अकेले नगर पालिक निगम भिलाई में ही 12 हजार से अधिक लोग आवासीय पट्टे की जमीन की खरीदी-बिक्री कर चुके हैं। सरकार के निर्णय से फायदा होगा। इसके अलावा नगर पालिक निगम दुर्ग, चरोदा, नगर पालिका परिषद जामुल, कुम्हारी, अहिवारा, नगर पंचायत धमधा, पाटन और उतई के कब्जाधारियों को भू-अधिकार पत्र दिया जाएगा।
आ का वासीय पट्टे की 30 साल की लीज अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने मई-जून में शिविर लगाकर पट्टों का नवीनीकरण किया। खरीदी-बिक्री वाले पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया। अब सरकार ने सर्वे कर खरीदी-बिक्री वाले पट्टे का वर्तमान स्थिति में कब्जा के आधार पर नया आवासीय पट्टा देने का निर्णय लिया है। साथ ही निकाय क्षेत्र में शासकीय जमीन पर वर्षों से काबिज लोगों को 30 साल की लीज शर्त पर राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत 450 वर्गफीट जमीन का आवासीय पट्टा दिया जाएगा।
कब्जे की जमीन 450 वर्गफीट से अधिक होने पर कब्जाधारी परिवार को विकास शुल्क देना पड़ेगा। शासन ने कब्जेधारी को अधिकतम 700 वर्गफीट जमीन का पट्टा देने का निर्णय लिया है। 450 वर्गफीट के अतिरिक्त जमीन का 10 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क देना पड़ेगा। नगर पंचायत में यह शुल्क 5 रुपए है। नगर पालिका परिषद के लिए 10 रुपए रखा गया है।
– राशन कार्ड नहीं होने पर प्रमाणिक दस्तावेज के आधार पर सत्यापन किया जाएगा।
इनको नहीं मिलेगा पट्टा – तालाब की जमीन के कब्जेधारी को पट्टा नहीं मिलेगा।
– सड़क, नहर और सार्वजनिक उपयोग जैसे खेल मैदान, आंगनबाड़ी, स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक भवन, मंगल भवन के लिए आरक्षित जमीन के कब्जाधारियों को पट्टा नहीं मिलेगा।
-कब्जा सत्यापन का काम डिप्टी कलक्टर/सयुंक्त कलक्टर / उप खंड स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में होगा। नोडल अधिकारी भू-खंड की कार्य योजना बनाएंगे। टीम से मौका मुआयना कर कब्जेधारियों की सूची तैयार करेंगे।
– नोडल अधिकारी को यह लगता है कि जमीन व्यावसायिक महत्व का है तो वह लोगों को अन्यत्र व्यवस्था की रिपोर्ट तैयार कर सकता है। रिपोर्ट कलक्टर को देना होगा।
-25 नवंबर से पहले तक पट्टा वितरण किया जाएगा। कब्जा छोडऩा पड़ेगा नगर पंचायत- नगर पंचायत क्षेत्र के कब्जेधारी को अधिकतम 1000 वर्गफीट जमीन का भू-अधिकार पत्र दिया जाएगा। इससे अधिक कब्जा होने पर जमीन छोडऩा पड़ेगा। 450 वर्गफीट जमीन का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बाकी 550 वर्गफीट जमीन का 5 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क देना पड़ेगा।
नगर पालिका परिषद – नगर पालिका परिषद के लोगों को अधिकतम 800 वर्गफीट जमीन का पट्टा दिया जाएगा। इससे अधिक जमीन पर कब्जा छोडऩा पड़ेगा। 350 वर्गफीट जमीन का 10 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से विकास शुल्क देना होगा।