बढ़ा दिए टारगेट
यूनियन के दफ्तर में हुए कार्यशाला में मंच के अध्यक्ष भावसिंह सोनवानी ने बताया कि बीएसपी कर्मीयों का इंसेंटिव का मिनिमम टारगेट 2016 के पहले एनुअल बिजिनेस प्लान का 75 फीसदी था, उसे बढ़ा कर अब 85 प्रतिशत कर दिए। वहीं रेटेड कैपेसिटी का मिनिमम टारगेट 60 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिए। जिससे कई विभाग में इंसेंटिव शून्य तक हो गया। इस तरह जहां 2007 के बाद 12 साल में कोई इंसेंटिव पॉलिसी में सुधार तो नही किए, बल्कि कर्मियों के लिए उसको और नुकसान वाला बना दिए।
यूनियन के दफ्तर में हुए कार्यशाला में मंच के अध्यक्ष भावसिंह सोनवानी ने बताया कि बीएसपी कर्मीयों का इंसेंटिव का मिनिमम टारगेट 2016 के पहले एनुअल बिजिनेस प्लान का 75 फीसदी था, उसे बढ़ा कर अब 85 प्रतिशत कर दिए। वहीं रेटेड कैपेसिटी का मिनिमम टारगेट 60 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिए। जिससे कई विभाग में इंसेंटिव शून्य तक हो गया। इस तरह जहां 2007 के बाद 12 साल में कोई इंसेंटिव पॉलिसी में सुधार तो नही किए, बल्कि कर्मियों के लिए उसको और नुकसान वाला बना दिए।
लेबर प्रोडक्टिविटी हुई दो गुना
सीजीएमएस के महासचिव शेख मेंहमूद ने बताया की सेल में जहां लेबर प्रोडक्टिविटी 200 टर्न से बढ़ कर आज 400 के आंकड़े को छू रही है। वहीं हर साल बढ़ते एबीपी और प्रोडक्शन टारगेट के चलते इंसेंटिव शून्य तक होने की स्थिति आ गई है। वायर रॉड मिल, बीबीएम, यूआरएल विभागों को शून्य इंसेंटिव मिल रही है।
सीजीएमएस के महासचिव शेख मेंहमूद ने बताया की सेल में जहां लेबर प्रोडक्टिविटी 200 टर्न से बढ़ कर आज 400 के आंकड़े को छू रही है। वहीं हर साल बढ़ते एबीपी और प्रोडक्शन टारगेट के चलते इंसेंटिव शून्य तक होने की स्थिति आ गई है। वायर रॉड मिल, बीबीएम, यूआरएल विभागों को शून्य इंसेंटिव मिल रही है।
इससे मिलेगा फायदा
मंच महासचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि इंसेंटिव स्कीम में कर्मियों को आर्थिक नुकसान का मुख्य कारण 12 साल से इंसेंटिव पोटेंशियल का नहीं बढऩा है। आरआईएनएल में 2007 से ही इंसेंटिव पोटेंशियल की वजह से इंसेंटिव 6000 तक मिल रहा है।
मंच महासचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि इंसेंटिव स्कीम में कर्मियों को आर्थिक नुकसान का मुख्य कारण 12 साल से इंसेंटिव पोटेंशियल का नहीं बढऩा है। आरआईएनएल में 2007 से ही इंसेंटिव पोटेंशियल की वजह से इंसेंटिव 6000 तक मिल रहा है।
कार्यशाला में यह थे मौजूद इस मौके पर महासचिव राजेश अग्रवाल, सर्वजीत सिंह किशोर, आएस ठाकुर सीताराम साहू, गेंद लाल वर्मा आरडी देशलहारा मुकुंद गंगवेर वीके दुबे, युवराज गौर ,नारायण साहू, गौतम साहू, राजेंद्र रामकेश मीणा पवन धर्मेंद्र सिंह आरुण मानकर, खलेंद्र, युवराज गौर, सुरेश तिवारी, नवाब खान, मनजीत सिंह छत्तीसगढ़ मजदूर संघ की तरफ से शेख महमूद विनोद सागर कर डीके सिंह प्रदीप विश्वास अरविंद पांडे व्हि सूर गिरवर साहू विमल कांत मंगेश हरिदास अखिल मिश्रा सुभाष महाराणा सारथी महाराणा सहित अन्य साथी मौजूद थे.