भिलाई

108 क्विंटल की बनेगी यहां महाप्रसादी, छत्तीसगढ़ का एकमात्र 7 मंजिला मंदिर, 1 लाख भक्त करेंगे दर्शन

उत्तर भारत के विश्वविख्यात सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध (हिमाचल प्रदेश) की तर्ज पर बना है। यहां बाबा बालकनाथ भी गुफा में विराजमान है।

भिलाईMar 16, 2019 / 02:30 pm

Dakshi Sahu

108 क्विंटल की बनेगी यहां महाप्रसादी, छत्तीसगढ़ का एकमात्र 7 मंजिला मंदिर, 1 लाख भक्त करेंगे दर्शन

पंकज तिवारी @भिलाई. भिलाई खुर्सीपार का बाबा बालकनाथ मंदिर संभवत: प्रदेश का एक मात्र सात मंजिला भव्य मंदिर है। यहां उत्तर भारत के विश्वविख्यात सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध (हिमाचल प्रदेश) की तर्ज पर बना है। यहां बाबा बालकनाथ भी गुफा में विराजमान है।
प्रतिवर्ष बाबा बालकनाथपांच दिवसीय महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को विशाल निशान यात्रा से शुरू हुई। शनिवार को बाबा बालकनाथ का सुबह अभिषेक हुआ। इसके बाद महाभंडारे की तैयारी जारी है। इस बार बाबा की महाप्रसादी 108 क्विंटल की बनने जा रही है। रविवार को होने वाले भंडारे के लिए शनिवार शाम से भट्ठी अग्नि प्रज्जवलित की जाएगी। जिसमें लगातार 24 घंटे भोजन प्रसादी तैयार की जाएगी।
108 क्विंटल प्रसादी के लिए दो हजार सेवादार तैनात
बाबा बालकनाथ मंदिर में सेवा देने प्रतिवर्ष देश के अन्य शहरों चैन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, नागपुर, कर्नाटक, ओडिसा व पंजाब से करीब 500 भक्त आ गए है। जिसके साथ ही प्रदेश से भी भक्तों के आने का सिलसिल जारी है। मंदिर समिति के अध्यक्ष रमेश सूरी ने बताया इस बार प्रसादी में 30 क्विंटल आटे की रोटी, 20 क्विंटल खिचड़ी, 15 क्विंटल सब्जी, 8 क्विंटल टमाटर की चटनी, 25 क्विंटल हलवा व 10 क्विंटल दाल बनेगी।
दर्शन सुबह 6 बजे से होंगे शुरू
बाबा बालकनाथ महोत्सव में रविवार को १ लाख भक्तों के दर्शन करने का अनुमान है। इसके लिए सुबह ६ बजे पूजन शुरू होगी। मंदिर में रात १० बजे तक दर्शन होंगे। भंडारा प्रसादी दोपहर १२ बजे से शाम ६ बजे तक रहेगा। इसमें करीब ७० हजार लोग प्रसादी गृहण करेंगे।
हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बना मंदिर
मंदिर समिति के कांतिलाल शर्मा ने बताया मंदिर को हिमाचल प्रदेश के मंदिर का स्वरूप देने की कोशिश की गई है। गुफा स्वरूप देने व ऊंची पड़ाही खुले आसमान के नीचे मंदिर में बाबा की प्रतिमा है। यहां आने वाले भक्तों को भी दियोटसिद्ध जाने ऐसे अनुभव हो इसलिए रास्तें भर (सीडिय़ों) पर गुफा जाने का रास्ता के साइन बोर्ड लगाए गए है।
पांच एकड़ क्षेत्र में फैला मंदिर परिसर
मंदिर के शिखर पर पहुंचते ही बाबा जी की आलौकिक श्याम रंग लिए प्रतिमा विराजित है। इसकी प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है। यहां से भिलाई का नजारा अद्भुत नजर आता है। संपूर्ण मंदिर परिसर करीब पांच एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिसमें बाहर से आने वाले भक्तों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है।
56 साल पूरा है मंदिर
भव्य मंदिर की स्थापना सन् 1963 में हुई। यहां प्रतिवर्ष मार्च माह के पहले या तीसरे रविवार को वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। जिसमेें करीब 1 लाख भक्त पहुंचते हैं। इसके अलावा साल भर माह के पहले और तीसरे रविवार को भगत सेवाराम और भगत हरगोपाल मस्ताना के सानिध्य में भंडारा होता है। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त हाजरी लगाते हैं।
प्रदेश का एक मात्र मंदिर भव्य प्रतिमाएं
मंदिर के गर्भगृह में सिद्ध बाबा बालकनाथ के साथ भगवान शंकर-पार्वती, मां लक्ष्मी, मां दुर्ग , भगवान दत्तात्रेय, राधा-कृष्ण, साईंबाबा व अन्य भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमा स्थापित है।
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