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बड़ा राजनीतिक सवाल: ऐसे में कैसे लोकसभा चुनाव में बीजेपी की नैया पार लगेगी?

locationभिलाईPublished: Jan 05, 2019 10:59:31 pm

कथित अनुशासित भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेस संस्कृति हावी हो गई है। पार्टी का विवाद पार्टी के भीतर निपटाने की संस्कृति पुरानी बात हो गई है। अनुशासन के डर से पार्टी के खिलाफ भी नहीं बोलने वाले धरमलाल कौशिक को विधान सभा का नेता प्रतिपक्ष चुनने के बाद खुलकर बोलने लगे हैं।

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बड़ा राजनीतिक सवाल: ऐसे में कैसे लोकसभा चुनाव में बीजेपी की नैया पार लगेगी?

भिलाई@Patrika. कथित अनुशासित भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेस संस्कृति हावी हो गई है। पार्टी का विवाद पार्टी के भीतर निपटाने की संस्कृति पुरानी बात हो गई है। अनुशासन के डर से पार्टी के खिलाफ भी नहीं बोलने वाले धरमलाल कौशिक को विधान सभा का नेता प्रतिपक्ष चुनने के बाद खुलकर बोलने लगे हैं।
सोशल मीडिया में मन की भड़ास निकाल रहे

कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पदाधिकारी सोशल मीडिया में खुलकर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। एक तरह से सच्चाई बयां करने वाले मन की भड़ास निकाल रहे हैं। @Patrika पार्टी कार्यकर्ताओं की मानें तो चुनावी युद्ध में जीत का श्रेय उन्हें नहीं बल्कि सेनापति को जाता है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में बीजेपी का सूपड़ा साफ होते ही प्रदेश अध्यक्ष को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए था, किंतु यहां उलटा हो रहा है। जिसके नेतृत्व में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा उन्हें विधान सभा में भी सेनापति बना दिया गया है। कार्यकर्ता यहीं नहीं रुकते उनकी मानें तो पार्टी संगठन के इस निर्णय का खामियाजा आगानी लोकसभा चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
सर्वे में सीजी के पांच मंत्रियों के टिकट काटने की अनुशंसा की थी
इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यपरिषद के सदस्य बृजेश बिजपुरिया ने तो सीधे संगठन के महामंत्री सौदान पर पार्टी की हार का ठीकरा फोड़ा था। उनकी मानें तो दुर्ग जिले में राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय और पूरे प्रदेश में सौदान सिंह की टिकट वितरण में मनमानी के चलते पार्टी की दुर्गति हुई है।@Patrika इसी तरह एक निजी संस्था ने चुनाव पूर्व हुए सर्वे में सीजी के पांच मंत्रियों के टिकट काटने की अनुशंसा की थी। यदि हारे हुए मंत्रियों का टिकट रमशिला साहू की तरह पहले काट देते तो पार्टी का यहां से संभवत: सूपड़ा साफ नहीं होता।
भिलाई के तेज बहादुर सिंह
बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता तेज बहादुर सिंह ने धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर अपने फेसबुक एकाउंट में कमेंट किया है। उन्होंने लिखा है कि भाजपा को करारी हार दिलाने वाले धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष बने, बधाई हो भाजपा 2019 की हार की तैयारी जोर शोर से शुरू।
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भाजपा को करारी हार दिलाने वाले नेता प्रतिपक्ष बने
जैसे ही धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष चुना गया उसके फौरन बाद पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मीडिया प्रभारी देवेन्द्र गुप्ता ने अपने फेसबुक वॉल में कौशिक को लेकर कुछ ऐसी टिपण्णी कर दी कि, जिससे बृजमोहन अग्रवाल के खेमे की नाराजगी साफ तौर पर महसूस की जा रही है ! देवेन्द्र गुप्ता ने फेसबुक में धरमलाल कौशिक को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गुलाम लिखा है ! इतना ही नहीं इसके साथ एक अन्य पोस्ट में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के लिए कौशिक को जिम्मेदार ठहराते हुए शीर्षक लिखा है, “भाजपा की हार का गुनाहगार धरमलाल कौशिक.” इसी तरह 3 दिसंबर को रात 10:23 बजे उन्होंने अपनी एक पोस्ट में लिखा था “हम कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी कहते है ! यहां छत्तीसगढ़ में भी तो एक पार्टी दो यार की पार्टी बनकर रह गई है !
देवेंद्र ने लिखा- आदिवासी नेता ननकीराम कंवर, सामान्य वर्ग से बृजमोहन अग्रवाल, पिछड़े वर्ग से नारायण चंदेल और अजय चंद्राकर में से किसी एक का चयन भी अगर नेता प्रतिपक्ष के लिए कर लिया जाता तो बेहतर होता, लेकिन यह सारे लोग इसलिए पीछे रह गए क्योंकि वे धरमलाल कौशिक की तरह रमन सिंह के गुलाम नहीं थे। @Patrika वे केवल यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा-जिस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी 15 सीटों पर सिमट गई उसे फिर से नेता प्रतिपक्ष का तोहफा देना समझ से परे हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा डाक्टर रमन सिंह की जागीर बनकर रह गई है।

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