बालोद जिले के गांव के किसान नरोत्तम लाल यादव का बेटा तिलेश्वर प्रसाद सीजी पीएसपी उत्तीर्ण कर डीएसपी बन गया है। छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी रायपुर (Chhattisgarh State Police Academy Chandkhuri Raipur) में प्रशिक्षण के बाद गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। गांव के लोगों ने अपने लाडले अधिकारी बेटे को आंखों में बिठा लिए। बाजेगाजे के साथ नृत्य करते बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। फूल मालाओं से लदे डीएसपी बेटे ने गांव के बड़े बुजुर्गों का चरण छू आशीर्वाद लिया।
घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता को कठिन परिश्रम करते देखा तो गरीबी दूर करने अधिकारी बनने का निश्चय बचपन से ही कर लिया था। गरीबी के कारण पढ़ाई में दिक्कतें आने पर मेरे सभी शिक्षकों ने भरपूर मदद की और आगे बढऩे के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। 12 वीं उत्तीर्ण होने के बाद शिक्षाकर्मी नौकरी करते हुए आगे पढ़ाई जारी रखी। प्राइवेट छात्र के रूप में बीएससी और एमएससी गणित कर शिक्षाकर्मी वर्ग एक के रूप में बीजापुर और कबीरधाम में सेवाएं दी।
माध्यमिक स्कूल तक गांव में पढ़ाने वाले शिक्षक सुखराम निषाद ने बताया कि तिलेश्वर पढ़ाई में शुरू से ही होनहार था। विश्वास था कि आगे चलकर गांव का नाम रोशन करेगा।
तिलेश्वर के घर की आर्थिक बहुत खराब थी। पिता नरोत्तम दूसरों के घर नौकरी (नौकर लगकर) अपने चार बेटे बेटियों को मुश्किल से पढ़ाए है। बड़ा बेटा डीएसपी और छोटा भी सीएएफ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
लोक सेवा आयोग परीक्षा के प्रति डर और भ्रम दूर होने पर बिना किसी कोचिंग के पूरी तन्मयता के साथ परीक्षा की तैयारी की। मेरे जन्मभूमि का ही प्रताप था कि मुझे भी पुलिस विभाग में डीएसपी का पद मिला। तैयारी के कठिनत समय में पत्नी का सहयोग मेरे राह को आसान कर दिया। मैं जिले के सभी युवाओं से कहना चाहूंगा कि वे दृढ़ निश्चय कर, स्वयं में विश्वास कर लक्ष्य की ओर बढ़े तो सफलता निश्चित मिलेगी। सम्मान समारोह में सरपंच पुरुषोत्तम यादव, उप सरपंच देवेंद्र यादव, गांव के वरिष्ठ नागरिक सुखराम निषाद, नंदलाल यादव, देशन यादव, सियाराम यादव, राजेन्द्र निषाद, पहाड़ सिंह साहू, अजय राणा, महिला कमांडो, कबड्डी दल, राउत नाचा दल सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।
नेवारी की पहचान पूरे जिले में सैनिक ग्राम के रूप में है। 800 आबादी वाले इस गांव के हर एक घर का बेटा देश की सेवा में विभिन्न जगहों पर तैनात है। गांव के 120 घर के बेटे देश की रक्षा में सेवाएं दे रहे हैं। तिलेश्वर के डीएसपी बनने के बाद इस गांव के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई।