मई दिवस क्लोज हॉलिडे घोषित
इस्को बर्नपुर, राउरकेला आदि में मई दिवस क्लोज हॉलिडे घोषित है। इस तरह वहां वर्ष में चार कम्पलसरी क्लोज हॉलिडे है, जबकि भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मियों को तीन ही क्लोज हॉलिडे मिलता है। बोकारो में क्लोज हॉलिडे पर दोगुना अतिरिक्त वेतन दिया जाता है जबकि भिलाई में सिंगल अतिरिक्त वेतन मिलता है। एक कैलेंडर वर्ष में बोकारो और राउरकेला स्टील प्लांट में 10-10 तथा दुर्गापुर स्टील प्लांट में 11 आकस्मिक अवकाश दिया जाता है। यहां बीएसपी कर्मियों को साल में मात्र 7 आकस्मिक अवकाश लेने की सुविधा है। सेल्फ सर्टिफाइड कम्यूटेड लीव को 20 जून 2018 को 6 दिन से बढ़ा कर 10 दिन किया गया जबकि राउरकेला में यह सुविधा 2 वर्ष पहले से लागू है।
अपने अधिकारों को लेकर खुद जागरूक नहीं है यहां का कर्मचारी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है। जब भी कोई श्रमिक संगठन किसी मांग या नीति के विरोध लेकर आंदोलन करता है, कर्मचारी साथ नहीं देते। यूनियन के प्रतिनिधि चौक- चौराहों पर नारेबाजी करते रहते हैं, कर्मचारी दो मिनट रुककर समर्थन करना भी उचित नहीं समझते।
यूनियनों में श्रेय लेने की होड़ दूसरा यहां की यूनियनें सिर्फ अपने वर्चस्व तक ही सीमित हो गई हैं। जब तक श्रेय लेने की होड़ से अलग श्रमिक हित के लिए साझा संघर्ष (यूनियन और श्रमिक मिलकर) की राह पर नहीं चलेंगे तब तक कटौतियां होती रहेंगी।
सबसे अधिक उत्पादन फिर भी इसेंटिव से वंचित सेल की सभी इकाइयों में एकमात्र भिलाई इस्पात संयंंत्र ही है जो अपनी मापित क्षमता से अधिक उत्पादन कर रहा है। बावजूद यहां के कर्मियों को इंसेंटिव नहीं मिलता। डेली रिवॉर्ड इसेंटिव स्कीम भी बंद है। जबकि आईएसपी बर्नपुर में स्थाई प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम अप्रैल 2018 से लागू कर दिया गया है जिसमें उत्पादन लक्ष्य हासिल करने पर ग्रेड वाइस भुगतान किया जा रहा है। एस-1 व एस-2 को अधिकतम 2000 रुपए, एस-3 से एस-8 को अधिकतम 250 00 रुपए तथा एस-9 से एस-11 को अधिकतम 3000 रुपए शत प्रतिशत उत्पादन लक्ष्य हासिल करने पर दिया जारहा है। जबकि भिलाई में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
प्रमोशन में भी छले जा रहे हैं कर्मचारी दुर्गापुर एलॉय स्टील प्लांट में एस-1 से लेकर एस-6 तक के ग्रेड को तीन-तीन साल में प्रमोशन दिया जा रहा है जबकि भिलाई इस्पात संयंत्र में ऐसी व्यवस्था नहीं है। यहां कर्मचारियों को चार साल में प्रमोशन दिया जाता है।