CEO के सामने BSP का नाम सुनकर अचानक रेल मंत्री लगाने लगे ठहाके, देखने वाले रह गए हैरान
उनका फोकस नोटबंदी और जीएसटी के फायदे गिनाने में रहा, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के कुछ देर पहले स्टार्टअप पर भी अपनी राय दी।

भिलाई. सोमवार को सीए शाखा भिलाई में हुए स्टार्टअप इंडिया के कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। वैसे तो पूरे कार्यक्रम में उनका फोकस नोटबंदी और जीएसटी के फायदे गिनाने में रहा, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के कुछ देर पहले स्टार्टअप पर भी अपनी राय दी। आज का युवा २०-२५ हजार रुपए की नौकरी करने से बेहतर नौकरी देने वाला बनना चाहता है।
इसमें स्टार्टअप इंडिया मिशन उनके लिए मददगार साबित होगा। जिस तरह से टेक्नोलॉजी की दखल बढ़ी है, उससे स्टार्टअप को मजबूती मिलेगी। कार्यक्रम में सीए शाखा ने रेलमंत्री से छोटे उद्योगों को भी रेलवे एंसीलरी का दर्जा देने की मांग की। इस सुझाव को रेलमंत्री ने काउंसिल में रखने का भरोसा दिलाया।
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय , कैबिनेट मंत्री पुन्नुलाल मोहले, संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, सांसद रमेश बैस भी कार्यक्रम में शामिल हुए। स्टार्टअप इंडिया मिशन के बारे में जानकारी देने के लिए मुख्य वक्ता के तौर पर नीति आयोग से सौरभ कुमार व यस बैंक के पूर्व अध्यक्ष आनंद बजाज भी पहुंचे। उन्होंने उदाहरणों के जरिए स्टार्टअप इंडिया की बारीकियां समझाईं। इस दौरान सीए शाखा के पदाधिकारी सीए मिनेश जैन, पीयूष जैन, महावीर जैन, नितिन लुनिया मौजूद रहे।
भाजपा में विरासत जैसा कुछ नहीं
रेलमंत्री ने राजनीतिक संगठनों का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि भाजपा में विरासत के आधार पर राजनीति नहीं चलती। यूपी की पूर्व सरकार में चाचा-भतीजा, ताऊवाद चला है, ऐसा मोदी सरकार के राज में नहीं होता। छोटा सा कार्यकर्ता भी पार्टी के लिए बेहतर काम करके बड़ा लीडर बना सकता है।
बीएसपी को समझा, बहुजन समाज पार्टी
इस कार्यक्रम में आयोजकों ने बीएसपी के सीईओ एम. रवि कुमार की मौजूदगी बताई। इस पर रेलमंत्री ने ठहाका लगाते हुए कि बीएसपी सुनकर लगा जैसे हमारे बीच बहुजन समाज पार्टी से भी लोग बैठे हैं। हालांकि बाद में इसे मजाक के तौर पर लिया और बीएसपी के उत्पादन और कार्यप्रणाली की तारीफ की।
सीए शाखा में बैठे सैकड़ों चार्टर्ड अकाउंटेंट से कहा कि देश में २.७५ लाख सीए हैं। यदि ये ठान लें कि किसी भी क्लाइंट का गलत काम में साथ नहीं देंगे तो टैक्स की चोरी को आसानी से रोका जा सकता है। सभी को एकता लानी होगी, जिससे कोई भी टैक्स चोरी करने से भी घबराए।
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