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बीएसपी की कमान मिल सकती है रेलपांत के विशेषज्ञ को

locationभिलाईPublished: Apr 24, 2019 12:03:07 pm

Submitted by:

Abdul Salam

कमलाकर सेलम के बतौर इंचार्ज हैं। यह अनुभव अन्य इंटरव्यू देने वालों से बेहतर है। कयास लगाया जा रहा है कि उनका चयन हो चुका है।

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भिलाई . स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने नए सीईओ के लिए इंटरव्यू किया। जिसमें ईडी एवी कमलाकर, ईडी मानस विश्वास, ईडी एके सिंह, ईडी देव दास ने हिस्सा लिया। सीईओ के नाम का चयन कर लिफाफा में बंद कर दिया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र की जिम्मेदारी लिफाफा खुलने के बाद तय होगी। वहीं लंबे समय से निलंबित चल रहे एम रवि के बहाल होने की भी सूचना मिल रही है।
रेल मिल के विशेषज्ञ कमलाकर के नाम की चर्चा
ईडी कमलाकर का चयन सीईओ के पद पर हो गया है। संयंत्र और शहर में इस बात को लेकर शाम होते चर्चा तेज हो गई। बता दें कि कमलाकर ने बीएसपी के रेलमिल में ही ज्वाइन किया था। 2013 में वे रेल मिल में बतौर जीएम काम करना शुरू किए। रेल मिल के विशेषज्ञ के तौर पर उनको जाना जाता रहा है। नए ग्रेड के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। वे 2016 तक विभिन्न पदों पर रहे। यहां से जब तबादला हुआ, तब कई तरह की बातें कही गई।
सेलम के साथ भद्रावति की जिम्मेदारी
वर्तमान में कमलाकर सेलम के साथ भद्रावति प्लांट के बतौर इंचार्ज हैं। यह अनुभव अन्य इंटरव्यू देने वालों से बेहतर है। जिसको देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि उनका चयन हो चुका है। बीएसपी का पूरा फोकस वर्तमान में रेल पटरी के उत्पादन पर है। जिसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र के विशेषज्ञ को अगर बीएसपी की जवाबदारी दी जाती है, तो उसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी। कमलाकर रविवि के छात्र रहे हैं।
एम रवि के बहाली पर चर्चा
शहर में यह भी चर्चा है कि सेल प्रबंधन जल्द ही सीईओ एम रवि को बहाल करने की तैयारी कर रहा है। सेल के किसी यूनिट की उनको जिम्मेदारी दी जा सकती है। सेलम, भद्रावती, दुर्गापुर में भी इंचार्ज की जरूरत है।
लंबा अनुभव है बीएसपी में काम का
कमलाकर को भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करने का लंबा अनुभव है। वे लगातार मिल एरिया में बतौर अधिकारी काम किए हैं। इस वजह से रेल उत्पादन के दौरान आने वाली दिक्कतों को दूर करने उनकी सलाह को खास तवज्जो दी जाता रहा है। यहां के हर कर्मचारी सोशल मीडिया में चल रहे इस मैसेज से ही खुश हैं कि रेलमिल के विशेषज्ञ आ रहे हैं। प्रबंधन रेल पटरी का उत्पादन बढ़ाना चाहती है, साल में 16.5 मिलियन टन का आर्डर मिला है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े अधिकारी को अहमियत मिलना तय है।
रिटायर्ड हो रहे रथ
बीएसपी सीईओ एके रथ रिटायर्ड हो रहे हैं। इसके पहले नए सीईओ को उनके साथ एक काम काम संभालना होगा। नए सीईओ मई से ही यहां चार्ज ले लेंगे, जिस तरह से एम रवि ने बतौर ईडी बीएसपी का चार्ज लिया था।
यह है चुनौतियां :-
उत्पादन का बड़ा लक्ष्य
बीएसपी की कमान को एक कांटों भरा ताज माना जाता है। जहां एक ओर उत्पादन का बड़ा लक्ष्य दिया गया है। वहीं दूसरी ओर पुराने उपकरण में बार-बार दिक्कत आ रही है।
हर पल दुर्घटना का खतरा
बीएसपी के उपकरण 60 साल पुराने हो चुके हैं। यहां लगे पाइप भी अब तक सौ फीसदी बदले नहीं गए हैं। इस वजह से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। बीएसपी में 9 अक्टूबर को हुए गैस हादसे ने सभी को झकझोर दिया था। इसके बाद भी तात्कालीन सीईओ एम रवि को निलंबित किया गया। आनन-फानन में एके रथ को बीएसपी की जिम्मेदारी दी गई।
कर्मियों की संख्या को करना है कम
बीएसपी में नियमित कर्मियों की संख्या पहले ही कम है। सेल ने कर्मियों की संख्या को और कम करने की दिशा में पहल करने कहा है। उत्पादन बढ़ाने व कर्मियों की संख्या को घटाने का टारगेट भी पूरा करना होगा।
अधूरा प्रोजेक्ट
बीएसपी में सबसे बड़ी समस्या 2007-08 के प्रोजेक्ट का अब तक अधूरा रहना है। स्टील मेल्टिंग शॉप-3 आज भी अधूरा है। प्रोजेक्ट अधूरा रहने के कारण रेलपांत के उत्पादन में उम्मीद के मुताबिक इजाफा नहीं हो पा रहा है। विशेज्ञ आ भी जाए, तो पहले उसे संयंत्र तो चाहिए, जिसके सहारे वह उत्पादन बढ़ाएगा। इसी तरह से ब्लास्ट फर्नेस-8 भी अब तक क्षमता के मुताबिक उत्पादन नहीं दे रहा है। बीएसपी के पास कागज में रेल उत्पादन की क्षमता 20 एमटी है, लेकिन हकीकत इससे जुदा है।
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