पैसा नहीं पदनाम की मांग
बीएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर्स शुरू से ही पदनाम को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पदनाम सम्मानजनक दिया जाए। जिससे उनकी समाज में प्रतिष्ठा बढ़े। यूनियन चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा सबसे अधिक चर्चा में रहा। डिप्लोमा इंजीनियर्स हर यूनियन से चर्चा करते रहे। चुनावी मुद्दों में इस विषय को शामिल भी करवा लिए।
भिलाई इस्पात संयंत्र के डिप्लोमा इंजीनियर्स का दावा है कि मंत्रालय से इसको लेकर आदेश जारी हो चुका है। दो साल से आदेश पर अमल नहीं किया जा रहा है। इस वजह से वे भूख हड़ताल करने जा रहे हैं।
बीएसपी में डिप्लोमा इंजीनियर्स का पहले ऊपर ग्रेड में भर्ती होता था और उपयोग भी प्रबंधन सुपरवाईजरी कैडर पर करता था। अब ग्रेड घटाने के साथ काम भी वैसा ही करवा रहा है। कम से कम पदनाम तो बेहतर दिया जा सकता है, जिससे समाज में उनका रुतबा बढ़े।
एक जुट हो रहे डिप्लोमा इंजीनियर्स
डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी लगातार संयंत्र में बैठक कर रहे हैं। यहां अहम बात यह है कि एसोसिएशन के नए पदाधिकारियों की टीम इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जूझ रही है। युवा टीम में इसको लेकर उत्साह है।
फैक्ट फाइल
सम्मानजनक पदनाम के लिए किए गए संघर्ष :-
– 20 जून 2016 यूनियन का घेराव
– 20 दिसंबर 2016 आक्रोश रैली
– 19 मई 2017 को आभार रैली
– दिसंबर 2017 को विरोध रैली
– जनवरी 2019 में पुतला दहन
– फरवरी 2019 डिप्लोमा, डिग्री दहन किया।