पत्र में कहा गया है कि समय-समय पर प्रबंधन द्वारा सेफ्टी कमेटी बनाने के नाम पर ऐसा फॉर्मूला पेश किया जाता है, जिससे प्रबंधन की किरकिरी होती है। जैसे कि पूर्व में प्रथम तीनों यूनियनों से नाम लेकर सेफ्टी कमेटी बनाने की बात कही गई थी। यूनियन का इस पर विरोध करने के बाद इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला गया, पुन: ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि ऐसे कर्मचारियों का सेफ्टी कमेटी बनाया जाए जो किसी यूनियन से संबंधित नहीं है।
यूनियन ने इस ज्ञापन पत्र के द्वारा यह सवाल उठाया है कि प्रबंधन किस आधार पर यह निर्णय लेगी कि कोई कर्मचारी किसी भी यूनियन का सदस्य नहीं है। पत्र में मांग किया गया है कि प्रबंधन ऐसी कोई भी उकसाने वाली कार्रवाई ना करें जिससे कि माहौल खराब हो। असंतोष का वातावरण पैदा हो, सेफ्टी कमेटी नियम और कानून प्रावधानों के अंतर्गत बनाई जाए।
ज्ञापन पत्र की कॉपी डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी एवं एएलसी सेंट्रल रायपुर को इस आग्रह के साथ दिया गया है कि प्रबंधन को निर्देशित करें कि शीघ्र ही नियम कानून के प्रावधानों के अनुसार सेफ्टी कमेटी का गठन करें। इस आग्रह के पश्चात भी अगर प्रबंधन बैक डोर एंट्री से सेफ्टी कमेटी बनाने का प्रयास करेगी तो कारपोरेट स्तर पर दिल्ली में जाकर इस मामले को उठाया जाएगा।