लहजे में कहा है कि जमीन चाहिए तो शासकीय दर से राज्य शासन को पूरी कीमत अदा करें। हाईकोर्ट ने बीएसपी की याचिका खारिज करते हुए 921 हेक्टेयर जमीन का बाजार भाव से कीमत देने का आदेश दिया है। जिसके बाद कांकेर के कलवर-नागुर खदान के लीज और खनन पर संकट के बादल छा गए हैं। बीएसपी और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद से बचने के लिए बीएसपी प्रबंधन ने बिलासपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था पर हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
Read more: गर्भवती महिलाओं की सोनाग्राफी कराते फोटो वायरल करके बुरे फंसे आयुक्त, महिला आयोग ने कहा बेहद आपत्तिजनक, होगी जांच … याचिका खारिज होने के बाद अब भिलाई स्टील प्लांट को 30 दिन की अवधि में पैसा जमा करना पड़ेगा, नहीं तो प्रोजेक्ट की पूरी जमीन छत्तीसगढ़ शासन को लौटानी पड़ेगी। वहीं कोर्ट के आदेश के बाद बीएसपी प्रबन्धन आगे की रणनीति बनाने में जुट गया है। यदि प्रबंधन उपरोक्त समय में अपना निर्णय राज्य सरकार को नहीं सुना पाएगी तो, 921 हेक्टेयर जंगल भूमि का राज्य सरकार पट्टा संशोधित कर सकेगी। बीएसपी प्रबंधन के पास 17 हेक्टेयर जंगल भूमि खनिज के उपयोग के लिए रहेगी।
Read more: गिरफ्तारी वारंट देखकर बिफर गए डॉक्टर साहब, घर पहुंचे SI को तेवर दिखाकर लौटा दिया बैरंग… एक साल पहले दायर की थी याचिका एक साल पहले राज्य सरकार (Chhattisgarh government) ने बीएसपी को इस प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित भूमि की कीमत अदा करने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश के खिलाफ बीएसपी ने बीते वर्ष 2018 में ही याचिका दायर कर अपने पक्ष रखा और वर्तमान मूल्य अदा न करने और मुफ्त में प्रदान करने की राहत मांगी थी। राज्य शासन ने मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत किया और कहा कि बीएसपी उपरोक्त मूल्य अदा नहीं करना चाहती है तो वो 921 हेक्टेयर जंगल भूमि राज्य शासन को वापस कर दे। याचिका खारिज होने के बाद बीएसपी जनसंपर्क विभाग ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रबंधन आदेश का परीक्षण कर रही है। सेल कॉर्पोरेट ऑफिस से दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मार्च में सीएम से मिले थे सेल चेयरमैन
सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी 19 मार्च को इसी साल भिलाई स्टील प्लांट के दौरे पर आए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से खदान के विषय पर चर्चा की थी। राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही थी पर समझौता नहीं हो सका। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट में पैरवी सेल कर रही है।