शुक्रवार की शाम करीब साढ़े चार बजे रोज की तरह पंत स्टेडियम के फुटबॉल ग्राउंड में सभी फुटबॉल प्लेयर प्रैक्टिस करने पहुंचे थे। कोच अशोक गोंडाले ने बताया कि ग्राउंड में जाने के लिए अंशु तैयार होने लगा और उनके सामने ही जूते के लेस बांधे। तभी उन्होंने सभी को ग्राउंड में जाने को कहा। वह बॉल लेकर वार्मअप करने से पहले डिब्लिंग करने लगा। तभी अचानक वह गिर पड़ा। सभी उसकी और दौड़े और देखा कि उसका शरीर अकड़ चुका है और उसने दांत भी कसकर दबा लिए थे। वह कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। उसकी हालत देख वे तत्काल कार में ही लेकर उसे सेक्टर 1 हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉ मोहंती ने उसे देखा तब उन्हें समझ आया कि इसे अटैक आया है। तत्काल एंबुलेंस में उसे सेक्टर 9 हॉस्पिटल भेजा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अपने छात्र की इस तरह मौत देखकर कोच भी सदमे में है। वे केवल इतना ही कह सके कि 11 साल की उम्र से वे उसे खेल सिखा रहे थे, पर आज जो हुआ वे उस पर यकीं नहीं कर पा रहे। ना कभी वह बीमार था और ना कभी उसने ऐसी किसी तकलीफ का जिक्र किया था।
अंशु गुप्ता के दोस्तों ने बताया कि वह खेल में ही अपना कॅरियर बनाना चाहता था। इसलिए स्कूल के दिनों से ही फुटबॉल में ही ज्यादा ध्यान देता था। अभी कॉलेज की टीम में भी वह शामिल था। जबकि अंडर 19 के डिस्ट्रिक्ट लीग मैच में भी बीएसपी टीम की ओर से वह शामिल हुआ था। अंशु के पिता राजू गुप्ता और मां को खबर लगते ही वे अस्पताल पहुंचे। जब पता चला कि उनका बेटा नहीं रहा तो वे बात करने की हालत में भी नहीं थे। अंशु के पिता की हाउसिंग बोर्ड में ही मोबाइल की दुकान है।
नंदिनी रोड स्थित संजना मोबाइल शॉप के संचालक राजू गुप्ता का अंशु इकलौता बेटा था। अंशु की बड़ी बहन भी कॉलेज की ही छात्रा है। चाचा राजेश ने बताया कि अंशु की मौत की खबर अभी घर पर नहीं दी गई है। मां और बहन को यही बताया गया है कि वह बीमार है। सुबह ही उन्हें बताएंगे। चाचा ने बताया कि वह शुरू से ही फुटबॉल खेलना पसंद करता था। इसलिए कई साल से सेक्टर 1 ग्राउंड में प्रैक्टिस करने भी जाता था। उसकी इच्छा थी कि कार्मस की पढ़ाई केसाथ ही वह खेल में ही अपना कॅरियर बनाए।