रिकेश सेन ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने कोरोना पीडि़त अपनी सास के संपर्क में आने के कारण खुद के संक्रमण की आशंका को लेकर उत्पन्न परिस्थितियों से अवगत कराते हुए भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा को पार्टी से बाहर करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पीयूष ने भाजपा पार्षदों को भड़काते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष मानने से इनकार कर दिया। प्रदेश संगठन ने पर्यवेक्षक भेजकर पार्षदों की रजामंदी से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी, पीयूष का यह कृत्य संगठन विरोधी व अनुशासनहीनता है। पार्टी की बात पार्टी में ही रखनी चाहिए। इस तरह सार्वजनिक नहीं।
इधर पीयूष मिश्रा का आरोप है कि जब से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है, कांग्रेस की सरकार बनी है, रिकेश पार्टी को धोखा दे रहा है। यहां निगम में न तो खुद सत्ता पक्ष के खिलाफ मुद्दे उठाता है और न पार्षदों को उठाने देता है। महापौर और रिकेश की मिलीभत है। 10 जुलाई को होने वाली बैठक में कई ऐसे विवादित मुद्दे थे जिसमें सत्ता पक्ष बेनकाब हो जाता। पार्टी के वरिष्ठजन के मार्गदर्शन में बहस की पूरी तैयारी भी कर लिए थे, लेकिन रिकेश ने सत्ता पक्ष के साथ मिलकर भाजपा के पार्षदों को क्वारंटाइन में भेजने का षडयंत्र रचा, ताकि विपक्ष की गैरमौजूदगी में सत्ता पक्ष अपने सभी प्रस्ताव पारित कर सके। इन पूरी बातों से पार्टी संगठन को अवगत कराया जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बताया कि भिलाई में क्या हो रहा है अभी इसकी मुझे जानकारी नहीं है। बात मुझ तक आने दीजिए, जो भी उचित कार्रवाई होगी, की जाएगी। अनुशासित पार्टी में यह सब नहीं चलेगा।