scriptजज के सामने हाथ जोड़कर मांगी माफी और थाम लिया एक-दूसरे का हाथ | Apology sought in front of judge and took each other's hand | Patrika News

जज के सामने हाथ जोड़कर मांगी माफी और थाम लिया एक-दूसरे का हाथ

locationभिलाईPublished: Apr 23, 2018 03:04:11 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

चरित्र पर शंका ने कलह का ऐसा बीज बोया कि हंसता-खेलता परिवार चंद मिनटों में बिखर गया, लेकिन पश्चाताप और अदालत की पहल पर यह परिवार फिर एक हो गया।

lok adalat durg
दुर्ग . चरित्र पर शंका ने कलह का ऐसा बीज बोया कि हंसता-खेलता परिवार चंद मिनटों में बिखर गया। बात इतनी बिगड़ी कि पिता को पत्नी ही नहीं अपनी लाड़ली बेटी से भी अलग होना पड़ा, लेकिन पश्चाताप और अदालत की पहल पर रविवार को यह परिवार फिर एक हो गया। पत्नी की चरित्र पर शंका करने वाले पति ने प्रायश्चित करते हुए अदालत के सामने हाथ जोड़कर पत्नी और बेटी से माफी मांग ली। इस पर पत्नी और बेटी का भी दिल पसीज गया और तीनों एक बार फिर साथ रहने सहमत हो गए।
मामला नंदिना थाना अंतर्गत ग्राम बानबरद की है। परिवार दैनिक रोजी-मजदूरी कर जीवनयापन कर रहा था। इस बीच नए साल की पहली रात कलह की बीज पड़ गया। शाम 7 बजे काम कर घर लौटे पति ने पत्नी के चरित्र पर शंका जाहिर करते हुए मारपीट शुरू कर दी। मामला इतना बढ़ा की मोहल्ले वालों को हस्तक्षेप करना पड़ा। यह मामला पुलिस तक पहुंचा। इस मामले में रविवार को नेशनल लोक अदालत में सुनवाई हुई। जिसमें न्यायाधीश बलराम देवांगन ने पति को समझाइश दी। इसमें पति ने पश्चाताप की बात कही। अदालत की पहल पर पति ने पत्नी से हाथ जोड़कर माफी मांगी। इस पर पत्नी ने भी दोबारा पति का हाथ थाम लिया।
9 जोड़ों ने थामा एक-दूसरे का हाथ
लोक अदालत में 9 अन्य दंपतियों ने भी विवाद छोड़कर समझाइश पर एक दूसरे का हाथ फिर से थाम लिया। न्यायधीश एसके सिंह और निरंजन लाल चौहान ने इन परिवारों को समझाइश देकर एक साथ रहने के लिए प्रेरित किया।
जुआ नहीं खेलने की खाई कसम
जुआं खेलने से मना करने पर मारपीट करने के आरोपी ने न्यायालय में दोबारा कभी जुआं नहीं खेलने की कसम खाई। न्यायाधीश प्रवीण मिश्रा ने आरोपी को इसके लिए प्रेरित किया। आरोपी के कसम खाने पर समझौते के आधार पर मारपीट का मामला खत्म कर दिया गया। न्यायधीश ने पार्किंग को लेकर विवाद के मामले में भी आरोपी को ट्रैफिक नियम पालन करने की शपथ दिलाई।
170 में केवल 12 ने जमा कराया बकाया
नगर निगम ने जलकर बकाया के 170 मामले में समझौते के लिए लोक अदालत में रखे गए थे, लेकिन इमें से केवल 12 लोग ही पहुंचे। इन लोगों ने समझौते के आधार पर 1 लाख 18 हजार 340 रुपए जलकर का बकाया जमा कराया। वहीं 158 बकायादार सूचना के बाद भी अदालत नहीं पहुंचे।
4606 में से 843 प्रकरण निपटे
नेशनल लोक अदालत में सुनवाई के लिए 4606 प्रकरण रखे गए थे। इनमें से 843 प्रकरणों का निराकरण किया गया। दांडिक मामले के 434, धारा-138 के 78, विद्युत के 134, सिविल के 112, मोटर दुर्घटना दावा के 46, पारिवारिक विवाद के 11 और प्री-लिटिगेशन के 108 प्रकरणों को निराकरण समझौते के आधार पर किए गए।
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