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मीर का दावा खोखला, कॉलरिंग से BSP प्रबंधन के फूले हाथ-पैर, दौड़ते रेल मिल पहुंचे सीईओ

locationभिलाईPublished: Sep 18, 2017 10:59:10 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

अचानक यह समस्या आ जाने से प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए। खबर मिली, तो खुद सीईओ एम रवि मौके पर पहुंचे। इससे उत्पादन भी सीधे तौर पर प्रभावित हुआ।

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र की युनिवर्सल रेल मिल का निर्माण जर्मनी की कंपनी एसएमएस-मीर ने किया है। कंपनी ने संयंत्र प्रबंधन से दावा किया था कि ब्लूम से रेल बनने के बीच में रोल में ब्लूम नहीं लिपटेगा। इस तरह से आने वाली दिक्कत को कॉलरिंग करते हैं। यह परेशानी आनी ही नहीं थी, इस वजह से इसको लेकर प्रबंधन ने कोई अलग से इंतजाम भी नहीं किया था।
अचानक यह समस्या आ जाने से प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए। खबर मिली, तो खुद सीईओ एम रवि मौके पर पहुंचे। इससे उत्पादन भी सीधे तौर पर प्रभावित हुआ। दोपहर में कुछ देर रेलपंात का उत्पादन शुरू हुआ और फिर बंद हो गया यूआरएम।
प्रबंधन भी रहा मुगालते में
बीएसपी के पुराने रेलमिल में कॉलरिंग की दिक्कत आती है, इसमें ब्लूम जब रेल में तब्दील होना होता है, तब रोल पर ब्लूम लिपट जाता है। इससे बचाव के लिए गार्ड लगाया जाता है, इसके बाद भी यह समस्या आती है। इस तरह की दिक्कत आने पर अलग से रोल रखा जाता है। उसे हटाकर दूसरे को लगाते हैं और रेल उत्पादन को शुरू कर लिया जाता है।
यूआरएम को तैयार करने वाली जर्मनी की कंपनी ने कहा था कि इस तरह की दिक्कत अत्याधुनिक तकनीक होने की वजह से नहीं आएगी। प्रबंधन भी इस मुगालते में रहा कि यह दिक्कत नहीं ही आएगी।
ब्लूम से रेलपांत बनने के दौरान हॉट मेटल को धीरे-धीरे शेप दिया जाता है। इस बीच ब्लूम को एक ओर से फिडिंग करते हैं, तो दूसरे ओर से शेप बदलकर निकलता है। रेल निर्माण की शुरूवाती प्रक्रिया के दौरान ही रोल में ब्लूम लिपट गया।
9 फरवरी को तोड़ी दीवार
यूआरएम में 9 फरवरी 2017 की सुबह लॉन्ग रेल ने उत्पादन के बाद जांच कक्ष में लाया जा रहा था। कूलिंग बेड से होते हुए रेल उस कक्ष में जिस खिड़की से जाना था, उसको छोड़ बगल की दीवार को तोड़ दी। रेल पांत की टक्कर से ९ इंच की दीवार चूर-चूर हो गई।
स्कैनिंग मशीन हुई खराब
१९ मार्च को यूआरएम की जांच करने जर्मनी से 50 नग रेलपांत का टुकड़ा भेजा गया। इसमें मौजूद फाल्ट स्कैनिंग मशीन से पकड़ा जाना था। जांच में देखा गया कि मशीन इसे पकड़ ही नहीं पा रही है। इसके बाद मशीन में मौजूद फाल्ट को दूर किया गया। अब मशीन काम कर रही है।
२२ अगस्त को हुई रिफ्रैक्ट्री में दिक्कत
२२ अगस्त २०१७ को बीएसपी के यूआरएम में फर्नेस के लेंटर का रिफ्रैक्ट्री निकल गया था। रिफ्रैक्ट्री रेलवे के बोगी की खिड़की के जैसा होता है, जो ऊपर से नीचे आता है। पूरे फ्रेम को रिफ्रैक्ट्री कहते हैं। ऊपर से नीचे की ओर आने वाली पूरी खिड़की ही टूट कर गिर गई थी। इसे दिक्कत को दूर करने में करीब ७ दिनों का समय लगा।
बीएसपी सीईओ एम रवि मौके पर पहुंचे। उन्होंने दिक्कत को देखा, इसके बाद कार्मिकों का वे हौसला बढ़ाते रहे। रोल में लपटे गर्म मेटल को ठंडा कर उसे काटकर निकालने का काम शुरू किया गया। देर शाम तक इसका मरम्मत का काम किया गया। यूनिवर्सल रेलमिल की स्थापना 1200 करोड़ रुपए की लागत से की गई। यह परियोजना सेल-भिलाई स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण का अहम हिस्सा है, जिसके तहत इसकी उत्पादन क्षमता 70 लाख टन सालाना तक बढ़ गई है। यूआरएम की उत्पादन क्षमता करीब ७०० नग १३० मीटर लंबी रेलपांत प्रतिदिन की है।

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