40 से ज्यादा देशों की राजधानी के नाम जुबानी याद
वंडर ब्वॉय विराट के ज्ञान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैकि उसे दुनिया के ४० से भी ज्यादा देशों की राजधानी के नाम जुबानी याद है।इसके अलावा भारत के सभी राज्यों की राजधानी, धार्मिक देवी देवताओं, भारतीय त्योहारों , भारत की मशहूर हस्तियों के साथ ही फेसबुक, पेप्सिको और माइक्रोसाफ्ट जैसी ग्लोबल कंपनियों के सीईओ के नाम भी याद है।गुलाम भारत की आजादी के लिए लगाए नारे कब किसने दिया, ये तक विराटचंद सेकंड में बता देता है।
वंडर ब्वॉय विराट के ज्ञान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैकि उसे दुनिया के ४० से भी ज्यादा देशों की राजधानी के नाम जुबानी याद है।इसके अलावा भारत के सभी राज्यों की राजधानी, धार्मिक देवी देवताओं, भारतीय त्योहारों , भारत की मशहूर हस्तियों के साथ ही फेसबुक, पेप्सिको और माइक्रोसाफ्ट जैसी ग्लोबल कंपनियों के सीईओ के नाम भी याद है।गुलाम भारत की आजादी के लिए लगाए नारे कब किसने दिया, ये तक विराटचंद सेकंड में बता देता है।
बोलता है पांच भाषाएं
जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते उस उम्र में विराट न सिर्फ 5 भाषाएं समझता है बल्कि बोलता भी है। मां निकिता विजय अय्यर और पिता कल्याण विजय अय्यर ने बताया कि विराट इंग्लिश, हिंदी, तमिल, तेलगु के अलावा मराठी भी समझता है। पांचों भाषाओं में बात भी करता है। इसके अलावा किसी भी कार को देखकर उसका मॉडल नंबर और नाम बता सकता है। सबसे बड़ी बात एक बार कही हुई बात उसे कंठस्थ याद हो जाती है। वह उन बातों को किसी भी वक्त दोहरा सकता है।
जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते उस उम्र में विराट न सिर्फ 5 भाषाएं समझता है बल्कि बोलता भी है। मां निकिता विजय अय्यर और पिता कल्याण विजय अय्यर ने बताया कि विराट इंग्लिश, हिंदी, तमिल, तेलगु के अलावा मराठी भी समझता है। पांचों भाषाओं में बात भी करता है। इसके अलावा किसी भी कार को देखकर उसका मॉडल नंबर और नाम बता सकता है। सबसे बड़ी बात एक बार कही हुई बात उसे कंठस्थ याद हो जाती है। वह उन बातों को किसी भी वक्त दोहरा सकता है।
7 महीने में वह फल, सब्जियों, जानवर, पक्षियों के नाम लेने पर उसके मॉडल हाथ में थमा देता था। एक साल की उम्र तक इंग्लिश के अल्फाबेड ए से जेड तक विराट को याद हो गया था। तब उन्हें अहसास हुआ कि उनके बच्चे का आईक्यू सामान्य बच्चों से कहीं ज्यादा है। अब वे प्रकृति प्रदत्त बुद्धि को परिष्कृत करने में जुट गए हैं। ताकि अपने ज्ञान से विराट देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दिला सके।