दर्द इस बात का
बीएसपी में कर्मचारी का पदनाम क्लस्टर के मुताबिक बदलते हैं। प्रमोशन में रोस्टर पद्धति लागू होने के कारण आरक्षित वर्ग का कर्मचारी लाइन ऑफ प्रमोशन (एलोपी) में नहीं है। ऐसे में बाकी कर्मचारी रिटायर्ड होने तक एक ही पद नाम के साथ रिटायर हो जाते हैं। इस बात को लेकर कर्मचारी संगठन काफी हंगामा कर चुका है। संयंत्र में 7,000 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें कर्मचारी को 20-20 साल तक एक ही पद पर काम करने मजबूर होना पड़ रहा है।
मजाक का बनते हैं कारण
बीएसपी की बुनियाद सोवियत संघ के इंजीनियरों ने रखी थी, उस समय जो व्यक्ति का काम होता था। वही उसका पदनाम बना दिया जाता था। 60 साल बाद भी वैसे ही अजीबो-गरीब नाम संयंत्र में दर्ज हैं। जिसमें शिपर मैंन्यू प्लेटर का घर वेल्के नाइजर रोलर, असिस्टेंट लो रोलर जैसे पदनाम अक्सर संयंत्र के बाहर कर्मियों के उपहास का कारण बनते हैं।
सुपरवाइजर कैडर की है जरूरत
सेल में दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। मेंटेनेंस के काम कम होने से ब्रेकडाउन बढ़ा है। इसके लिए एक बड़ी वजह सुपरवाइजर कैडर समाप्त करना रहा है। 2008 से सुपरवाइजर कैडर समाप्त किए गए, डिप्लोमा इंजीनियर को टेक्नीशियन के रूप में भर्ती किए जाने लगा जिसका घातक परिणाम अब सामने है।