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इन नौकरशाहों की घटिया प्लानिंग से बेकार हो गया 2.25 करोड़ रुपए का वाटर फिल्टर प्लांट, सूखी पड़ी हैं टंकियां

locationभिलाईPublished: Apr 08, 2019 05:24:38 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

सवा दो करोड़ रुपए का वाटर फिल्टर प्लांट बेकार हो गया है।

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इन नौकरशाहों की घटिया प्लानिंग से बेकार हो गया 2.25 करोड़ रुपए का वाटर फिल्टर प्लांट, सूखी पड़ी हैं टंकियां

भिलाई. सवा दो करोड़ रुपए का वाटर फिल्टर प्लांट बेकार हो गया है। 1.5 एमएलडी क्षमता के छावनी फिल्टर प्लांट पानी के अभाव में महीनों से बंद पड़ा है। रॉ वॉटर की टंकियां सूखी पड़ी हंै। मशीनों पर धूल की परत जम गई है। दरवाजे पर ताला लटक रहा है। इसके कारण औद्योगिक क्षेत्र छावनी के घरों में पानी सप्लाई की व्यवस्था चरमरा गई है। इतनी बड़ी राशि खर्च के बावजूद छावनी के लोग पेयजल के लिए टैंकर पर निर्भर है।
प्लॉन में ही थी गड़बड़ी
2013-14 में जब शासन ने औद्योगिक क्षेत्र में केमिकलयुक्त पानी की समस्या के निराकरण के लिए प्लान बनाने कहा तब इंजीनियरों ने मोरिद जलाशय में पानी की कमी होने के बाद भी व्यवस्था के विकल्प पर ध्यान नहीं दिया। उस समय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसआर राणा और निगम के तात्कालीन अधीक्षण अभियंता जीएस ताम्रकार इस प्रोजेक्ट को देख रहे थे। उनके नेतृत्व में ही मोरिद जलाशय के पानी को फिल्टर कर छावनी वार्ड के घरों तक सप्लाई की योजना बनाई, जैसे ही जलाशय में पानी कम होता है, फिल्टर प्लांट बंद हो जाता है।
लोकार्पण के दिन पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री अग्रवाल ने यह दावा किया था कि १६ साल के प्रयास के बाद औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को केमिकल युक्त पानी की समस्या से राहत मिलेगी। 1.5 एमएलडी फिल्टर प्लांट से छावनी बस्ती, औद्योगिक क्षेत्र, उडिय़ा बस्ती, मंगल बाजार, मुक्तिधाम क्षेत्र छावनी, दर्री तालाब, आदिवासी कॉलोनी, गणेश मंदिर रोड खुर्सीपार क्षेत्र के लोगों को घर पहुंच शुद्ध पानी मिलेगा, लेकिन मोरिद जलाशय में 12हीने पर्याप्त पानी रहे इस दिशा में शासन स्तर पर प्रयास नहीं किया।
बीएसपी प्रबंधन भी मोरिद जलाशय के बजाय अपने संसाधनों के अनुसार काम चलाना शुरू कर दिया। नवंबर दिसंबर में जैसे ही मोरिद जलाशय के पानी का लेवल कम होता है। निगम के इंटकवेल को पानी ही नहीं मिलता।
16 मई को किया था लोकार्पण
शासन से फंड मिलने के बाद 2.25 करोड़ रुपए की लागत से १.५ एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लांट बनाया। रॉ वाटर की सप्लाई के लिए मोरिद जलाशय से छावनी तक राइजिंग पाइप लाइन बिछाई गई। घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए ९०० मीटर सर्विस पाइप लाइन भी बिछाई गई। लोक सुराज अभियान के अंतर्गत १६ मई २०१६ को पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने इसका लोकार्पण किया।
जानिए २.७५ करोड के प्रोजेक्ट को
शासकीय स्कूल छावनी के बाजू के मैदान में फिल्टर प्लांट बनाया। १.५ एमएलडी क्षमता का संपवेल बनाया गया। पंप हाउस बनाया गया। पावर सप्लाई के लिए हैवी ट्रांसफार्मर भी लगाया गया। सुरक्षा के लिए चारो तरफ बाउंड्रीवाल बनाई गई।
२०० और ३०० मिली मीटर व्यास के ९०० मीटर लंबा सर्विस पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन मात्र१४७ घरों में नल कनेक्शन दिया। ४-५ महीने पानी मिला। प्लांट बंद होते ही सप्लाई बंद हो गई। प्रोजेक्ट के मुताबिक ४६७ घरों तक पानी पहुंचाने की योजना थी।मोरिद जलाशय से फिल्टर प्लांट में रॉ वाटर की सप्लाई के लिए पंप हाउस में ४०-४० हॉर्स पावर के तीन सबमर्सिबल पंप लगाया गया है। पानी की कमी की वजह से तीनों पंप इंटकवेल में बंद पड़े हैं।
सवा दो करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद छावनी में १२ महीने चार टैंकर से पानी सप्लाई करना पड़ रहा है। यहां प्रतिदिन आठ स्थानों पर टैंकर से पानी सप्लाई किया जाता है। जो अतिरिक्त खर्च है। महापौर देेवेंद्र यादव ने बताया कि फिल्टर प्लांट का प्रस्ताव मेरे कार्यकाल के पहले का है। लोकार्पण के बाद ही मैंने प्रोजेक्ट की जानकारी मांगी। जब अमृत मिशन योजना के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली तब धमतरी जलाशय से मोरिद जलाशय को पानी देने के लिए समझौता किया गया।
अधीक्षण अभियंता सत्येंद्र सिंह ने बताया कि फिल्टर प्लांट का यूटिलाइज किया जाएगा। अमृत मिशन योजना की पाइप लाइन से फिल्टर प्लांट को इंटरकनेक्ट किया जाएगा। संपवेल में पानी को स्टोर कर डिमांड के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में सप्लाई की जाएगी।
इस वजह से हो गया बेकार
लोकार्पण के सालभर भर बाद अमृत मिशन योजना के अंतर्गत छावनी में ३२ लाख लीटर क्षमता की टंकी बनाने की स्वीकृति मिली। टंकी बनकर तैयार हो गई है। इस टंकी को ७७ एमएलडी फिल्टर प्लांट के पानी से भरा जा रहा है। अमृत मिशन और पुरानी सर्विस लाइन से १२०० लोग नल कनेक्शन लेने के लिए तैयार भी हो गए हैं। कनेक्शन देने के साथ पानी की सप्लाई भी शुरू हो गई है। इस तरह से नई टंकी बनने के बाद सवा दो करोड़ के फिल्टर प्लांट की उपयोगिता नहीं रह जाएगी।

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