मृतक अपना खेत बेचकर भी अवसाद में चला गया। तय सौदा के मुताबिक खेत खरीदने वाले पूरी राशि उसे दे चुके थे। बैंक खाता में रकम दर्ज है। एक साल के बाद उस रकम को जब खर्च कर लिया, तब खेत खरीदने वालों से आज की दर पर 72 लाख रुपए की और की मांग की, लेकिन सुसाइडल नोट में उसका जिक्र कर उन लोगों से माफी भी मांगी है।
पुलिस की जांच में संजू के जेब में एक बादशाही नाम की एक माचिस मिली थी। पुलिस ने उसे माचिस को जब्त कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली तो उसी नाम की माचिस रैक पर मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि जानकी, दुर्गा और ज्योति के शव को जलाने में उस माचिस का उपयोग रामबृज और संजू ने किया था।
मामले की विवेचना को ध्यान में रखते हुए पत्रिका ने किसी किसान का नाम उजागर नहीं किया है, लेकिन 17 किसानों से 17500, 22000, 12000, 8000, 24000,65000, 30000, 20000, 14000, 23000 रुपए समेत अन्य से कुल 6 लाख 40 हजार का धान लेकर बेच दिया था। उनके पैसे वापस नहीं लौटाए थे।
बापू, पत्नी जानकी, संजू बेटा, दुर्गा, ज्योति बेटी, भाई, बहन, गांव के लोग, मेरा देश और मेरे दोस्तों को लिए अलग-अलग पन्नों में सभी को आई लव यू लिखकर संबोधित किया है। फिर हमें माफ करना लिखकर हस्ताक्षर किया है.. रामबृज गायकवाड़।
इधर इस मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है। बुधवार सुबह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के नेतृत्व में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और अनसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारी बठेना पहुंचे। उन्होंने घटना को हत्या बताया। पुलिस पर आरोप लगाया है कि मामले को आत्महत्या में तब्दील किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उसके बाद विधायक अमीत जोगी पहुंचे। उन्होंने भी घर के परिजनों से पूछताछ की। इसके बाद हत्या का संदेह व्यक्त किया। इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की।