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Video: ऐतिहासिक पल का पत्रिका बना साक्षी, 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाला BSP पहला संयंत्र

locationभिलाईPublished: Feb 06, 2018 10:40:37 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

संयंत्र ने 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता हासिल कर लिया है। इस ऐतिहासिक अवसर का केवल पत्रिका साक्षी बना।

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भिलाई. दो दिन की ट्रायल टेपिंग के बाद सोमवार की शाम भिलाई इस्पात संयंत्र में एशिया के दूसरे सबसे बड़े ब्लास्ट फर्नेस से शुद्ध हॉट मेटल ( पिघला लोहा) का उत्पादन शुरू हो गया। 8 हजार टन दैनिक उत्पादन क्षमता वाले इस फर्नेस से पहले दिन 2000 टन हॉट मेटल का उत्पादन हुआ। इसके साथ ही संयंत्र ने 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता हासिल कर लिया है। इस ऐतिहासिक अवसर का केवल पत्रिका साक्षी बना।
संयंत्र के सीईओ एम रवि व अन्य आला अधिकारियों के साथ इटली व जर्मनी से आए विशेषज्ञ कंट्रोल से हॉट मेटल के उत्पादन पर नजर रख रहे थे। कुछ विदेशाी विशेषज्ञ फर्नेस में लगातार इधर-उधर चहलकदमी करते हुए संयंत्र के इंजीनियरों को निर्देश दे रहे थे। जैसे ही मटगन ने फर्नेस का टेपिंग hole खोला, शुद्ध गर्म लोहे की धार बाहर निकलने लगी और सभी कर्मचारी खुशी से झूम उठे।
4 फरवरी 1959 का वह याद ताजी हो गई जब भिलाई इस्पात संयंत्र की पहली धमनभ_ी से पिघले लोहे की धार फूटी थी और तत्कलीन डीजीएम एडमिनेस्ट्रेशन एमकेके नायर और चीफ इंजीनियर सिविल पुरुषोत्तम प्रभाकर दानी बच्चों की तरह रोने लगे थे। वैसा ही कुछ दृश्य आज भी था जब सीईओ रवि सहित फर्नेस में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों की आंखे खुशी से छलक उठी। फर्नेस में चार टेपिंग hole हैं जिसमें पारी-पारी से हॉट मेटल निकल रहा है।
भारत के साथ अन्य चार देशों इटली, जर्मनी, रूस और ब्रिटेन के इंजीनियरों की मौजूदगी में शुरू हुआ ब्लास्ट फर्नेस
पहला ब्लास्ट फर्नेस जिसकी टेपिंग मैनुअल की वजह रिमोट से खोली जाएगी, सुरक्षा का अब नहीं रहेगा कोई खतरा
अत्याधुनिक तकनीक के इस ब्लास्ट फर्नेस में पानी की बचत के साथ ही अब प्रदूषण की समस्या भी नहीं आएगी।
फर्नेस की 84 मीटर की चिमनी ऊंचाई में कुतुबमीनार से भी 11 मीटर अधिक है, इससे निकली लपटें दूर से दिखेंगी
ब्लास्ट फर्नेस में हॉट मेटल की उत्पादन क्षमता 84 मिलियन टन, 2000 मिलियन टन हॉट मेटल के साथ शुरूआत
फर्नेस के हॉट मेटल से 10 मीटर लंबे ब्लूम बनेंगे, जिससे यूनीवर्सल रेल मिल अपनी क्षमता से बना सकेगा रेलपांत
पहले दिन निकले 2000 टन हॉट मेटल को संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप 1 और 2 में भेजा गया।
जहां इसे क्रूड स्टील में बदला जाएगा। इसके बाद से विभिन्न मिलों में आकार रेलपांत, प्लेट, वायर एंड राड आदि का आकार दिया जा सकेगा। जब तक स्टील मेल्टिंग शॉप-3 का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, ब्लास्ट फर्नेस-8 से जरूरत के मुताबिक नियंत्रित उत्पादन लिया जाएगा। एसएमएस-3 शुरू होने के बाद इसे टारपीडो लेडल के माध्यम से लेकर जाकर ब्लूम बनाया जाएगा जिसे सिर्फ लंबी रेलपांत के उत्पादन में इस्तेमाल किया जाएगा।
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