सुरक्षा के लिए यह करना था – पाइप के दोनों छोर में भरना था लिक्विड कोक ओवन में १० मीटर ऊपर जिस पाइप लाइन में काम किया जा रहा था, उस पाइप के दोनों छोर में यू आकार बना रहता है, जिसमें पानी भर दिया जाता है। इसके बाद गैस दोनों ओर से आगे नहीं बढ़ती है। पाइप पूरी तरह से गैस मुक्त हो जाता है। तब काम तीन चरणों में पूरा करते हैं।
पहले चरण में खोले नट, दूसरे चरण केदौरान हादसा कोक ओवन में गैस के मरम्मत का काम पूरा होने के बाद पहली शिफ्ट में प्रथम चरण के काम में एक दल ने आकर पाइप लाइन के नटों को खोला और इसके बाद लौट गए। दूसरे चरण में पहुंचे एनर्जी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट (इएमडी) के कर्मियों की टीम ने डमी प्लेट निकाली। फिर उस स्थान पर पैकिंग के साथ मेटल रिंग लगाना शुरू किया। रिंग भीतर गई, तब धीरे-धीरे घर्षण से गरम हुई और गैस के साथ मिलकर एयर ने आग का शक्ल ले लिया। इसके बादपहला विस्फोट हुआ और चंद मिनट बाद दूसरा विस्फोट।
मुंबई से आए हेल्थ सेफ्टी के डायरेक्टर जनरल पहुंचे बीएसपी के कोक ओवन में जांच करने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने भिलाई स्टील प्लांट में हुए हादसे की जांच शुरू कर दिया है। हादसे से संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों का बयान दर्ज किया जा रहा है। फिर यह रिपोर्ट श्रम न्यायालय में पेश की जाएगी। बता दें भिलाई के इतिहास में यह सबसे बड़ा हादसा है। इसकी जांच के लिए भारत सरकार मुंबई से हेल्थ सेफ्टी डायरेक्टर जनरल अपनी टीम के साथ आए हैं। गुरुवार को औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के उप संचालक केके द्विवेदी ने बीएसपी के इएमडी विभाग के तीन अधिकारियों का बयान दर्ज किया है। तीन घंटे तक पूछताछ चली है। एक दिन पहले दमकल विभाग के उन कर्मचारियों का बयान दर्ज किया जो हादसे के वक्त वहां ड्यूटी पर तैनात थे। उनका बयान दर्ज किया है। अभी और अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लिया जा रहा है।
दिल्ली में सौंपेंगे रिपोर्ट मुंबई औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मुख्यालय से के डायरेक्टर जनरल अविनाश सिंह और डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बृज मोहन कुमार जांच करने पहुंचे है। उन्होंने भी घटना स्थल का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। यह भी अपनी जांच रिपोर्ट दिल्ली में सौंपेंगे।
माता-पिता और बच्चों के ब्लड सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजे लैब बीएसपी हादसे में मृत १३ में से ९ कर्मियों के शव की पहचान के लिए डीएनए डेस्ट कराया जाएगा। बुधवार को पोस्ट मार्टम के समय डीएनए टेस्ट के लिए शवों के अवशेष एकत्रित किए गए थे। गुरुवार को परिजनों का ब्लड सेंपल लिया गया। जिसे जांच के लिए रायपुर साइंस लैब भेजा गया। ब्लड सैंपल माता-पिता और बेटा-बेटी का लिया गया है। एएसपी विजय पांडेय ने बताया कि डीएनए टेस्ट प्राथमिकता से कराई जा रही है। पांच दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर शव की पहचान कर परिजनों को सौंपा जाएगा। हर शव का नंबरिंग किया गया है। इसी आधार पर ही डीएनए टेस्ट का मिलान किया जाएगा। एएसपी ने बताया कि जल्द जांच हो और रिपोर्ट जल्द मिले यह प्रयास किया जा रहा है। जांच में मदद के लिए हैदराबाद लैब से एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है जांच रिपोर्ट जल्द मिल जाएगी। एक जगह पर कई शव मिले हैं। शवो को पहचानना मुश्किल है। इसलिए साइंस प²ति का प्रयोग कर शवों पहचान कराई जा रही है।