भिलाई

बीएसपी मैत्रीगार्डन: नन्हें शावकों के नामकरण के लिए कीजिए 10 दिन इंतजार, 26 अगस्त को होना नामकरण

15 अगस्त को प्रस्तावित नामकरण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास जी टंडन के निधन एवं राजकीय शोक के कारण संयंत्र व मैत्रीबाग प्रबंधन ने स्थगित कर दिया गया है।

भिलाईAug 15, 2018 / 11:11 pm

Satya Narayan Shukla

बीएसपी मैत्रीगार्डन: नन्हें शावकों के नामकरण के लिए कीजिए 10 दिन इंतजार, 26 अगस्त को होना नामकरण

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के नन्हें शावको के नामकरण के लिए अब 10 दिन इंतजार करना पड़ेगा। 15 अगस्त को प्रस्तावित नामकरण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास जी टंडन के निधन एवं राजकीय शोक के कारण संयंत्र व मैत्रीबाग प्रबंधन ने स्थगित कर दिया गया है। नन्हें शावको को का नामकरण अब 26 अगस्त को किया जाएगा।
15 अगस्त को प्रस्तावित था नामकरण
बता दें कि पूर्व में भिलाई इस्पात संयंत्र एवं मैत्रीबाग प्रबंधन की ओर से देश की आजादी के दिन 15 अगस्त 2018 को शावको का नामकरण संस्कार किया जाना प्रस्तावित था। इस खुशी के मौके पर 15 अगस्त को अधिक से अधिक पर्यटक मैत्रीबाग पहुंचे थे। मैत्रीबाग प्रबंधन के अलावा दैनिक अखबार (राजस्थान) पत्रिका के माध्यम से भी पर्यटकों को आमंत्रण दिया गया था। यहां दोपहर एक बजे गार्डन के मेन लॉन के पास बीएसपी प्रबंधन की ओर से नामकरण की तैयारी कर ली गई थी। नामकरण के लिए पहली बार संयंत्र प्रबंधन ने आम लोगों से ही शावकों के नाम मंगाए गए थे। संयंत्र प्रबंधन के अलावा पत्रिका को भिलाई पत्रिका फेसबुक सहित अॅाफिशियल वेबसाइट, वाट्सएप और पोस्ट कार्ड पर नाम मंगाए गए थे। संयंत्र प्रबंधन के अलावा पत्रिका प्रबंधन को सैकड़ों नाम जनता ने सुझाए हैं। जनता द्वारा सुझाए गए नामों की सूची पत्रिका ने संयंत्र प्रबंधन को सौंप दी है। अब देखना है कि जनता द्वारा सुझाए गए नामों में से किन पाठकों के नाम पर प्रबंधन मुहर लगाएगी।
जनता बहुत ज्यादा उत्साहित थी
नामकरण को लेकर लोगों में इतने ज्यादा उत्साह थे कि दोपहर से लेकर देर रात तक पत्रिका के फेसबुक, वाट्सएप पर लोगों के मैसेज आते रहे। जितने लोगों ने नाम सुझाए थे उससे अधिक लोगों के फोन और मैसेज सोशल मीडिया पर आते रहे। हर कोई शावकों के नए नाम को जानने के लिए आतुर थे। वहीं बहुत सारे पाठक अपने द्वारा सुझाए गए नामों पर मुहर लगी या नहीं इसको लेकर बेताब थे। उन्हे अब 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा।
 

 

जन्मस्थान से नाम का बोध हो
मैत्रीबाग के नन्हें शावकों के नाम सुझाने वालों में नाम का मतलब और नामकरण क्यों किया है इसके लिए अपने-अपने तर्क और कारण भी दिए हैं। कुछ पाठकों ने दोनों शावकों का जन्म स्थान भिलाईनगर मैत्रीबाग में होने के कारण ऐसे नाम सुझाए हैं जिससे वे दुनिया में कहीं भी जाए नाम से जन्म स्थान का बोध होगा। इसलिए मैत्री और उपवन नाम सुझाएं हैं इसी तरह एक अन्य पाठक ने लोहा कारखाना के नाम से भिलाई विख्यात हैं इसलिए लोहा और लोहाटी नाम भी दिए हैं। वहीं बहुत सारे पाठकों ने सावन महीने में जन्म लेने के कारण भगवान शिव के प्रिय माह सावन, ऋृतु और उनके विभिन्न नामों पर नामकरण की राय व्यक्त किए हैं। इनमें शिव-शक्ति, गौरा-गरीमा, सौम्य-सौम्या, भारत-भारती, सावन-ऋृतु नाम दिए हैं। एक पाठक ने अगस्त माह में पैदा होने के कारण स्वतंत्रता दिवस से जोड़ते हुए आजाद और वीरांगना, एक ने अंग्रेजी नाम एडम और ऐली के साथ किसी ने संस्कृत और किसी ने बच्चों के कार्टून फिल्म, हिंदी फिल्मों और टीवी सीरियल के पात्रों के नाम पर नामकरण का सुझाव दिए हैं। करन-अर्जुुन, बादल-बिजली, सूरज-चंदा, शिवम, रुद्र गौरी, गंगा, पिनाकी, कवची, सूर्य, नारायणी, शोभा, शान, पार्थ आदि नाम बहुत सारे पाठकों ने सुझाए हैं।
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