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भूपेश सरकार का दीवाली तोहफा,पट्टे की जमीन खरीदने वाले अब बन जाएंगे मालिक

locationभिलाईPublished: Oct 13, 2019 11:32:15 am

Submitted by:

Tara Chand Sinha

सरकार ने खरीदी-बिक्री वाले पट्टे और शासकीय जमीन के कब्जाधारियों को पट्टा देने लिया है निर्णय । सोमवार से शुरू होगी पट्टे की जमीन झुग्गी-झोपड़ी और मकान बनाकर रहने वालों का सत्यापन।

भूपेश सरकार का दीवाली तोहफा,पट्टे की जमीन खरीदने वाले अब बन जाएंगे मालिक

भूपेश सरकार का दीवाली तोहफा,पट्टे की जमीन खरीदने वाले अब बन जाएंगे मालिक

भिलाई. आवासीय पट्टे की जमीन की खरीदने वाले भी अब मालिक कहलाएंगे। सरकार ने वर्तमान परिस्थिति में कब्जा के आधार पर लोगों को राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत नया आवासीय पट्टा (भू-अधिकार पत्र) देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से जिले के 6 नगरीय निकायों के 20 हजार से अधिक लोगों को सीधे फायदा होगा।
भिलाई में 12 हजार से अधिक पट्टे की जमीन की हो चुकी है खरीदी-बिक्री
अकेले नगर पालिक निगम भिलाई में ही 12 हजार से अधिक लोग आवासीय पट्टे की जमीन की खरीदी-बिक्री कर चुके हैं। सरकार के निर्णय से फायदा होगा। इसके अलावा नगर पालिक निगम दुर्ग, चरोदा, नगर पालिका परिषद जामुल, कुम्हारी, अहिवारा, नगर पंचायत धमधा, पाटन और उतई के कब्जाधारियों को भू-अधिकार पत्र दिया जाएगा।
शासन ने 1980 और 1982 में जिन लोगों को राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत आवासीय पट्टा दिया था। वे लोग पट्टे की जमीन को बेचकर अन्यत्र चले गए हैं। खरीदने वाले उस जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं। इनमें से कुछ लोग 50 रुपए के स्टांप पेपर पर बिक्रीनामा तैयार कर निगम में संपत्तिकर और समेकित कर जमा कर रहे हैं।
मई-जून में नहीं किया पट्टे नवीनीकरण
आ का वासीय पट्टे की 30 साल की लीज अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने मई-जून में शिविर लगाकर पट्टों का नवीनीकरण किया। खरीदी-बिक्री वाले पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया। अब सरकार ने सर्वे कर खरीदी-बिक्री वाले पट्टे का वर्तमान स्थिति में कब्जा के आधार पर नया आवासीय पट्टा देने का निर्णय लिया है। साथ ही निकाय क्षेत्र में शासकीय जमीन पर वर्षों से काबिज लोगों को 30 साल की लीज शर्त पर राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत 450 वर्गफीट जमीन का आवासीय पट्टा दिया जाएगा।
…तो देना पड़ेगा 10 रुपए प्रति वर्गफीट विकास शुल्क
कब्जे की जमीन 450 वर्गफीट से अधिक होने पर कब्जाधारी परिवार को विकास शुल्क देना पड़ेगा। शासन ने कब्जेधारी को अधिकतम 700 वर्गफीट जमीन का पट्टा देने का निर्णय लिया है। 450 वर्गफीट के अतिरिक्त जमीन का 10 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क देना पड़ेगा। नगर पंचायत में यह शुल्क 5 रुपए है। नगर पालिका परिषद के लिए 10 रुपए रखा गया है।
ये होंगे पात्र

– शासकीय या नजूल भूमि पर वर्षों से काबिज ऐसे परिवार जिनका राशन कार्ड बना हुआ है। पते पर उक्त जमीन का उल्लेख है।
– राशन कार्ड नहीं होने पर प्रमाणिक दस्तावेज के आधार पर सत्यापन किया जाएगा।

इनको नहीं मिलेगा पट्टा

– तालाब की जमीन के कब्जेधारी को पट्टा नहीं मिलेगा।
– सड़क, नहर और सार्वजनिक उपयोग जैसे खेल मैदान, आंगनबाड़ी, स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक भवन, मंगल भवन के लिए आरक्षित जमीन के कब्जाधारियों को पट्टा नहीं मिलेगा।
– ऐसे कब्जाधारियों के व्यवस्थापन का निर्णय समिति लेगा।

सोमवार से शुरू होगा सर्वे
-कब्जा सत्यापन का काम डिप्टी कलक्टर/सयुंक्त कलक्टर / उप खंड स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में होगा। नोडल अधिकारी भू-खंड की कार्य योजना बनाएंगे। टीम से मौका मुआयना कर कब्जेधारियों की सूची तैयार करेंगे।
– पट्टा वितरण से पहले सर्वे किया जाएगा। सर्वे 14 अक्टूबर को शुरू होगी। 30 अक्टूबर तक चलेगी। इस बीच निगम और राजस्व विभाग के कर्मचारियों का दल मौके पर जाकर शासकीय/नजूल/ निगम की जमीन पर क जा का सत्यापन करेंगे।
– नोडल अधिकारी को यह लगता है कि जमीन व्यावसायिक महत्व का है तो वह लोगों को अन्यत्र व्यवस्था की रिपोर्ट तैयार कर सकता है। रिपोर्ट कलक्टर को देना होगा।
– सर्वे के बाद दावा आपत्ति मंगाया जाएगा। लोगों को सात दिन की सुनवाई का मौका दिया जाएगा।
-25 नवंबर से पहले तक पट्टा वितरण किया जाएगा।

कब्जा छोडऩा पड़ेगा

नगर पंचायत- नगर पंचायत क्षेत्र के कब्जेधारी को अधिकतम 1000 वर्गफीट जमीन का भू-अधिकार पत्र दिया जाएगा। इससे अधिक कब्जा होने पर जमीन छोडऩा पड़ेगा। 450 वर्गफीट जमीन का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बाकी 550 वर्गफीट जमीन का 5 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क देना पड़ेगा।
नगर पालिका परिषद – नगर पालिका परिषद के लोगों को अधिकतम 800 वर्गफीट जमीन का पट्टा दिया जाएगा। इससे अधिक जमीन पर कब्जा छोडऩा पड़ेगा। 350 वर्गफीट जमीन का 10 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से विकास शुल्क देना होगा।
नगर पालिक निगम- रायपुर नगर पालिक निगम को छोड़कर बाकी के 12 नगर पालिक निगम के रहवासियों को 700 वर्गफीट जमीन का पट्टा मिलेगा। इससे अधिक जमीन का कब्जा छोडऩा पड़ेगा।

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