कोक ओवन की पुशिंग किए कम
ओर फाइंस की संकट से जूझ रहे बीएसपी ने हॉट मेटल के उत्पादन को कम किया है। हॉट मेटल के उत्पादन में कमी होता देख प्रबंधन ने कोक ओवन की पुशिंग को 730 ओवन प्रतिदिन को घटा कर 630 ओवन पुशिंग प्रतिदिन कर दिया है। इससे कोल की खपत कम हो गई है.
ओर फाइंस की संकट से जूझ रहे बीएसपी ने हॉट मेटल के उत्पादन को कम किया है। हॉट मेटल के उत्पादन में कमी होता देख प्रबंधन ने कोक ओवन की पुशिंग को 730 ओवन प्रतिदिन को घटा कर 630 ओवन पुशिंग प्रतिदिन कर दिया है। इससे कोल की खपत कम हो गई है.
5 के स्थान पर ले रहे 3 रेक
बीएसपी में 90 फीसदी कोल विदेश का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे उत्पादन के दौरान राख कम से कम बने। हर दिन बीएसपी में पांच रेक कोल आयात किया जाता है। उत्पादन कम होने के बाद से कोल की आवक तीन रेक कर दिए हैं.
बीएसपी में 90 फीसदी कोल विदेश का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे उत्पादन के दौरान राख कम से कम बने। हर दिन बीएसपी में पांच रेक कोल आयात किया जाता है। उत्पादन कम होने के बाद से कोल की आवक तीन रेक कर दिए हैं.
कितना कोल आता है एक रेक में
बीएसपी में विदेश से कोल आयात करते हैं। एक रेक में करीब 3068 टन कोल आता है। इस तरह से पांच रेक हर दिन पहुंच रही थी, जिसमें करीब 15340 टन कोल आता था। इसे कम कर अब 9,204 टन किए हैं। बीएसपी में पहले 4,60,200 टन कोल हर माह आयात करते थे। अब उसके स्थान पर 2,76,120 टन कोल आयात किया जा रहा है.
बीएसपी में विदेश से कोल आयात करते हैं। एक रेक में करीब 3068 टन कोल आता है। इस तरह से पांच रेक हर दिन पहुंच रही थी, जिसमें करीब 15340 टन कोल आता था। इसे कम कर अब 9,204 टन किए हैं। बीएसपी में पहले 4,60,200 टन कोल हर माह आयात करते थे। अब उसके स्थान पर 2,76,120 टन कोल आयात किया जा रहा है.
ब्लास्ट फर्नेस-8 में कम खर्च होता है कोक
ब्लास्ट फर्नेस-8 में बीएसपी के दूसरे फर्नेस की अपेक्षा कोक का खपत कम होता है। इसमें कोल डस्ट इंडक्शन सिस्टम लगा है, जिसके कारण कोक की खपत कम हो जाती है। सेल के तमाम संयंत्रों में 87 फीसदी विदेशी कोल का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 2.09 के करीब डोमेस्टिक कोल का इस्तेमाल करते हैं।
ब्लास्ट फर्नेस-8 में बीएसपी के दूसरे फर्नेस की अपेक्षा कोक का खपत कम होता है। इसमें कोल डस्ट इंडक्शन सिस्टम लगा है, जिसके कारण कोक की खपत कम हो जाती है। सेल के तमाम संयंत्रों में 87 फीसदी विदेशी कोल का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 2.09 के करीब डोमेस्टिक कोल का इस्तेमाल करते हैं।
क्या रेट है देशी और विदेशी कोल के
विदेशी कोयला हर माह अलग-अलग दर पर खरीदा जाता है। जब विदेशी कोल की औसत कीमत 8,040 रुपए प्रति टन रहती है, तब भारतीय कोल की औसत दर करीब 5,930 रुपए होती है। यह दर बाद में 16,434 रुपए प्रति टन तक पहुंच गई थी। वहीं घरेलू कोयला की कीमत भी बड़कर 8208 रुपए प्रति टन तक पहुंच गई थी। इसमें समय के साथ बदलाव आता रहता है।
विदेशी कोयला हर माह अलग-अलग दर पर खरीदा जाता है। जब विदेशी कोल की औसत कीमत 8,040 रुपए प्रति टन रहती है, तब भारतीय कोल की औसत दर करीब 5,930 रुपए होती है। यह दर बाद में 16,434 रुपए प्रति टन तक पहुंच गई थी। वहीं घरेलू कोयला की कीमत भी बड़कर 8208 रुपए प्रति टन तक पहुंच गई थी। इसमें समय के साथ बदलाव आता रहता है।