दूसरे पाइप लाइन से पानी
पंप हाऊस-2 के जिस पाइप लाइन में लिकेज की शिकायत मिली, उससे पानी ब्लास्ट फर्नेस को कूल करने सप्लाई किया जाता है। अचानक उस पाइप लाइन से लिकेज के कारण पानी पंप हाऊस में भरने लगा, तो उसे बंद करना पड़ा। इसका असर ब्लास्ट फर्नेस पर न पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए, दूसरे पाइप लाइन से पानी ब्लास्ट फर्नेस को कूलिंग करने सप्लाई किया गया।
पंप हाऊस-2 के जिस पाइप लाइन में लिकेज की शिकायत मिली, उससे पानी ब्लास्ट फर्नेस को कूल करने सप्लाई किया जाता है। अचानक उस पाइप लाइन से लिकेज के कारण पानी पंप हाऊस में भरने लगा, तो उसे बंद करना पड़ा। इसका असर ब्लास्ट फर्नेस पर न पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए, दूसरे पाइप लाइन से पानी ब्लास्ट फर्नेस को कूलिंग करने सप्लाई किया गया।
कर्मियों ने बताया इसमें नहीं दौड़ती गैस
पंप हाऊस-2 के कर्मियों ने बताया कि इस पाइप लाइन से ब्लास्ट फर्नेस को ठंडा रखने पानी सप्लाई किया जाता है। इसके बाद भी उच्च प्रबंधन को सूचना मिलते ही पुरानी घटना को याद कर सभी दौड़े चले आए। यह घटना सुबह करीब ११ बजे की है। सूचना मिलने पर सीआईएसएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे। दोपहर करीब दो बजे तक पानी को पंप हाऊस से निकाला जा चुका था।
पंप हाऊस-2 के कर्मियों ने बताया कि इस पाइप लाइन से ब्लास्ट फर्नेस को ठंडा रखने पानी सप्लाई किया जाता है। इसके बाद भी उच्च प्रबंधन को सूचना मिलते ही पुरानी घटना को याद कर सभी दौड़े चले आए। यह घटना सुबह करीब ११ बजे की है। सूचना मिलने पर सीआईएसएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे। दोपहर करीब दो बजे तक पानी को पंप हाऊस से निकाला जा चुका था।
पतला हो गया था पाइप
पंप हाऊस-2 के पाइप लाइन में माइल्ड स्टील (एमएस) के पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। पानी का प्रेशर लंबे समय से सहते-सहते यह पाइप पतला हो जाता है। जिसकी वजह से कई बार फट जाता है। इस तरह की घटना न हो, इसके लिए प्रबंधन एहतियात के तौर पर पहले ही पाइप को बदल देता है।
पंप हाऊस-2 के पाइप लाइन में माइल्ड स्टील (एमएस) के पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। पानी का प्रेशर लंबे समय से सहते-सहते यह पाइप पतला हो जाता है। जिसकी वजह से कई बार फट जाता है। इस तरह की घटना न हो, इसके लिए प्रबंधन एहतियात के तौर पर पहले ही पाइप को बदल देता है।
पंप हाऊस-2 का नाम सुनते ही याद आ जाती है ४ साल पुरानी घटना
१२ जून २०१४ को भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए गैस कांड में बीएसपी के दो अधिकारियों समेत ६ की मौत हुई थी। घटना के बाद केन्द्रीय इस्पात मंत्री नरेन्द्र तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत अन्य भी भिलाई में पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद अलग-अलग स्तर पर जांच कमेटी गठित की गई।
१२ जून २०१४ को भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए गैस कांड में बीएसपी के दो अधिकारियों समेत ६ की मौत हुई थी। घटना के बाद केन्द्रीय इस्पात मंत्री नरेन्द्र तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत अन्य भी भिलाई में पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद अलग-अलग स्तर पर जांच कमेटी गठित की गई।
बीएसपी ने जांच एजेंसियों के सुझाव पर किया काम
गैस हादसे की जांच के लिए हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने नान रिवर्स वॉल लगाने का सुझाव दिया। जिससे जिस पाइप से पानी की सप्लाई की जाती है, उससे पलटकर गैस न आ सके। इसके अलावा पुरानी पाइप लाइन को बदलने की बात भी उन्होंने कही। जिसके बाद बीएसपी ने गैस की नई पाइप लाइन बिछाया। एजेंसी ने संंयंत्र में जिस जगह गैस का दबाव रहता है, वहां गैस माप? यंत्र र वगैरह लगाने कहा। इस कार्य को भी किया गया है। गैस का दबाव आने पर सायरन बजने का सिस्टम भी जांच कमेटी के निर्देश पर लगाया गया।
गैस हादसे की जांच के लिए हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने नान रिवर्स वॉल लगाने का सुझाव दिया। जिससे जिस पाइप से पानी की सप्लाई की जाती है, उससे पलटकर गैस न आ सके। इसके अलावा पुरानी पाइप लाइन को बदलने की बात भी उन्होंने कही। जिसके बाद बीएसपी ने गैस की नई पाइप लाइन बिछाया। एजेंसी ने संंयंत्र में जिस जगह गैस का दबाव रहता है, वहां गैस माप? यंत्र र वगैरह लगाने कहा। इस कार्य को भी किया गया है। गैस का दबाव आने पर सायरन बजने का सिस्टम भी जांच कमेटी के निर्देश पर लगाया गया।