प्रबंधन से यूनियन ने मांग किया कि छुट्टी के नकदीकरण व रिटेंशन स्कीम को जल्द लागू किया जाए। यह कर्मियों के लिए राहत देने वाली स्कीम है। रिटायर्ड कर्मचारी को कुछ समय बीएसपी आवास में रहने देने में क्या दिक्कत है। बड़ी संख्या में लोग कब्जा कर बीएसपी मकानों में रह रहे हैं, उनको खाली करवाया जाए।
इंसेंटिव दस वर्ष के न्यूनतम स्तर पर प्रदर्शन कारियों ने कहा कि धीरे-धीरे श्रमिकों की सुविधाओं में कटौती की जा रही है। यहां तक की इंसेंटिव पिछले 10 साल के न्यूनतम स्तर पर है, जो अब तक नहीं हुआ। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अपना कार्य मेहनत से करते हैं अब और कटौती वे सह नहीं पा रहे हैं। हजारों रुपए मिलने वाला इंसेंटिव दो अंकों में आ गया है।
जान जोखिम में डालकर करते हैं काम यूनियन ने कहा कि सरकार को इस्पात संयंत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि इस्पात बनाना एक जटिल व जोखिम भरा काम है। सरकार की नीति श्रमिक विरोधी है। प्रबंधन कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा ना लें, वे अपना काम पूरी लगन और मेहनत से कर रहे हैं। इसके बाद लाभ और नुकसान के बारे में सोचना प्रबंधन व सरकार का कार्य है। प्रबंधन अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाता, तो इसकी सजा कर्मियों को क्यों दी जा रही है।