करोड़ों का नुकसान
बीएसपी के रेल मिल में पुलपिट क्रमांक-7 में आग लगने से जिस तरह से यहां का पूरा पाइप लाइन हाइड्रोलिक लाइन, इलेक्ट्रिकल केबल और पुलपीट जलकर खाक हुआ है। उससे यह तय माना जा रहा है कि प्रबंधन को करोड़ों का नुकसान हुआ है। प्रबंधन जब अधिकतर कार्मिक संक्रमित है तब जिन ठेका मजदूरों से काम ले रहा है। उन कर्मियों को ना सुरक्षा की ज्यादा जानकारी है ना समझ है। इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
फायर ब्रिगेट आने से पहले फैल चुकी थी आग
पिछले दो दिनों से बीएसपी के अलग-अलग जगह आग लग चुकी है। इसके पहले कन्वेयर बेल्ट में भीषण आग लग गई थी। आग लगने के बाद संयंत्र में कर्मी इतने कम है कि उसे देखने और उससे प्रथम दृष्टया में बुझाने के लिए भी कर्मी नहीं मिल रहे हैं और आग इतनी बढ़ जा रही है कि फायर ब्रिगेड आते-आते भीषण रूप ले लेती है और संयंत्र को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
कम से कम लगेगा तीन दिन
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन रोस्टर सिस्टम से संयंत्र में काम करवाता तो सभी नियमित कर्मचारी प्लांट में नजर आते। इससे जो नुकसान ठेका मजदूरों से काम करवाने की वजह से हो रहा है। उससे भी बचा जा सकता था। प्रबंधन की एक तरह से जिद ही उसे इस वक्त करोड़ों का नुकसान पहुंचा रही है। प्लांट के एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस मिल को पुन: पहले जैसे काम शुरू करने में कम से कम तीन दिन तो लगेंगे ही।