भिलाई

CG Ajab Gajab: ऐसा पहली बार हुआ, जब आसमान में धुआं देखकर खुशी से छलक गए BSP कर्मियों के आंसू

महामाया के नाम से नामांकित संयंत्र के नए ब्लास्ट फर्नेस अत्याधुनिक डिजाइन से तैयार किए हैं। जिसका विस्तार क्षेत्र 4060 क्यूबिक मीटर है।

भिलाईFeb 03, 2018 / 11:34 am

Dakshi Sahu

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र का नवनिर्मित ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक-8 । सुबह के करीब नौ बजे रहे हैं। एक तरफ वैदिक मंत्रों का सस्वर पाठ गूंज रहा है तो दूसरी तरफ कतार में खड़े आला अधिकारियों से लेकर कर्मचारी सभी अपने-अपने आराध्य को याद कर रहे हैं। एशिया के सबसे बड़े दूसरे ब्लास्ट फर्नेस में ठीक साढ़े नौ बजे जैसे ही ब्लोइंग हुई और चंद सेकंड में ही चिमिनयां धुआं उगलने लगी, कर्मियों के चेहरे खिले उठे। वे खुशी में झूमने लगे।
संयंत्र अपने साढ़े सात मिलियन टन अत्याधुनिकीकरण व विस्तारीकरण कार्यक्रम के तहत ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक-8 की स्थापना के साथ ही एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार कर लिया। सीईओ एम रवि ने शुक्रवार को नए ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक-8 का ब्लोइंग इन किया। फर्नेस का तापमान १४०० डिग्री तक पहुंचने के बाद हॉट मेटल तैयार होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो 36 से 72 घंटे में पहली टेपिंग भी
हो जाएगी।
अत्याधुनिक फर्नेस
महामाया के नाम से नामांकित संयंत्र के नए ब्लास्ट फर्नेस अत्याधुनिक डिजाइन से तैयार किए हैं। जिसका विस्तार क्षेत्र 4060 क्यूबिक मीटर है। प्रतिदिन 8030 टन के साथ वार्षिक हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 2.8 मिलियन टन है। इस नए ब्लास्ट फर्नेस के शुरू हो जाने से बीएसपी से वर्तमान में हर साल 5 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन से 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी।
वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम
नए ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक-8 में कास्ट हाउस व स्टॉक हाउस डिडस्टिंग सिस्टम, टॉप रिकवरी टर्बाइन, (टीआरटी), पल्वराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई), कार्बन ब्लाक के माध्यम से माडर्न हीट ट्रांसमिशन सिस्टम, सिरेमिक कप, एसजीआई, क्यू-स्टैव और अत्याधुनिक तकनीक से एनर्जी-एफिशिएंट व प्रदूषण नियंत्रण उपकरण है, जिसमें वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम भी शामिल है।
 

सीनियर कर्मियों ने संभाला ऑपरेशन
२४ घंटा पूरा होने के बाद ब्लास्ट फर्नेस-8 से शुरू में स्लैग निकलेगा। इसके बाद हॉट मेटल व स्लैग मिक्स होकर निकलेगा। कुछ दिनों बाद प्योर हॉट मेटल व स्लैग अलग-अलग निकलने लगेगा। इस फर्नेस में सब कुछ एक कंट्रोल रूम से संचालित किया जा रहा है। बीएसपी के सीनियर व अनुभवी कर्मचारियों की देखरेख में फर्नेस में ऑपरेशन का पूरा काम हो रहा है।
साख बनाए रखने में होंगे सफल
बीएसपी आरएसएम व यूआरएम के सहयोग से भारतीय रेलवे की बढ़ती मांग को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हो जाएगा और मुनाफा में इजाफा होगा। सीईओ ने टीम भिलाई पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि संयंत्र के कर्मठ कार्मिकों ने हर क्षण प्रतिबद्धता के साथ सहयोग किया है। भिलाई की सृजनात्मक कार्यसंस्कृति बहुत जल्द ही उत्कृष्टता के साथ अपनी साख को बनाए रखने में सफल होगी।
भि लाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने ब्लास्ट फर्नेस-8 से एक वर्ष में ६ मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन करने का ठेका एक कंपनी को देने की तैयारी में है। इस कंपनी के कर्मचारियों के साथ बीएसपी के कर्मी भी मौजूद रहेंगे। प्रबंधन इस कोशिश में है कि अपने अनुभवी कार्मिकों के सहयोग से खुद ही ब्लास्ट फर्नेस-8 से उत्पादन लेना शुरू किया जाए। ठेके के नाम पर विशेषज्ञों पर और राशि खर्च करने की जरूरत न पड़े।
रेलपटरी पर भी लगा है सेंसर
ब्लास्ट फर्नेस-8 में जिस प्वॉइंट पर टारपीडो लेडल को खड़ा किया जाएगा, वहां सेंसर लगाया गया है। टारपीडो लेडल जब तक उस प्वॉइंट पर खड़ा नहीं होगा, तब तक उसमें हॉट मेटल जाना शुरू नहीं होगा। टारपीडो लेडल में कितना हॉट मेडटल पहुंच चुका है और कितना स्थान है, यह भी कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी व कर्मचारी को जानकारी मिलती रहेगी। टारपीडो लेडल भर जाने के बाद संकेत मिलने लगेगा। इसके बाद उसे बंद कर दिया जाएगा।
इस मौके पर सेल के निदेशक (परियोजनाएं) डॉक्टर जी विश्वकर्मा, सलाहकार व पूर्व प्रबंध निदेशक बीके सिंह, तथा ब्लास्ट फर्नेसेस के पूर्व अधिकारी धींगरा, के कार्यपालक निदेशक एमके बर्मन, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एके माथुर, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) टीबी सिंह, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) रीता बैनर्जी, कार्यपालक निदेशक (वित्त व लेखा) बीपी नायक मौजूद थे।
इस मौके पर बीएसपी के सीईओ ने भिलाई बिरादरी को बधाई देते हुए कहा कि ब्लास्ट फर्नेस-8 को ब्लोइंग इन करते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है। भिलाई की कर्मठ बिरादरी ने चुनौतियों पर विजय प्राप्त करते हुए नया इतिहास रचने की ओर एक सशक्त कदम उठाया है। इसके साथ वह अपने उस मुकाम को हासिल कर लेगा जिसका बेसब्री से इंतजार है।

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