प्रदेश में लगातार 15 वर्षों के बाद अब सत्ता का वनवास भोग रही भाजपा के सामने मौजूदा स्थितियों में चुनाव से पहले कई चुनौतियां हैं। बीजेपी की सफलता का राज मजबूत संगठन और समर्पित कार्यकर्ता माने जाते हैं, लेकिन पिछले दफा मंडल चुनाव के समय पार्टी में जिस कदर बिखराव हुआ और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी इसे सहेजने व समेटने के बजाए टालू रणनीति अपनाई, वह अब निकाय चुनाव में पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकती है। दरअसल भाजपा के स्थानीय सभी बड़े नेता सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्ष चुनने के बजाए थोपने से नाराज थे। इसको लेकर खुलकर बगावती तेवर भी दिखाए, बावजूद संगठन खामोश रहा।
जिलाध्यक्ष भिलाई शहर जिला कांग्रेस तुलसी साहू ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में एक तरफा जीत से कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित है और वार्ड के साथ ही अब बूथ की मजबूती के लिए जुट गए हैं। हमें पूरा भरोसा है कि बूथ मैनेजमेंट में विरोधी दलों से हम कहीं कमजोर साबित नहीं होंगे। सुपेला ब्लॉक के 11 वार्डों में समिति अध्यक्ष का चयन हो चुका है। पार्टी के तय फार्मेट में सभी अध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करेंगे। इसक बाद बूथ स्तर का संगठन तैयार किया जाएगा।
सांवला राम डाहरे, अध्यक्ष भिलाई शहर जिला भाजपा ने कहा कि मजबूत संगठन के बलबूते भाजपा फिर सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरकर सामने आएगी। भिलाई शहर जिला भाजपा के अंतर्गत करीब 622 बूथ हैं। हमने तो कांगेस से पहले ही अपनी तैयारी कर ली है। फिलहाल जनसंपर्क अभियान के माध्यम से हम पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर उनके छह साल की उपलब्ध्यिां लोगों को बता रहे हैं। इस तरह हमारे कार्यकर्ता जनता से सीधे रूबरू हो रहे हैं।