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प्री के रिजल्ट के बाद मेंस की तैयारी में जुटे कैंडिडेट

locationभिलाईPublished: Jul 19, 2018 05:37:57 pm

Submitted by:

Bhuwan Sahu

यूपीएससी प्रिलिम्स के नतीजे जारी किए गए। अब अभ्यर्थी मेंस की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि प्रारंभिक में आधे से भी कम अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। मेंस के पेपर 28 सितंबर से शुरू होंगे।

UPSC Candidate bhilai

प्री के रिजल्ट के बाद मेंस की तैयारी में जुटे कैंडिडेट

भिलाई . हाल ही में यूपीएससी प्रिलिम्स के नतीजे जारी किए गए। अब अभ्यर्थी मेंस की तैयारी में जुट गए हैं। राजधानी की सेंट्रल लाइब्रेरी, नालंदा परिसर, जिला ग्रंथालय समेत तमाम छोटी-बड़ी लाइब्रेरी में अभ्यर्थी अध्ययन करते नजर आ रहे हैं। आज हम बता रहे हैं कि मेंस की तैयारी कैसी की जाए। हालांकि प्रारंभिक में आधे से भी कम अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। मेंस के पेपर २८ सितंबर से शुरू होंगे। कुल ९ पेपर होंगे। प्रत्येक २५० नंबर के।
एसे के लिए डीप स्टडी और लिखने की प्रैक्टिसअगर आप अपने विचारों और समझ को क्लिअर और सिलसिलेवार तरीके से लिख सकते हैं, तो एक अच्छा निबंध लिखने का क्रेडिट आपको जरूर मिलेगा। सबजेक्ट की डीप स्टडी और लिखने की प्रैक्टिस इस हुनर को हासिल करने की चाबी है। करेंट अफेयर से अपडेट रहें। नेशनल अखबार की संपादकीय पढ़ें। उम्मीदवारों को अंग्रेजी का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए। अंग्रेजी के अखबार इस के लिए एक प्रमुख स्रोत रहेंगे, क्षेत्रीय भाषा के अखबारों और पत्रिकाओं को पढऩा भी आपको इस पत्र की तैयारी में मदद करेगा।
जीएस : पेपर – 1
कला और संस्कृति : एनसीइआरटी पुस्तकों का उपयोग इस क्षेत्र के लिए पर्याप्त होगा। उम्मीदवार कला और संस्कृति से जुड़े लेखों व घटनाओं के माध्यम से कई महत्वपूर्ण विषय वस्तुओं को समझ सकते हैं।
हिस्ट्री: आधुनिक इतिहास के लिए एनसीइआरटी और स्पेक्ट्रम से पढऩा पर्याप्त रहेगा। इसके साथ ही, अपने उत्तर लेखन की गति बढ़ाने के लिए उन्हें उत्तर लेखन का भी अभ्यास करना चाहिए।
भारतीय समाज : इसके लिए उम्मीदवार को वर्तमान मामलों के साथ अच्छी तरह से अपडेट रहना चाहिए। इस विषय से संबंधित पत्रिका और लेखों को पढऩा आपको बेहतर उत्तर लिखने में मदद करेगा।
भूगोल: भूगोल विषय पर मूल एनसीइआरटी (11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा) व अन्य मानक पुस्तकों से अध्ययन करना पर्याप्त है।
जीएस पेपर – 2
शासन, संविधान, राजनीति और सामाजिक न्याय : लक्ष्मीकांत, पीआइबी लेखों और अखबार में दी गई संबंधित जानकारी इस भाग की तैयारी के लिए पर्याप्त हैं। उम्मीदवारों को सामान्य जानकारी और वर्तमान मामलों की अच्छी समझ होनी चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय संबंध : इस क्षेत्र की तैयारी के लिए समाचारपत्र सबसे बेस्ट ऑप्शन हैं।
जीएस पेपर – 3
साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए डवलपमेंट पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अखबारों साथ-साथ साइंस रिपोर्टर जैसी कुछ पत्रिकाओं का उपयोग उम्मीदवारों को इस क्षेत्र से परिचित होने में मदद करेंगा।
इकोनॉमिक्स डवलपमेंट : इसमें भी वर्तमान मामलों के साथ-साथ उम्मीदवारों को अर्थशास्त्र की बुनियादी अवधारणाओं का पूरा ज्ञान होना चाहिए। आर्थिक सर्वेक्षण, इपीडब्लू , एनसीइआरटी पुस्तकें इसके अध्ययन में मदद करेंगे।
बॉयो डायवर्सिटी एनवायरमेंट : यह भाग भूगोल के कुछ हिस्सों के साथ ओवरलैप करता है या मिलता जुलता है। इंडिया इयरबुक, एमओइएफ की आधिकारिक वेबसाइट और जैव विविधता से जुड़ी पुस्तकें, अखबार, योजना और कुरुक्षेत्र, एनआइओएस, इग्नू सामग्री से तैयारी में मदद मिलेगी।
सिक्योरिटी एंड डाइसेटर मैनेजमेंट : आपदा प्रबंधन पर समाचार पत्र और संबंधित लेख इस भाग की तैयारी में आपकी सहायता करेंगे। एआरसी रिपोर्ट , आइडीएसए और विकीपीडिया उपयोगी रहेगा।
जीएस पेपर – 4
नैतिकता, ईमानदारी और योग्यता : इस प्रश्नपत्र के उत्तरों के लिए अभ्यर्थी में आचार-विचार की बुनियादी समझ और सूझबूझ की योग्यता होना चाहिए।
इस पेपर से निपटने के लिए अभ्यर्थियों को पिछले साल यूपीएससी प्रश्नपत्रों को हल करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रहे, कि उत्तर लेखन का अभ्यास और सही टेस्ट सीरीज से अभ्यास सिविल सर्विस मेन्स परीक्षा में सफलता देने में महत्वपूर्ण
योगदान देंगे।
निबंध को हल्के में न लें अभ्यर्थी

सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के चेयरमेन चिरंजीव जैन ने कहा कि इंग्लिश और इंडियन लैंग्वेज पेपर दोनों भाषाओं को पास जरूरी है। हालांकि इनके नंबर नहीं जुड़ते। इंग्लिश की तैयारी पास होने के लायक कर लें। निंबध में ५० से लेकर १५० मॉक्र्स हासिल किया जा सकता है। इसलिए इसे हल्के में न लिया जाए। तीन घंटे में दो निबंध लिखने हैं। हर हफ्ते दो निबंध लिखें और एक्सपर्ट से जांच कराएं। कोटेशन के बिना इसमें जान नहीं आती। इसलिए महापुरुषों के कोटेशन याद रखें। १० से २० मुद्दों पर कोटेशन याद होने चाहिए। जीएस के लिए नोट्स बनाएं। क्वेश्चन बैंक से प्रेक्टिस करें। ऑप्शनल में सिलेबस का ध्यान रखें। संक्षिप्त तैयार करें। उदाहरण जरूरी होता है।
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