वेतन समझौते पर सेल प्रबंधन के प्रस्ताव से BSP कर्मी नाराज, 26 नवंबर को सभी यूनियनों ने किया हड़ताल का ऐलान
प्रबंधन की ओर से रखे गए प्रस्ताव से कर्मी आक्रोशित हैं। ऐसा पहली बार है जब संयंत्र की सभी यूनियन इंटक, एटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस, बीएमएस और इस्पात श्रमिक मंच विरोध में एकजुट हो गई हैं।

भिलाई. 46 माह से लंबित वेतन समझौते पर अब जाकर चर्चा शुरू हुई भी तो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) प्रबंधन के रवैए ने बीएसपी कर्मियों को हताश कर दिया है। प्रबंधन की ओर से रखे गए प्रस्ताव से कर्मी आक्रोशित हैं। ऐसा पहली बार है जब संयंत्र की सभी यूनियन इंटक, एटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस, बीएमएस और इस्पात श्रमिक मंच विरोध में एकजुट हो गई हैं। साझा आंदोलन की रणनीति बनाते हुए बीएसपी प्रबंधन को 26 नवंबर को हड़ताल को नोटिस भी थमा दिए हैं। यूनियनों का साफ कहना है कि प्रबंधन अपना प्रस्ताव वापस ले।
9 नवंबर को हुई नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की ऑनलाइन बैठक में सेल प्रबंधन नेे वित्तीय संकट का हवाला देते हुए बिना पक्र्स के 10 वर्ष का वेतन समझौता करने, ग्रेच्युटी सीलिंग करने एवं एरियर्स नहीं देने और एमजीबी निर्धारित करने के लिए सब कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा। वर्तमान सुविधाओं एवं अधिकारों में कटौती के इस प्रस्ताव से कमी बौखलाए ुहुए हैं। वे 26 नवंबर को हड़ताल के जरिए प्रबंधन को अपना जवाब देंगे।
1999 के बुरे दौर में भी हो चुका है समझौता
्सीटू का कहना है कि वर्तमान सुविधाओं में कटौती करके हम कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। सेल कर्मियों के लिए ग्रेच्युटी एक विशेष उपलब्धि है और इसे हम किसी तरह छोड़ नहीं सकते। इसके पहले 10 और 5 वर्ष का भी समझौता हुआ है। कर्मियों दोनों समझौते के बीच का फर्क मालूम है। हम 5 वर्षीय समझौता के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इससे भी ज्यादा गहरे संकट में 1999 में थी। उस समय भी वेतन समझौता हुआ और जब कंपनी की स्थिति सुधरी तब कर्मियों ने एरियर्स लिया। इसलिए कंपनी की आर्थिक स्थिति का हवाला देकर वेतन समझौते में इस तरह का प्रस्ताव उचित नहीं है। प्रबंधन अपना प्रस्ताव वापस लें।
यूनियन की मांगेें
1. अफोर्डेबिलिटी क्लाज हटाकर किया जाए वेतन समझौता
अफोर्डेबिलिटी क्लाज हटाकर तत्काल वेतन समझौता किया जाए। प्रशिक्षण काल को जोड़कर पदोन्नति देने से संबंधित सभी विसंगतियों, पदनाम परिवर्तन सहित सभी लंबित मुद्दों का तत्काल निराकरण किया जाए। किसी भी कर्मी की कोविड-19 से मृत्यु होने पर उनके एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। इंसेंटिव स्कीम को रिवाइज किया जाए।
2. कर्मचारी पेंशन योजना -95 में सुधार हो
सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की समय से पूर्व सेवानिवृत्ति पर जारी परिपत्र को वापस लिया जाए। एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन योजना को बहाल की जाए। कर्मचारी पेंशन योजना -95 में सुधार किया जाए। सभी गैर आयकरदाता परिवारों के लिए प्रति माह 7500 रुपए नकद हस्तांतरण किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण और सरकारी संपत्ति को बेचना बंद किया जाए।
3. ठेका श्रमिकों की भी चिंता
आउटसोर्सिंग व ठेकाकरण पर तत्काल रोक लगे। स्थाई कार्य के लिए स्थाई कर्मियों की नियुक्ति हो। ठेका कार्यों के बजट प्रावधान में कोई कटौती न की जाए। ठेका कर्मियों की छटनी न हो एवं कार्य दिवस में कोई कटौती न हो। ठेका कर्मियों को न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाए।
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