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ये है भारत की ऐसी जगह, जहां सड़क बनाने के लिए भी 24 घंटे जवानों को देना पड़ता है पहरा

locationभिलाईPublished: Jan 13, 2018 12:28:37 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने रावघाट परियोजना के लिए एमडीओ (माइंस डेवलपर कम ऑपरेटर) का कार्य एसीबी को दिया गया है।

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भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने रावघाट परियोजना के लिए एमडीओ (माइंस डेवलपर कम ऑपरेटर) का कार्य एसीबी को दिया गया है। ठेका कंपनी को माइंनिंग के काम को शुरू करने घाट के उपरी हिस्से में प्लांट लगाना है। इसके लिए हेवी मशीनों को उपर ले जाना पड़ेगा। जिसके लिए सड़क का निर्माण करना होगा। ठेका देने के तीन माह बाद अब तक सिर्फ सर्वे किए जाने की बात ही कही जा रही है।
बीएसपी प्रबंधन ने रावघाट के आयरन ओर ब्लॉक ए एरिया में मौजूद करीब 50 हजार पेड़ के सर्कल को चिन्हित किया है। इन पेड़ों को वन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को कटवाना है। रावघाट में पेड़ कटवाने का ठेका देने के लिए वन विभाग टेंडर निकाला था पर माओवादियों के भय से काम करने कोई ठेकेदार सामने नहीं आ रहे हैं।
बेखौफ होकर कर सकेंगे काम
सेल प्रबंधन ने रावघाट के ऊपरी हिस्से में दो बटालियन को २४ घंटे के लिए तैनात कर दिया है। जिससे सेल ने जिस कंपनी को आयरन ओर खनन करने का काम दिया है, वे बिना भय के काम शुरू कर सके। प्रबंधन ने कच्चा रास्ता भी उपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए बना दिया है। जिसके लिए पेड़ों की कटाई करने में महीनों लगे थे।
रेलपांत बिछाने के काम में तेजी
रेलपांत बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि पांच वर्ष में रेलपांत ताड़ोकी तक बिछ जाएगी और आयरन ओर का खनन भी शुरू हो जाएगा। रावघाट से आयरन ओर को रेलमार्ग से राजहरा लाएंगे। वहां से धुलाई कर उसे बीएसपी के लिए रवाना किया जाएगा। रावघाट में साल 2022 से ही नियमित खनन की तैयारी की जा रही है।
एसीबी से करार हो चुका है। कंपनी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसके बाद खनन से जुड़ी तैयारियों में जुटेगी। रावघाट में कंपनी बुनियाद डालने का काम जब शुरू करेगी, तब वहां से आयरन ओर ही निकलेगा। संभावना जताई जा रही है कि हर दिन करीब पांच हजार टन आयरन ओर निर्माण कार्य के दौरान निकलेगा। जिसे सड़क मार्ग से भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए रवाना किया जाएगा।

हर साल उपयोग होता है ११ एमटी आयरन ओर
बीएसपी वर्तमान में 35 लाख 56 हजार 966 टन आयरन ओर लम्स एक वर्ष में झरन दल्ली, राजहरा माइंस से ले रहा है। ब्लॉस्ट फर्नेस ग्रेड लम्स तकरीबन 42 लाख 40 हजार 257 टन दल्लीराजहरा से लिया जाता है। इसके अलावा दूसरे प्रदेश से तकरीबन 7 लाख 67 हजार टन आयरन ओर लाया जाता है।
रावघाट के ऊपरी क्षेत्र में तैनात जवान
235 किलोमीटर की रावघाट रेल परियोजना, दल्ली राजहरा, रावघाट, जगदलपुर तक
95 किमी. का काम होगा पहले चरण में, दल्ली राजहरा-रावघाट तक
140 किमी. का काम होगा द्वितीय चरण में रावघाट से जगदलपुर तक
3 फोर्स, एसएसबी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की सुरक्षा में होगा निर्माण
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