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सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, सीमेंट पाइप में फंसे छात्र को अस्पताल की जगह भेज दिया घर, उपचार से पहले मौत

locationभिलाईPublished: Nov 16, 2019 09:03:29 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

खुर्सीपार जोन-2 स्थित शा. मीडिल स्कूल में कक्षा 6 वीं के छात्र दीप की स्कूल कैंपस में रखे सीमेंट की पाइप में फंसकर मौत हो गई। (Bhilai News)

सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, सीमेंट पाइप में फंसे छात्र को अस्पताल की जगह भेज दिया घर, उपचार से पहले मौत

सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, सीमेंट पाइप में फंसे छात्र को अस्पताल की जगह भेज दिया घर, उपचार से पहले मौत

भिलाई. रोज की तरह मासूम दीप देवांगन शुक्रवार को सुबह जल्दी स्कूल चला गया, ताकि वह अपने दोस्तों के साथ खेल सके। पर यह उसकी जिंदगी का खेल ही खत्म कर गया। खुर्सीपार जोन-2 स्थित शा. मीडिल स्कूल (Government school Bhilai) में कक्षा 6 वीं के छात्र दीप की स्कूल कैंपस में रखे सीमेंट की पाइप में फंसकर मौत हो गई। खुर्सीपार पुलिस (Bhilai police) ने मर्ग कायम किया है। शिक्षकों ने दीप को तुरंत अस्पताल ले जाने की अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाए दोस्तों के साथ घर भेज दिया। मजूदरी करने गए माता-पिता की गैरमौजूदगी में पड़ोसी उसे नजदीक के अस्पताल लेकर गए।
डॉक्टरों (Doctor in Bhilai)ने उसकी हालत गंभीर बताई और सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही दीप की रास्ते में मौत हो गई। स्कूल के शिक्षकों ने अब भी जरूरी नहीं समझा कि वे इसकी जानकारी अपने आला अधिकारी को दें। वार्ड पार्षद के फोन करने पर डीईओ प्रवास सिंह बघेल स्कूल फिर वहां से मृतक छात्र के घर गए। इधर अपने कलेजे के टुकड़े की मौत की खबर पाकर मां सरिता देवांगन बेहोश हो गई। रो-रो कर उसकी हालत भी नाजुक हो गई तो उसे शाम को सेक्टर 9 हॉस्पिटल दाखिल कराया गया।
सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, सीमेंट पाइप में फंसे छात्र को अस्पताल की जगह भेज दिया घर, उपचार से पहले मौत
यह थी घटना- उसका गला पाइप में फंस गया
दीप सुबह 11.30 बजे स्कूल पहुंच गया था। वह कैंपस के हाईस्कूल मैदान में रखे एक सीमेंट की पाइप पर चढ़कर खेलने लगा। तभी उसका गला पाइप में बने एक बड़े से छेद में फंस गया। सहपाठियों ने देखा तो किसी तरह बाहर निकाला और टीचर को बताया। टीचर ने उन्ही बच्चों को उसे घर तक छोड़ आने को कहा। घर पर माता-पिता मजदूरी करने गए थे। पड़ोसी तुरंत उसे नजदीक के एक निजी हॉस्पिटल ले गए। चिकित्सकों ने अपनी ही एंबुलेंस में सुपेला अस्पताल भेजा मगर रास्ते में ही मौत हो गई।
बच्चों ने कहा- शिक्षकों ने बच्चे को घर भेजा
दीप की मौत की खबर सुनकर करीब 3 बजे स्कूल पहुंचे बघेल ने चश्मदीद बच्चों से पूरी जानकारी ली। बच्चों ने बताया कि जब वे खेलने पहुंचे तो दीप का गला पाइप में फंसा हुआ था। वहां और कोई नहीं था। उन्होंने मिलकर निकाला और टीचर को बताया। टीचर ने उसे घर छोड़कर आने को कहा।
बचते रहे जिम्मेदारी से
डीईओ की फटकार के बाद सभी शिक्षक जिम्मेदारी से बचते रहे। प्रधान पाठक भीखम सिन्हा छुट्टी पर थे। प्रभारी ने गंभीरता से नहीं लिया। हाईस्कूल के शिक्षक भी थे, पर किसी ने मदद नहीं की।
कबड्डी मैदान में यूज होता था पाइप
स्कूली बच्चों ने बताया कि हाईस्कूल मैदान में रोजाना कबड्डी की प्रैक्टिस होती है। इसलिए मैदान को समतल करने के लिए इसी पाइप का उपयोग किया जाता है। वर्षो से ग्राउंड में ही रखा हुआ है।
आंगन में खेलती रही बेटी
ड़े भाई दीप की मौत की खबर से बेखबर छोटी बहन भूमि घर के बाहर खेलती रही। रह-रह कर वह पिता विष्णु देवांगन से भाई के बारे में पूछती तो आंखों में आंसू लिए पिता केवल यही कह पाते कि वह बीमार है जल्दी आएगा। विष्णु के दो बच्चे हैं जिसमें से दीप बड़ा बेटा था और भूमि उससे छोटी है। सुपेला अस्पताल की मॉच्र्युरी पहुंचे माता-पिता ने आरोप लगाया कि शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने बच्चे को बिना देखे ही पैदल घर भेज दिया। इससे उसकी हालत और खराब हो गई। वे चाहते तो मेरा लाल बच जाता।
शिक्षकों का जिम्मेदारी से बचना शर्मनाक
खुर्सीपार वार्ड 35 के पार्षद कृष्णा बेनी प्रसाद ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा का स्तर बढ़ाने सरकार कई योजना चला रही है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। कैंपस के अंदर बच्चों की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है। आज की घटना में शिक्षकों का जिम्मेदारी से बचना शर्मनाक है। कार्रवाई होनी चाहिए।
शिक्षकों ने नहीं निभाई जिम्मेदारी, शोकॉज दिया
डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि शिक्षकों की पहली जिम्मेदारी थी कि बच्चे को अस्पताल लेकर जाते और घटना की सूचना आला अधिकारी को देते, लेकिन किसी ने यह जिम्मेदारी नहीं निभाई। मंैने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच प्रतिवेदन बनाया है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
मैं खुद भी डीईओ ऑफिस गया हुआ था
हाई स्कूल के प्राचार्य एमके साहू ने बताया कि स्कूल बिल्ंिडग बनने से पहले ही पाइप रखा हुआ था। बच्चे रोजाना खेलते हैं, लेकिन ऐसा गंभीर हादसा होगा, पता नहीं था। मैं खुद भी डीईओ ऑफिस गया हुआ था। मुझे 2 बजे के बाद ही इसकी सूचना मिली।

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