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RTI में खुलासा 37.51 लाख की 2 सीसी रोड कंप्रेसिंग स्ट्रेंथ टेस्ट में फेल, निगम अफसरों ने रिपोर्ट से पहले किया ठेकेदारों को भुगतान

locationभिलाईPublished: Jan 13, 2019 11:08:21 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

सड़कों की कंप्रेसिंग स्ट्रेंथ मानक के अनुरूप नहीं पाया गया, लेकिन निगम के अफसरों ने जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया।

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RTI में खुलासा 37.51 लाख की 2 सीसी रोड कंप्रेसिंग स्ट्रेंथ टेस्ट में फेल, निगम अफसरों ने रिपोर्ट से पहले किया ठेकेदारों को भुगतान

दुर्ग. नगर निगम में सीसी रोड के निर्माण में एक और बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। साल भर पहले 37.51 लाख की लागत से निर्मित 2 सीसी रोड सरकारी जांच में फेल हो गईं। सड़कों की कंप्रेसिंग स्ट्रेंथ मानक के अनुरूप नहीं पाया गया, लेकिन निगम के अफसरों ने जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया। नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने दिसंबर 2017 को चलित प्रयोगशाला के माध्यम से इन सड़कों की कोर कटिंग कर सैम्पल लिया था।
पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थित लैब में सैम्पल को टेस्ट कराया गया था। इसमें इन सड़कों का कंप्रेसिंग स्ट्रेंथ तय मानक से काफी कम पाया गया था। इसकी रिपोर्ट मार्च 2018 में नगर निगम को उपलब्ध कराई गई, लेकिन निगम के अफसरों ने सरकारी रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। किसी भी सड़क के निर्माण के बाद अंतिम भुगतान के लिए गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट जरूरी है। रिपोर्ट में सड़क मानक के अनुरूप पाए जाने पर ही अंतिम भुगतान का प्रावधान है। ऐसा नहीं होने पर ठेकेदार को नोटिस जारी कर फिर से निर्माण कराए जाना चाहिए। सड़क के निर्माण के दौरान ठेकेदार को केवल रनिंग बिल का भुगतान किया जा सकता है।
इस तरह की गई गड़बड़ी
शासन ने ठेकेदारों की सहूलियत के लिए निजी लैब को भी मान्यता दे रखी है। इसी का फायदा ठेकेदारों द्वारा उठाया जा रहा है। सरकारी लैब की जांच नहीं होने पर ठेकेदारों को निजी लैब की रिपोर्ट पर भुगतान कर दिया जाता था। इन मामलों में भी अफसरों ने सरकारी रिपोर्ट का इंतजार किए बिना निजी लैब की रिपोर्ट पर भुगतान कर दिया।
आरटीआई से सामने आया सच
निगम सभापति राजकुमार नारायणी ने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में सड़कों की टेस्टिंग और रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई थी। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो उन्होंने 26 अक्टूबर 2017 को सूचना का अधिकार के तहत दस्तावेज की मांग की। इसमें रिपोर्ट से पहले ही भुगतान का खुलासा हुआ।
पहले ही खुल चुके हैं कई मामले
निगम में घटिया सड़कों और गुणवत्ताहीन निर्माण के कई मामले पहले ही खुल चुके हैं। इनमें सर्वाधिक मामले सड़कों के हैं। पोलसाय पारा चंडी मंदिर रोड, स्टेशन रोड, सरदार पटेल चौक से जवाहर चौक और पुराना बस स्टैंड दरगाह से शनिचरी बाजार वर्धमान धर्मशाला मार्ग, औद्योगिक नगर में कादम्बरी नगर पहुंच मार्ग, ओल्ड पद्मनाभर की अंदरूनी सड़कों के साथ दर्जनभर से ज्यादा सकड़ों गारंटी पिरियड में उखड़ चुकी है। वहीं सिकोला तालाब, शीतला तालाब, उरला नाला की रिटेङ्क्षनग वॉल भी घटिया निर्माण के कारणगिर चुकी है।
क्या है कंपे्रसिंग स्ट्रेंथ
सीसी रोड बनाने के लिए सीमेंट-53 ग्रेड, २० मिलीमीटर साइज की गिट्टी, रेत और पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे कांक्रीट का मिश्रण तैयार करने के लिए सभी का एक स्टैंडर्ड मानक है। इसे एम-३० कांक्रीट कहा जाता है।
इन सड़कों के सैम्पल फेल
वार्ड-51
नंद फ्रेब्रिकेशन से धनोरा रोड तक सीसी रोड, सैम्पल लिया 29 दिसंबर 2017 को, रिपोर्ट 7 मार्च 2018 को, कंप्रेसिंग स्ट्रेन्थ 75 फीसदी से कम, सड़क की लागत 18 .70 लाख, 10.90 फीसदी बिलो पर ठेका, 22 जनवरी 2018 को भुगतान। ठेकेदार सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन।
वार्ड-1
आजाद चंद्रशेखर स्कूल से योगी पान सेंटर तक सीसी रोड, सैम्पल 30 दिसंबर 2017 को लिया, रिपोर्ट 8 मार्च 2018 को, कंप्रेसिंग स्ट्रेन्थ कम पाया गया, सड़क की लागत 18.81 लाख, 10.55 फीसदी बिलो रेट पर ठेका, 22 फरवरी 2018 को भुगतान, ठेकेदार श्रीकंस्ट्रक्शन।
जानिए किसने क्या कहा
सभापति नगर निगम राजकुमार नारायणी ने बताया कि अफसरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर गड़बड़ी को अंजाम दिया है। इसकी जांच कर अफसरों व ठेकेदार दोनों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना चाहिए। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री से भी की जाएगी। कार्रवाई नहीं हुई तो न्यायालय में परिवाद दायर कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
लोककर्म प्रभारी नगर निगम दुर्ग दिनेश देवांगन ने बताया कि शासन ने निजी लैब की रिपोर्ट को भी मान्य किया है। ठेकेदार उक्त आधार पर बिल के लिए दावा करते हैं। इस आधार पर भुगतान कर दिया जाता है, लेकिन गुणवत्ता खराब पाए जाने पर ठेकेदार से मरम्मत कराए जाने का प्रावधान है। इसके लिए 15 फीसदी अमानत राशि जमा करवाकर रखवाया जाता है। टेस्ट में फेल है तो सड़कों की मरम्मत कराने ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा। ठेकेदार ने ध्यान नहीं दिया तो अमानत राशि राजसात कर मरम्मत कराई जाएगी।

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