इसके पहले भिलाई इस्पात सयंत्र के रिटायर्ड कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन सेंटर का चक्कर लगाने मजबूर थे। भिलाई इस्पात सयंत्र ने अपने रिटायर्ड कर्मियों के लिए एक काउंटर तो एचआरडीसी में खोला था, लेकिन उसे प्रथम तल पर खोल गया, वहां अव्यवस्था का आलम था।
जहां बुजुर्गों के बैठने की सही व्यवस्था तक नहीं थी। छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के नेताओं ने भिलाई इस्पात सयंत्र से के पूर्व कर्मी और उनके परिजन व्यवस्था को लेकर चर्चा की। जिसके बाद सकारात्मक पहल सामने आई।
व्हील चेयर सहित कंधे पर उठा पहुंचे थे दफ्तर
रेज्जी नायर ने बताया कि प्रथम तल पर रजिस्ट्रेशन होने के कारण बुजुर्गो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। 77 साल की एक बुजुर्ग महिला ग्रेसी तंगप्पन को उनके परिवार वाले व्हील चेयर सहित प्रथम तल तक ले लाने मजबूर हुए।
रेज्जी नायर ने बताया कि प्रथम तल पर रजिस्ट्रेशन होने के कारण बुजुर्गो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। 77 साल की एक बुजुर्ग महिला ग्रेसी तंगप्पन को उनके परिवार वाले व्हील चेयर सहित प्रथम तल तक ले लाने मजबूर हुए।
ऐसा ही कई बुजुर्गो के साथ है जो या तो जोड़ों के दर्द से परेशान है या उनको सीढ़ी चढऩे में तकलीफ है। रजिस्ट्रेशन रूम में न तो बैठने की सही व्यवस्था है। न ही पीने की पानी की। घंटों इंतजार करते बुजुर्गो के लिए रजिस्ट्रेशन एक सजा बन गया था। जिसे हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर में सेंटर बनाए जाने की मांग छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के नेताओ ने की थी।
इस मामले के भावनात्मक पहलू के देखते हुए तुरन्त महाप्रबन्धक कार्मिक कार्यालय जा कर अधिकारियों से बात की। महासचिव अखिल मिश्र ने बताया कि सीजीएमएस नेताओं ने प्रबन्धन से इस सेंटर को सेक्टर 9 अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में किसी रूम में शिफ्ट करने की मांग की थी। जिसके बाद प्रबंधन ने सेक्टर-5 में व्यवस्था कर दी है।
2 ऑटो बदलकर पहुंचते थे बीटीआई
सीजीएमएस के सचिव विमलकांत पांडे ने बताया कि सयंत्र के लिए सेक्टर से सीधे कोई साधन उपलब्ध न होने के कारण बुजुर्ग कर्मियों को ऑटो बदल कर आना जाना पड़ रहा था। यह एक उम्र से अधिक कर्मियों और उनके परिजनों के लिए काफी परेशानी भरा था। रजिस्ट्रेशन सेंटर को सेक्टर 5 के हॉस्पिटल में शिफ्ट किया है तो शहर के हर कोने से वहां के लिए डायरेक्ट साधन मिल जाता है।
सीजीएमएस के सचिव विमलकांत पांडे ने बताया कि सयंत्र के लिए सेक्टर से सीधे कोई साधन उपलब्ध न होने के कारण बुजुर्ग कर्मियों को ऑटो बदल कर आना जाना पड़ रहा था। यह एक उम्र से अधिक कर्मियों और उनके परिजनों के लिए काफी परेशानी भरा था। रजिस्ट्रेशन सेंटर को सेक्टर 5 के हॉस्पिटल में शिफ्ट किया है तो शहर के हर कोने से वहां के लिए डायरेक्ट साधन मिल जाता है।
एक दिन पहले या सुबह कराने के बाद ही होता है रजिस्ट्रेशन
सीजीएमएस प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि बुजुर्ग कर्मियों को एक दिन पहले या सुबह जा कर रजिस्ट्रेशन के लिए अपना नाम नोट करवाना होता है। तब जाकर कहीं शाम तक उनका रजिस्ट्रशन का काम पूरा होता है। इसके चलते विवाद की स्थिति आ जाती थी।
सीजीएमएस प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि बुजुर्ग कर्मियों को एक दिन पहले या सुबह जा कर रजिस्ट्रेशन के लिए अपना नाम नोट करवाना होता है। तब जाकर कहीं शाम तक उनका रजिस्ट्रशन का काम पूरा होता है। इसके चलते विवाद की स्थिति आ जाती थी।