बीएसपी में यूनियन हो रही कमजोर, प्रबंधन को फायदा
भिलाईPublished: Jul 19, 2019 11:23:56 pm
संयंत्र कर्मचारियों के लिए संघर्ष करना छोड़, नेता स्वार्थ के लिए दौड़ रहे, प्रतिनिधि यूनियन चुनाव में वोट बिखर जाते हैं, तब राहत प्रबंधन महसूस करता है.
भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र चाहती है कि यूनियन कमजोर रहे। प्रतिनिधि यूनियन चुनाव में जब वोट बिखर जाते हैं, तब सबसे ज्यादा राहत प्रबंधन महसूस करता है। इसके बाद कोई भी यूनियन प्रबंधन के सामने दबाव नहीं बना पाती है। बीएसपी में लगातार यह देखने को मिल रहा है कि प्रबंधन आराम से बैठा है और यूनियन आपस में लड़-भिड़ रहे हैं। संयंत्र के कर्मचारियों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। बीएसपी में एक यूनियन के साथ कर्मचारी जाते हैं, तो उनकी मांगों को लेकर वह यूनियन प्रबंधन पर दबाव बना पाएगी। इंटक के महासचिव एसके बघेल ने संयंत्र के एसएमएस-2 वाटर सप्लाई सीएचएम में पहुंचकर यह बात कही।
संयंत्र कर्मियों का पे पॉकट हुआ कम
बघेल ने कहा कि पे पॉकेट में इजाफा कराने व बंद सुविधाओं को शुरू कराने वाली यूनियन कर्मियों को चाहिए। इस मौके पर कर्मियों ने कहा कि वेज रिवीजन नहीं होने, इंसेंटिव स्कीम का रिवीजन नहीं होने व छुट्टी के नकदीकरण बंद होने से पे पॉकेट बहुत कम हुआ है। कैंटीन व्यवस्था में भी बदलाव कराने की जरूरत है। बीएसपी कर्मचारियों के लिए संघर्ष करना छोड़, यूनियन नेता स्वार्थ के लिए दौड़ रहे हैं।
एक जुट होकर करें काम
इस मौके पर पूरन वर्मा ने कहा कि संयंत्र कर्मचारी इस बार एकजुट होकर भारी मतों से एक यूनियन के साथ आ जाएं। वोटों के बंटवारे से बचना होगा। इंटक को मौका मिला तो जल्द वेतन समझौता करवाया जाएगा। जो सुविधा इंटक ने शुरू करवाया था, उसे फिर से बहाल करवाने का काम करेंगे।
यह थे मौजूद
इस मौके पर राजेंद्र पिल्ले, मदनलाल सिन्हा, संतोष साव, राकेश दुबे, एसएस ठाकुर, एसएस साहू, राजेंद्र वर्मा, दीपक पांडे, महावीर साहू, सीपी वर्मा, राजशेखर, अरविंद प्रताप सिंह, शैलेश चन्द, के लक्ष्मी नारायण, एसबी सिंह, गिरिराज देशमुख, चंद्रशेखर सिंह, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह मौजूद थे।