जानकारी के मुताबिक कुछ अस्पताल संचालक बीमा योजना को आय का साधन बना लिया था। मामूली सर्दी खासी होने पर तीन दिन भर्ती रख पैकेज को ब्लाक कर लेते थे। इसका खुलासा होते ही शासन ने जनवरी 2020 से तीन दिन भर्ती रखने और ब्लाक कर मरीजों के नाम से क्लेम लेने को रिजर्व कर दिया है। अब यह पैकेज प्राइवेट अस्पताल की जगह केवल सरकारी अस्पतालों में लागू होगा। आवश्यकता पडऩे पर मरीज को भर्ती कर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर उसे ब्लाक करेंगे।
सर्दी-खासी-बुखार से पीडि़त, मलेरिया, पेशाब में इनफेक्शन, पेट संबंधी बीमारी, लंबे समय तक ज्वर आना, हाइड्रोसील ऑपरेशन, नसबंदी ऑपरेशन। नार्मल डिलिवरी को भी किया रिजर्व
बीमा योजना में नार्मल और सीजर प्रसव के लिए अलग अलग पैकेज था। शुरूआत में डॉक्टर नार्मल डिलिवरी कराने प्रसूताओं को भर्ती करते थे। बाद में वे ऑपरेशन कर बीमा योजना का लाभ ले लेते थे। शासन ने अब संस्था गत प्रसव को बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पताल में नार्मल प्रसव को लाभ न देते हुए केवल सीजर के लिए प्रवधान लागू किया है।
बीमा योजना के तहत गरीब महिलाओं का यूट्रस ऑपरेशन करने के नाम पर बीमा का लाभ लेने का मामला सामने आ चुका है। इसके बाद मोतियाबिंद ऑपरेशन को भी आय का जरिया बनाया गया। दोनों मामले प्रदेश में चर्चा का विषय रहा। इसे देखते हुए शासन ने दंत रोग और आंखो के ऑपरेशन पर बंदिश पहले ही लगा चुकी है।
अत्योदय राशन कार्ड से लाभ लेने वाले-69447
प्राथमिक्ता राशन कार्ड से लाभ लेने वाले-219021
बीमा योजना का लाभ लेने अधिकृत प्राइवेट अस्पताल-23
बीमा योजना का लाभ लेने जिला में सरकारी अस्पताल-40 क्लेम की स्थिति
2019-20 में -71000
बीमा कंपनी से भुगतान -47 करोड़
बीपीएल को बीमा का लाभ-05 लाख
मध्यम वर्ग को -50,000