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बर्नपुर में बंद लिफाफे में पहुंचे इस आदेश के बाद उड़ी BSP कर्मियों की नींद, SAIL की करतूत जानकर दंग

locationभिलाईPublished: Apr 20, 2019 12:43:14 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) प्रबंधन अपने कर्मियों के साथ भेदभाव कर रहा है

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भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) प्रबंधन अपने कर्मियों के साथ भेदभाव कर रहा है। इस्को स्टील प्लांट, बर्नपुर में मंथली इंसेंटिव व रिवॉर्ड स्कीम की घोषणा कर दी गई है। वहीं बीएसपी में अब तक पता ही नहीं है। कर्मियों ने इस पर नाराजगी जताते हुए वन कंपनी वन रूल्स की मांग की है। बर्नपुर में ग्रेड एस-1 व 2 को हर माह अधिकतम इंसेंटिव 2000 रुपए दिया जाएगा।
ग्रेड एस-3 से 8 के कर्मियों को 2500 रुपए इंसेंटिव देने का फैसला लिया गया है। एस-9 से 11 के कर्मियों को हर माह 3000 इंसेंटिव उत्पादन के आधार पर दिया जाएगा। यह राशि कर्मियों को बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। कम उत्पादन होगा, तो उक्त विभाग के कर्मियों को उसके मुताबिक कम इंसेंटिव मिलेगा।
एबीपी का 85 फीसदी करना होगा उत्पादन
यह राशि कर्मियों को अधिकतम तब दी जाएगी, जब वे एनवल बिजनेस प्लान (एबीपी) के तहत हर माह के दिए टारगेट को अधिक से अधिक एचीव करते हैं। इसके लिए पांच लेवल बना दिया गया है। एल-1, 2, 3, 4 व 5 एल-1 जहां सौ फीसदी है, तो एल-5 एबीपी का 50त्न है।
अतिरिक्त कार्य पर बोकारो में मिल रहा दोगुना वेतन
ओसीटी को बोकारो में अतिरिक्त वेतन भिलाई से दुगना मिल रहा है। बीएसपी में 2013 के ओसीटी कर्मियों को अतिरिक्त वेतन के रूप में 1 दिन का अतिरिक्त वेतन 857 मिल रहा है। वहीं बोकारो में इसी मध्य में बराबर ग्रेड के कर्मी को 1715 रुपए अतिरिक्त वेतन मिल रहा है। बोकारो में 8 घंटे अतिरिक्त कार्य के एवज में दो अतिरिक्त हाजिरी का प्रावधान है। वहीं बीएसपी में मात्र एक अतिरिक्त हाजिरी से ही कर्मियों को निपटा दिया जाता है।
रिवाइज करनी होगी इंसेंटिव स्कीम
संयंत्र कर्मचारी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, कर्मियों के मनोबल को और बढ़ाने के लिए उत्पादन पर आधारित मासिक इंसेंटिव स्कीम को रिवाइस करने की जरूरत है। सेल कर्मियों के लिए 2007 में इंसेंटिव पॉलिसी तय की गई, तब आरआईएनएल घाटे में थी, तब भी प्रति कर्मी इंसेंटिव पोटेंशियल करीब 6500 रुपया हर माह था। बीएसपी कर्मियों का 3219 रुपए ही था। डेली रिवार्ड स्कीम से कर्मचारियों को 3000 तक मिल जाता था। वह भी बंद कर दिया। बीएसपी ने 1 अप्रैल 2017 को वर्तमान इंसेंटिव स्कीम में बदलाव किया, जिससे उत्पादन का लक्ष्य करीब 10 से 15त्न तक बढ़ा दिए।
हर साल बढ़ रहा टारगेट
हर साल नए टारगेट को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। बीएसपी 1 मिलियन टन से शुरू हुआ और अब 7.5 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन तक पहुंच गया है। इस दौरान कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी। न सुविधा में इजाफा किया गया। बीएसपी में एस-11 ग्रेड पर कई कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं। नियम से हर 4 साल में ग्रेड प्रमोशन होना चाहिए। नए ग्रेड का गठन प्रबंधन नहीं कर रहा है और इन कर्मियों को एस-11 ग्रेड का ही इंसेंटिव मिल रहा है। नियम से उसमें इजाफा होना चाहिए। 2007 के वेतन समझौता में एस-11 ग्रेड बनाया गया था।
डीआर स्कीम भी बंद
सेल प्रबंधन एक तय प्रोडक्शन करने पर हर कर्मचारी को प्रतिदिन 150 रुपए रिवॉर्ड के तौर पर देता था। इससे हर विभाग में उत्पादन लगातार बढ़ रहा था। डीआर स्कीम लागू होने के बाद काफी हद तक इस नुकसान की भरपाई हो पाई थी, लेकिन अक्टूबर 2014 के बाद प्रबंधन ने इसे बंद कर दिया। जिससे बीएसपी कर्मियों को नुकसान उठाना पड़ा।

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