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छात्रसंघ चुनाव: जिले की 85 फीसदी कॉलेजों में छात्राएं बनीं अध्यक्ष, किया संगठन से तौबा

locationभिलाईPublished: Sep 17, 2017 11:18:38 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिले के सबसे बड़े साइंस कॉलेज में पूजा साहू छात्रसंघ अध्यक्ष बनीं है। कल्याण महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर नलिनी पटेल ने कब्जा जमाया है।

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भिलाई. जिले के 85 फीसदी कॉलेजों में इस साल छात्रसंघ की कमान छात्राएं संभालेंगी। शनिवार को दुर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों ने छात्रसंघ पदाधिकारियों का मनोनयन कर दिया है। लगभग सभी कॉलेजों में अध्यक्ष का पद छात्राओं को मिला है। जिले के सबसे बड़े साइंस कॉलेज में पूजा साहू छात्रसंघ अध्यक्ष बनीं है। कल्याण महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर नलिनी पटेल ने कब्जा जमाया है।
बड़ी बात ये है कि भले ही प्रत्यक्ष चुनाव की जगह मनोनयन का सहारा लिया गया है, लेकिन छात्रसंगठन अधिकतर पदाधिकारियों को अपने-अपने पाले में लेने की तैयारी शुरू कर चुके हैं। साइंस कॉलेज में इसका असर देखने को मिला जब मनोनयन के अगले ही घंटे अध्यक्ष को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपना समर्थन दे दिया।
मनोनीत होने के बाद कॉलेज में गुलाल उड़ाकर एबीवीपी समर्थित छात्रा का स्वागत किया गया। और भी कॉलेजों में समर्थन मिलने या देने की ऐसी ही बात सामने आई है। छात्रसंघ मनोनयन से विश्वविद्यालय को कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए साइंस कॉलेज ही सबसे पॉवर फुल माना जाएगा। ऐसे में इस संस्थान में पकड़ बनाने का मतलब है विवि जैसा माहौल।
अध्यक्ष बोली, नहीं चाहिए किसी संगठन का नाम
कन्या महाविद्यालय फिलहाल छात्र संगठनों के समर्थन से बचा हुआ है। यहां की अध्यक्ष सुमन कुशवाहा का कहना है कि उसे अपने साथियों की मदद करने के लिए किसी संगठन से जुडऩे या समर्थन लेने की जरूरत नहीं है। वह बिना किसी छात्र संगठन की मदद के भी अपना दायित्व पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगी। हालांकि उन्होंने अन्य पदाधिकारियों के किसी भी फैसला का विरोध नहीं करने की बात भी कही है। इधर, वैशाली नगर शासकीय कॉलेज में छात्रसंघ पदाधिकारियों के मनोनयन के बाद एनएसयूआई ने समर्थन देने का दावा किया है।
समर्थन के लिए अपना-अपना दावा
दुर्ग विवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष दुष्यंत साहू ने बताया कि एबीवीपी जिला ही नहीं बल्कि संभाग के लगभग ८० फीसदी कॉलेजों में अध्यक्ष व सचिव जैसे पदों पर मनोनित हुए विद्यार्थियों को पहले ही समर्थन दे चुकी है। बचे हुए कॉलेजों के लिए तैयारी शुरू है। आने वाले दिनों में एक-एक पदाधिकारी समर्थित होगा। इधर, ऐसा ही दावा एनएसयूआई का भी है। संगठन के जिलाध्यक्ष आदित्य सिंह के मुताबिक साइंस कॉलेज में अध्यक्ष ने किससे समर्थन लिया है, यह फिलहाल चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि सपोर्ट किसे करेगा देखना यह होगा।
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