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भिलाई नगर विस में मतगणना के दो दिन पहले फर्जी मतदान की बड़ी शिकायत, फार्म-17 सी में मशीन का नंबर गायब

मतगणना के ठीक दो दिन पहले फर्जी मतदान को लेकर बड़ी शिकायत सामने आई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव धर्मेन्द्र यादव ने भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के 9 मतदान केन्द्रों में फर्जी मतदान कराने की आशंका जताई है।

भिलाईDec 09, 2018 / 12:03 am

Satya Narayan Shukla

भिलाई नगर विस में मतगणना के दो दिन पहले फर्जी मतदान की बड़ी शिकायत, फार्म-17 सी में मशीन का नंबर गायब

भिलाई@Patrika.मतगणना के ठीक दो दिन पहले फर्जी मतदान को लेकर बड़ी शिकायत सामने आई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव धर्मेन्द्र यादव ने भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के 9 मतदान केन्द्रों में फर्जी मतदान कराने की आशंका जताई है। उन्होंने शनिवार को पीठासीन अधिकारियों की ओर से कहीं मतदान अभिकर्ताओं को फॉर्म-17 सी नहीं देने तो कहीं दिए गए फॉर्म में इवीएम का नंबर उल्लेख नहीं होने की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी उमेश अग्रवाल से से की।
इवीएम और वीवीपैट के सरल क्रमांक का उल्लेख नहीं

@Patrika.धर्मेंद्र भिलाई नगर विस क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र सिंह यादव के निर्वाचन अभिकर्ता हैं। उन्होंने देवेंद्र की ओर से सौंपे गए पत्र में लिखा है कि भिलाई नगर विस क्षेत्र के मतदान केंद्र 7, 34, 57, 66, 84, 85, 103, 124 और 132 सहित कुल ९ केन्द्रों के पीठासीन अधिकारियों ने उनके मतदान अभिकर्ताओं को जो फार्म-१७ सी दिया है, उसमें इवीएम और वीवीपैट के सरल क्रमांक का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि पीठासीन अधिकारी प्रशिक्षित होने के बावजूद चुनाव कार्य में ऐसी लापरवाही क्यों बरती? ऐसा कहीं जानबूझकर चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से तो नहीं किया गया है?
अंतिम समय में अधिकम मतदान पर जताई गड़बड़ी की आशंका
@Patrika.यादव ने अपनी शिकायत में लिखा है कि सेक्टर-१० के मतदान केन्द्र क्रमांक-३१ के मतदान अभिकर्ता को ओर से मतदान के बाद फॉर्म-१७ सी की मांग की गई। बावजूद पीठासीन अधिकारी ने फॉर्म नहीं दिया। उन्होंने मतदान केंद्र क्रमांक- 71, 79, 99, 104, 107, 111, 118, 124, 126, 150, 151, 155 में अंतिम समय में अत्यधिक मतदान होने के कारण फर्जी मतदान करवाए जाने की आशंका भी जताई है।
इसलिए उठ रहे सवाल
1. निर्वाचन की निष्पक्षता पर इसलिए भी सवाल उठ रहा है कि जिला निर्वाचन विभाग ने मतदान केन्द्रों में पड़े मत के आंकड़े को अब सार्वजनिक नहीं किया। मतगणना कक्ष तक मीडिया की पहुंच पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले साल इस तरह कोई प्रतिबंध नहीं था।
2. पीठासीन अधिकारियों को ट्रेनिंग देने के बावजूद जिले के तीन मतदान केन्द्रों के मॉक पोल को डिलीट नहीं किया। साजा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल धमधा के मतदान केन्द्र क्रमांक-२२१ का मॉक पोल डिलिट करना भूल गए। अब यह इवीएम बेमेतरा के स्ट्रांग रूम में है। पाटन विधानसभा क्षेत्र में शासकीय प्राथमिक स्कूल बोरगांव के मतदान केन्द्र क्रमांक २१३ और दुर्ग शहर के वार्ड-२० शहीद भगत सिंह शासकीय स्कूल के मतदान केन्द्र क्रमांक ४३ की मशीन दुर्ग के स्ट्रांग रूम में हैं।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
@Patrika. पत्रिका ने २ दिसंबर के अंक में निर्वाचन की निष्पक्षता को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया था। समाचार के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया था कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 19 सीटों पर हुए चुनाव में मतदान के बाद बूथवार आंकड़े सार्वजनिक किए गए, लेकिन दूसरे चरण के मतदान के बाद बूथवार आंकड़े जारी करने पर निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी।
 
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