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Bhilai-3 बागी बढ़ा रहे प्रत्याशियों का बीपी, बड़े नेताओं से बात करने नहीं उठा रहे फोन

locationभिलाईPublished: Dec 05, 2021 10:09:21 pm

नाम वापसी का आज अंतिम दिन.

Bhilai-3 बागी बढ़ा रहे प्रत्याशियों का बीपी, बड़े नेताओं से बात करने नहीं उठा रहे फोन

Bhilai-3 बागी बढ़ा रहे प्रत्याशियों का बीपी, बड़े नेताओं से बात करने नहीं उठा रहे फोन

भिलाई. भिलाई-चरोदा नगर पालिक निगम में 40 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में दोनों ही राष्ट्रीय दल के 80 और निर्दलीय 90 अब तक मैदान में हैं। दोनों ही दलों के बड़े नेता बागी होकर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे नेताओं से बात करने संगठन के पदाधिकारियों से संपर्क करने कह रहे हैं। तब संगठन से जुड़े नेताओं का नंबर देख बागी फोन नहीं उठा रहे हैं। इससे प्रत्याशियों का ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है।

तीस फीसदी पहले ही माने
भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों का फोन बागी होकर चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटे लोगों तक पहुंच रहा है। इसमें से कुछ दावेदार पदाधिकारियों का नाम देखकर ही फोन नहीं उठा रहे हैं। वहीं कुछ दावेदारों ने फोन बंद कर रखा है। जिनसे चुनाव प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल से बात हो रही है, वे नामांकन सोमवार को वापस लेने तैयार हो गए हैं। तीस फीसदी से अधिक ऐसे हैं जो नाम वापसी को तैयार भी हो गए हैं। शेष से देर रात तक चर्चा होनी है।

कांग्रेस बागियों से कर रही लुभावने वादे
कांग्रेस बागियों से लुभावने वादे कर रही है। वार्ड में जो कुछ मजबूत है और उससे पार्टी के प्रत्याशी को अधिक नुकसान हो सकता है। ऐसे बागियों को एल्डरमेन और दूसरी जिम्मेदारी देने का भरोसा दिया जा रहा है। अब तक कुछ ने बड़े नेताओं के दफ्तर में पहुंचकर नाम वापस लेने का भरोसा दिलाया है। शेष रात तक पहुंच जाएंगे यह भरोसा जताया जा रहा है।

आग लगाया किसी ने बुझा कोई और रहा
कांग्रेस में टिकट जिस तरह से बांटी गई, उससे बहुत से दावेदार नाराज हैं। गलियों में कानाफूसी यह है कि टिकट मन मुताबिक बांट कर एक ने वार्डों में आग लगाने का काम किया। अब बुझाने के लिए दूसरे के झोली में डाल दिया है। इससे पार्टी के नेताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

दोनों पार्टी के लिए मुश्किलें बराबर
भिलाई-चरोदा में दोनों ही पार्टी में बागियों की संख्या अब तक बराबर ही नजर आ रही है। भाजपा नेताओं की कोशिश है कि लगातार तीसरी बार भिलाई-चरोदा की कमान उनकी झोली में आ जाए। वहीं कांग्रेस के लिए यह चुनाव अहम हो गया है। मुख्यमंत्री का निवास होने की वजह से यहां पार्टी अधिक से अधिक वार्डों में जीत दर्ज करना चाहती है। जिससे मेयर उनकी पसंद का हो। दोनों के लिए यह निगम नाक का सवाल बना हुआ है।

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