दीप सुबह 11.30 बजे स्कूल पहुंच गया था। वह कैंपस के हाईस्कूल मैदान में रखे एक सीमेंट की पाइप पर चढ़कर खेलने लगा। तभी उसका गला पाइप में बने एक बड़े से छेद में फंस गया। सहपाठियों ने देखा तो किसी तरह बाहर निकाला और टीचर को बताया। टीचर ने उन्ही बच्चों को उसे घर तक छोड़ आने को कहा। घर पर माता-पिता मजदूरी करने गए थे। पड़ोसी तुरंत उसे नजदीक के एक निजी हॉस्पिटल ले गए। चिकित्सकों ने अपनी ही एंबुलेंस में सुपेला अस्पताल भेजा मगर रास्ते में ही मौत हो गई।
दीप की मौत की खबर सुनकर करीब 3 बजे स्कूल पहुंचे बघेल ने चश्मदीद बच्चों से पूरी जानकारी ली। बच्चों ने बताया कि जब वे खेलने पहुंचे तो दीप का गला पाइप में फंसा हुआ था। वहां और कोई नहीं था। उन्होंने मिलकर निकाला और टीचर को बताया। टीचर ने उसे घर छोड़कर आने को कहा।
डीईओ की फटकार के बाद सभी शिक्षक जिम्मेदारी से बचते रहे। प्रधान पाठक भीखम सिन्हा छुट्टी पर थे। प्रभारी ने गंभीरता से नहीं लिया। हाईस्कूल के शिक्षक भी थे, पर किसी ने मदद नहीं की।
स्कूली बच्चों ने बताया कि हाईस्कूल मैदान में रोजाना कबड्डी की प्रैक्टिस होती है। इसलिए मैदान को समतल करने के लिए इसी पाइप का उपयोग किया जाता है। वर्षो से ग्राउंड में ही रखा हुआ है।
बड़े भाई दीप की मौत की खबर से बेखबर छोटी बहन भूमि घर के बाहर खेलती रही। रह-रह कर वह पिता विष्णु देवांगन से भाई के बारे में पूछती तो आंखों में आंसू लिए पिता केवल यही कह पाते कि वह बीमार है जल्दी आएगा। विष्णु के दो बच्चे हैं जिसमें से दीप बड़ा बेटा था और भूमि उससे छोटी है। सुपेला अस्पताल की मॉच्र्युरी पहुंचे माता-पिता ने आरोप लगाया कि शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने बच्चे को बिना देखे ही पैदल घर भेज दिया। इससे उसकी हालत और खराब हो गई। वे चाहते तो मेरा लाल बच जाता।
खुर्सीपार वार्ड 35 के पार्षद कृष्णा बेनी प्रसाद ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा का स्तर बढ़ाने सरकार कई योजना चला रही है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। कैंपस के अंदर बच्चों की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है। आज की घटना में शिक्षकों का जिम्मेदारी से बचना शर्मनाक है। कार्रवाई होनी चाहिए।
डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि शिक्षकों की पहली जिम्मेदारी थी कि बच्चे को अस्पताल लेकर जाते और घटना की सूचना आला अधिकारी को देते, लेकिन किसी ने यह जिम्मेदारी नहीं निभाई। मंैने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच प्रतिवेदन बनाया है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
हाई स्कूल के प्राचार्य एमके साहू ने बताया कि स्कूल बिल्ंिडग बनने से पहले ही पाइप रखा हुआ था। बच्चे रोजाना खेलते हैं, लेकिन ऐसा गंभीर हादसा होगा, पता नहीं था। मैं खुद भी डीईओ ऑफिस गया हुआ था। मुझे 2 बजे के बाद ही इसकी सूचना मिली।