कन्या महाविद्यालय फिलहाल छात्र संगठनों के समर्थन से बचा हुआ है। यहां की अध्यक्ष सुमन कुशवाहा का कहना है कि उसे अपने साथियों की मदद करने के लिए किसी संगठन से जुडऩे या समर्थन लेने की जरूरत नहीं है। वह बिना किसी छात्र संगठन की मदद के भी अपना दायित्व पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगी। हालांकि उन्होंने अन्य पदाधिकारियों के किसी भी फैसला का विरोध नहीं करने की बात भी कही है। इधर, वैशाली नगर शासकीय कॉलेज में छात्रसंघ पदाधिकारियों के मनोनयन के बाद एनएसयूआई ने समर्थन देने का दावा किया है।
दुर्ग विवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष दुष्यंत साहू ने बताया कि एबीवीपी जिला ही नहीं बल्कि संभाग के लगभग ८० फीसदी कॉलेजों में अध्यक्ष व सचिव जैसे पदों पर मनोनित हुए विद्यार्थियों को पहले ही समर्थन दे चुकी है। बचे हुए कॉलेजों के लिए तैयारी शुरू है। आने वाले दिनों में एक-एक पदाधिकारी समर्थित होगा। इधर, ऐसा ही दावा एनएसयूआई का भी है। संगठन के जिलाध्यक्ष आदित्य सिंह के मुताबिक साइंस कॉलेज में अध्यक्ष ने किससे समर्थन लिया है, यह फिलहाल चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि सपोर्ट किसे करेगा देखना यह होगा।