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निजी अस्पतालों पर सरकार ने कसा शिकंजा, मामूली सर्दी-खांसी, बुखार के मरीज को भर्ती करने पर डॉक्टर को नहीं मिलेगा लाभ

locationभिलाईPublished: Jun 30, 2020 02:04:25 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

मामूली सर्दी खासी होने पर मरीज को भर्ती कर तीन दिन (साधरण बीमारी) के पैकेज को ब्लाक कर बीमा कंपनी से क्लेम ले लेते थे। इस भर्राशाही को रोकने के लिए शासन ने अब कुछ बीमारियों के ईलाज को रिजर्व कर दिया है।

निजी अस्पतालों पर सरकार ने कसा शिकंजा, मामूली सर्दी-खांसी, बुखार के मरीज को भर्ती करने पर डॉक्टर को नहीं मिलेगा लाभ

निजी अस्पतालों पर सरकार ने कसा शिकंजा, मामूली सर्दी-खांसी, बुखार के मरीज को भर्ती करने पर डॉक्टर को नहीं मिलेगा लाभ

दुर्ग. सरकार ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ दिलाने अति गरीब व्यक्तियों के लिए आयुष्मान योजना शुरू की है। वहीं मध्यम वर्गीय परिवार को भी राहत दिलाने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना है। खास बात यह है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल संचालक पंजीयन के बाद बीमा योजना का दुरुपयोग कर रहे थे। मामूली सर्दी खासी होने पर मरीज को भर्ती कर तीन दिन (साधरण बीमारी) के पैकेज को ब्लाक कर बीमा कंपनी से क्लेम ले लेते थे। इस भर्राशाही को रोकने के लिए शासन ने अब कुछ बीमारियों के ईलाज को रिजर्व कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आमतौर पर स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ वर्तमान में राशन कार्ड देख कर किया जा रहा है। राशन कार्ड में मरीज का नाम होने पर ऑनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से बीमारी के हिसाब से अस्पताल संचालक क्लेम कर राशि अपने खाते में ले लेते है।
केवल सरकारी अस्पतालों में होगा लागू
जानकारी के मुताबिक कुछ अस्पताल संचालक बीमा योजना को आय का साधन बना लिया था। मामूली सर्दी खासी होने पर तीन दिन भर्ती रख पैकेज को ब्लाक कर लेते थे। इसका खुलासा होते ही शासन ने जनवरी 2020 से तीन दिन भर्ती रखने और ब्लाक कर मरीजों के नाम से क्लेम लेने को रिजर्व कर दिया है। अब यह पैकेज प्राइवेट अस्पताल की जगह केवल सरकारी अस्पतालों में लागू होगा। आवश्यकता पडऩे पर मरीज को भर्ती कर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर उसे ब्लाक करेंगे।
इन बीमारी का बीमा लाभ सरकारी अस्पताल में
सर्दी-खासी-बुखार से पीडि़त, मलेरिया, पेशाब में इनफेक्शन, पेट संबंधी बीमारी, लंबे समय तक ज्वर आना, हाइड्रोसील ऑपरेशन, नसबंदी ऑपरेशन।

नार्मल डिलिवरी को भी किया रिजर्व
बीमा योजना में नार्मल और सीजर प्रसव के लिए अलग अलग पैकेज था। शुरूआत में डॉक्टर नार्मल डिलिवरी कराने प्रसूताओं को भर्ती करते थे। बाद में वे ऑपरेशन कर बीमा योजना का लाभ ले लेते थे। शासन ने अब संस्था गत प्रसव को बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पताल में नार्मल प्रसव को लाभ न देते हुए केवल सीजर के लिए प्रवधान लागू किया है।
इस नए नियम से यह फायदा होगा कि जहां प्राइवेट अस्पताल वाले केवल सिजर प्रसव का रेट निर्धारित करते थे वहीं अब नार्मल प्रसव के लिए भी उन्हें फीस निर्धारित करनी होगी। खास बात यह है क जिले में गत वर्ष प्राइवेट अस्पताल में कुल 13361 प्रसव कराकर बीमा का लाभ लिया गया है। जिसमें 5088 नार्मल प्रसव हुए है। वहीं आपरेशन से 83273 प्रसव कराए गए हैं।
यह मामला हो चुका है सार्वजनिक
बीमा योजना के तहत गरीब महिलाओं का यूट्रस ऑपरेशन करने के नाम पर बीमा का लाभ लेने का मामला सामने आ चुका है। इसके बाद मोतियाबिंद ऑपरेशन को भी आय का जरिया बनाया गया। दोनों मामले प्रदेश में चर्चा का विषय रहा। इसे देखते हुए शासन ने दंत रोग और आंखो के ऑपरेशन पर बंदिश पहले ही लगा चुकी है।
फैक्ट फाइल
अत्योदय राशन कार्ड से लाभ लेने वाले-69447
प्राथमिक्ता राशन कार्ड से लाभ लेने वाले-219021
बीमा योजना का लाभ लेने अधिकृत प्राइवेट अस्पताल-23
बीमा योजना का लाभ लेने जिला में सरकारी अस्पताल-40

क्लेम की स्थिति
2019-20 में -71000
बीमा कंपनी से भुगतान -47 करोड़
बीपीएल को बीमा का लाभ-05 लाख
मध्यम वर्ग को -50,000
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