्टर व स्टाफ संक्रमित न हों।

440 बेड है तैयार
प्रदेश के बड़े कोविड अस्पतालों में आम लोगों को गेट से ही बेड नहीं है कहकर भगा दिया जा रहा है। तब भी प्रदेश सरकार इन आईसोलेशन कोच का इस्तेमाल नहीं कर रही है। 55 बोगी में 440 बेड है। हर बोगी में सिलेंडर लगा है। इसे लेकर चरोदा में रखा जा सकता है। चरोदा, भिलाई-3 के मरीजों को इस आइसोलेशन कोच में रखकर उपचार किया जा सकता है। इसके लिए रेलवे से चिकित्सक और स्टाफ की भी मांग जिला का स्वास्थ्य विभाग ने किया है।

निजी अस्पतालों से मिलेगा छुटकारा
कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन और अलग से कमरा देने के नाम पर निजी अस्पताल मोटी रकम वसूलने में जुटे हैं। अब अगर इन ४४० बेड का इस्तेमाल किया जाता है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पहले दिल्ली सरकार ने रेलवे के इस तरह के कोच का इस्तेमाल जरूरत पडऩे पर किया था।

रेलवे ने पहले ही कहा है कि राज्य सरकार की मांग पर दिया जाएगा यह कोच
इस मामले में रेलवे के अधिकारियों ने पहले ही साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ सरकार की मांग पर आइसोलेशन कोच को दिया जाएगा। रेलवे कर्मियों ने इसे 15 अप्रैल 2020 को तैयार कर दिया था। इसके 55 बोगी में 440 बेड हैं। जिसमें से इस वक्त दुर्ग यार्ड में 4 कोच और 51 कोच मरोदा स्टेशन में हैं।

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