52 एचएसएलटी ठेका श्रमिक 20 दिन से हड़ताल पर प्रबंधन ने सिंटरिंग प्लांट-3 में काम करने वाले ५२ एचएसएलटी ठेका श्रमिकों को बैठा दिया है। श्रमिक व यूनियन इसका विरोध कर रहे हैं। प्रबंधन इसे एचएससीएल के माध्यम से काम पर रखने तैयार है, लेकिन श्रमिक यह मानने तैयार नहीं है। इससे श्रमिकों को आर्थिक नुकसान तो होगा ही, प्रबंधन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ेगा। यही वजह है कि श्रमिक हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू के बैनर तले 20 दिन से हड़ताल पर डटे हुए हैं।
एचएससीएलटी के तहत ही चाहिए काम यूनियन तथा श्रमिकों ने बंद होने जा रही कम्पनी एचएससीएल के माध्यम से काम पर लिए जाने की पेशकश ठुकरा दी। इसके बाद अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के माध्यम से काम पर रखने प्रयास की बात कही। इस पर यूनियन नेताओं ने कहा जब तक नया टेंडर नहीं हो जाता और एचएससीएलटी के तहत ही श्रमिकों को काम पर नहीं ंलिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
इसलिए जिद पर अड़े हैं श्रमिक एचएससीएलटी श्रमिको को 384 रुपए रोजी मिलती है। इसके अलावा संयंत्र के चिकित्सालयों में पति व पत्नी को मुफ्त इलाज की सुविधा है। 60 रुपए हाउस रेंट एलाउंस और 40 रुपए साइकिल भत्ता भी मिलता है। सीपीएफ संयंत्र प्रबंधन के माध्यम से जमा होता है। अन्य ठेका श्रमिकों की बनिस्बत अंतिम वेतन भुगतान में कटौती कम होती है।
ये थे चर्चा में शामिल
चर्चा में आईआर विभाग के सहायक महाप्रबंधक सूरज सोनी, कॉन्ट्रेक्ट लेबर सेल प्रोजेक्ट के रेड्डी, ठेका प्रकोष्ठ विभाग के रामा राव तथा ठेका यूनियन से यूके सूर्यवंशी, उमराव सिंह पुरामे, योगेश सोनी, पी वेंकट, कमलेश चोपड़ा, राजू भारती, पीके मुखर्जी, एचएससीएलटी श्रमिक बोहरन, चंदन अमरीका शामिल थे।
चर्चा में आईआर विभाग के सहायक महाप्रबंधक सूरज सोनी, कॉन्ट्रेक्ट लेबर सेल प्रोजेक्ट के रेड्डी, ठेका प्रकोष्ठ विभाग के रामा राव तथा ठेका यूनियन से यूके सूर्यवंशी, उमराव सिंह पुरामे, योगेश सोनी, पी वेंकट, कमलेश चोपड़ा, राजू भारती, पीके मुखर्जी, एचएससीएलटी श्रमिक बोहरन, चंदन अमरीका शामिल थे।