बीएसपी प्रबंधन ने रावघाट के आयरन ओर ब्लॉक ए एरिया में मौजूद करीब 50 हजार पेड़ के सर्कल को चिन्हित किया है। इन पेड़ों को वन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को कटवाना है। रावघाट में पेड़ कटवाने का ठेका देने के लिए वन विभाग टेंडर निकाला था पर माओवादियों के भय से काम करने कोई ठेकेदार सामने नहीं आ रहे हैं।
बेखौफ होकर कर सकेंगे काम
सेल प्रबंधन ने रावघाट के ऊपरी हिस्से में दो बटालियन को २४ घंटे के लिए तैनात कर दिया है। जिससे सेल ने जिस कंपनी को आयरन ओर खनन करने का काम दिया है, वे बिना भय के काम शुरू कर सके। प्रबंधन ने कच्चा रास्ता भी उपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए बना दिया है। जिसके लिए पेड़ों की कटाई करने में महीनों लगे थे।
सेल प्रबंधन ने रावघाट के ऊपरी हिस्से में दो बटालियन को २४ घंटे के लिए तैनात कर दिया है। जिससे सेल ने जिस कंपनी को आयरन ओर खनन करने का काम दिया है, वे बिना भय के काम शुरू कर सके। प्रबंधन ने कच्चा रास्ता भी उपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए बना दिया है। जिसके लिए पेड़ों की कटाई करने में महीनों लगे थे।
रेलपांत बिछाने के काम में तेजी
रेलपांत बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि पांच वर्ष में रेलपांत ताड़ोकी तक बिछ जाएगी और आयरन ओर का खनन भी शुरू हो जाएगा। रावघाट से आयरन ओर को रेलमार्ग से राजहरा लाएंगे। वहां से धुलाई कर उसे बीएसपी के लिए रवाना किया जाएगा। रावघाट में साल 2022 से ही नियमित खनन की तैयारी की जा रही है।
रेलपांत बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि पांच वर्ष में रेलपांत ताड़ोकी तक बिछ जाएगी और आयरन ओर का खनन भी शुरू हो जाएगा। रावघाट से आयरन ओर को रेलमार्ग से राजहरा लाएंगे। वहां से धुलाई कर उसे बीएसपी के लिए रवाना किया जाएगा। रावघाट में साल 2022 से ही नियमित खनन की तैयारी की जा रही है।
एसीबी से करार हो चुका है। कंपनी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसके बाद खनन से जुड़ी तैयारियों में जुटेगी। रावघाट में कंपनी बुनियाद डालने का काम जब शुरू करेगी, तब वहां से आयरन ओर ही निकलेगा। संभावना जताई जा रही है कि हर दिन करीब पांच हजार टन आयरन ओर निर्माण कार्य के दौरान निकलेगा। जिसे सड़क मार्ग से भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए रवाना किया जाएगा।
हर साल उपयोग होता है ११ एमटी आयरन ओर
बीएसपी वर्तमान में 35 लाख 56 हजार 966 टन आयरन ओर लम्स एक वर्ष में झरन दल्ली, राजहरा माइंस से ले रहा है। ब्लॉस्ट फर्नेस ग्रेड लम्स तकरीबन 42 लाख 40 हजार 257 टन दल्लीराजहरा से लिया जाता है। इसके अलावा दूसरे प्रदेश से तकरीबन 7 लाख 67 हजार टन आयरन ओर लाया जाता है।
हर साल उपयोग होता है ११ एमटी आयरन ओर
बीएसपी वर्तमान में 35 लाख 56 हजार 966 टन आयरन ओर लम्स एक वर्ष में झरन दल्ली, राजहरा माइंस से ले रहा है। ब्लॉस्ट फर्नेस ग्रेड लम्स तकरीबन 42 लाख 40 हजार 257 टन दल्लीराजहरा से लिया जाता है। इसके अलावा दूसरे प्रदेश से तकरीबन 7 लाख 67 हजार टन आयरन ओर लाया जाता है।