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आखिर क्यों ज्वाइंट कमेटी ऑफ सेफ्टी के सदस्य ने बीएसपी की सुरक्षा पर उठाए गंभीर सवाल

locationभिलाईPublished: Mar 12, 2018 02:09:26 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

सचिव प्रद्युत मुखर्जी ने भिलाई प्रवास के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक (सुरक्षा) पंड्या राज से मुलाकात की।

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भिलाई. ज्वाइंट कमेटी ऑफ सेफ्टी के सदस्य और इस्पात उद्योग में सीटू की फेडरेशन-स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव प्रद्युत मुखर्जी ने भिलाई प्रवास के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक (सुरक्षा) पंड्या राज से मुलाकात की।
जहां उन्होंने सुरक्षा से जुड़े विषयों पर बातचीत की। उन्होंने भिलाई इस्पात संयत्र में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाएं विशेषकर प्राण घातक दुर्घटनाओं पर चिंता जताया। इस दौरान उनके साथ हिन्दुस्तान स्टील एम्पलाईज यूनियन के अध्यक्ष एसपी डे, सहायक महासचिव सविता मालवीय, सचिव अली अकबर के अलावा सीटू सेफ्टी अपेक्स कमिटी के सदस्य कुंज बिहारी मिश्रा व जेके वर्मा भी मौजूद थे।
सुरक्षा समितियों में मिले कर्मियों को उचित प्रतिनिधित्व
उन्होंने हाल ही में बनी सुरक्षा समितियों में कर्मियों से प्रबंधन की अधिक संख्या और प्रबंधन द्वारा तय किए गए कर्मियों के प्रतिनिधि पर सवाल उठाया और प्रबंधन से जानना चाहा कि यह किस तरह से विधिसम्मत है कि कर्मचारियों के प्रतिनिधि प्रबंधन तय करे।
ज्ञात हो कि कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 41(त्र) के अनुसार सुरक्षा समितियों में प्रबंधन और कर्मियों के प्रतिनिधियों की संख्या बराबर होनी चाहिए। इसी तरह कारखाना अधिनियम की धारा 41(त्र) सपठित छत्तीसगढ़ कारखाना नियम 196 2 के नियम 73 (ढ्ढ) के अनुसार सुरक्षा समितियों में कर्मियों के प्रतिनिधि कर्मियों द्वारा ही चयन किया जाना चाहिए।
सेल की अन्य इकाइयों में अपनाई जाने वाली परिपाटी का भिलाई में हो पालन
प्रद्युत मुखर्जी के इस सवाल का प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं था कि सेल की अन्य इकाइयों में अपनाई जाने वाली परिपाटी का भिलाई में क्यों पालन नहीं हुआ।सांविधिक प्रावधानों का पालन करने के लिए सेल की अन्य इकाईयों में कर्मचारियों द्वारा चुने गए से कर्मचारी प्रतिनिधियों का नाम लिया जाता है जबकि भिलाई में प्रबंधन द्वारा एक तरफ कर्मियों के प्रतिनिधियों के नाम तय किये गये है, जो विधिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
संयंत्र के हर विभाग में बने सुरक्षा समिति
प्रद्युत मुखर्जी ने यह भी कहा कि सेल की सभी इकाइयों में स्टील प्लांट को एक फैक्ट्री के रूप में पंजीकृत कराया गया है जबकि भिलाई में कुल 43 फैक्ट्री पंजीकृत है जिसमें से 26 फैक्ट्रियों में सुरक्षा समिति बनाना कानूनी रूप से अनिवार्य है। सीटू नेता ने कहा कि सेल की अन्य इकाइयों में हर विभाग में सुरक्षा समितियां बनती है। भिलाई में भी पहले हर विभाग में सुरक्षा समितियां थी 7 यह आश्चर्य की बात है कि लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं के बावजूद प्रबंधन सुरक्षा समितियों को हर विभाग में सक्रिय नहीं कर रही हैं ।
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